झुंझुनूं में अपात्रों की अब नहीं चलेगी चालाकी
खाद्य सुरक्षा योजना में पारदर्शिता और पात्र लाभार्थियों को ही योजना का लाभ दिलाने की दिशा में चलाए जा रहे निरीक्षण अभियान के तहत झुंझुनूं जिले में भी सख्ती शुरू हो गई है। जिला रसद अधिकारी (DSO) डॉ. निकिता राठौड़ के नेतृत्व में जिले की 720 उचित मूल्य
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हर सप्ताह कम से कम 8 दुकानों का निरीक्षण स्वयं डीएसओ करेंगी, वहीं प्रवर्तन निरीक्षक भी प्रतिदिन 3 से 4 दुकानों पर जाकर अपात्र लाभार्थियों की पहचान कर रहे हैं।
गांव-गांव पहुंची टीम, पड़ोसियों से ले रहे जानकारी
निरीक्षण टीम सिर्फ कागजी खानापूर्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि वह गांवों में जाकर ग्रामीणों, दुकानदारों और पड़ोसियों से बात कर यह पता लगा रही है कि जिन परिवारों को खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ मिल रहा है, वे वाकई पात्र हैं या नहीं। यदि कोई व्यक्ति या परिवार योजना की शर्तों के विपरीत पाया जाता है तो उसे नोटिस जारी कर योजना से नाम हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है।
अब तक 37,500 लोगों ने खुद हटवाया नाम
जिले में ‘गिव अप’ अभियान को मिल रही प्रतिक्रिया से प्रशासन भी हैरान है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार अब तक 8,500 परिवारों के 37,500 सदस्यों ने स्वेच्छा से खाद्य सुरक्षा योजना से अपना नाम हटवाया है। यह संख्या जिले में ईमानदारी से योजना का लाभ ले रहे पात्र लाभार्थियों की स्थिति को मजबूत कर रही है।
31 अगस्त तक चलाया जाएगा गिव अप अभियान
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने गिव अप अभियान की समय सीमा बढ़ाकर अब 31 अगस्त कर दी है। इसका उद्देश्य अपात्र लाभार्थियों को योजना से बाहर करना है ताकि उन वास्तविक जरूरतमंदों को लाभ मिल सके, जो अभी तक योजना से वंचित हैं। विभाग ने अब तक 350 से अधिक नोटिस जारी किए हैं और चेताया है कि यदि नाम नहीं हटाए गए तो संबंधित व्यक्तियों से वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण के दौरान इन बातों की होगी जांच
डीएसओ डॉ. निकिता राठौड़ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह देखा जाएगा कि—
राशन की दुकानों पर “गिव अप अभियान” का बैनर स्पष्ट रूप से लगा हो।
दुकानदार के पास गिव अप फॉर्म की पर्याप्त उपलब्धता हो।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का बोर्ड दुकान पर प्रदर्शित हो।
लाभार्थी सूची बोर्ड पर चस्पा हो।
ई-पॉस मशीन से वितरण हो रहा हो और उसका रिकॉर्ड ठीक से संधारित हो।
किसी भी प्रकार की धांधली, अनियमितता या कालाबाजारी न हो।
प्रवर्तन निरीक्षक निभा रहे अहम भूमिका
झुंझुनूं जिले के प्रवर्तन निरीक्षक इस अभियान में कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। उन्हें प्रतिदिन 3 से 4 उचित मूल्य दुकानों का निरीक्षण करने का लक्ष्य दिया गया है। ये निरीक्षक मौके पर जाकर न केवल दुकान संचालन की व्यवस्था की जांच कर रहे हैं, बल्कि लाभार्थियों के रिकॉर्ड और वास्तविकता का भी आकलन कर रहे हैं।
डीएसओ ने कसा शिकंजा, दुकानें भी होंगी जिम्मेदार
डीएसओ ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई उचित मूल्य दुकानदार अपात्र व्यक्ति को राशन देता पाया गया, या गिव अप अभियान में लापरवाही बरतता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। विभाग यह भी सुनिश्चित कर रहा है कि दुकानदार योजना संबंधी सभी सूचनाएं सार्वजनिक रूप से बोर्ड पर लगाएं ताकि पारदर्शिता बनी रहे।