Anirudh Verma brought together classical and contemporary music | शास्त्रीय और समकालीन म्यूजिक का अनिरुद्ध वर्मा ने करवाया संगम: साडे नाल से लेकर शंकरा तक की रचना ने दर्शकों को बांधे रखा, जयपुर में दिखा नया नजारा – Jaipur News

Actionpunjab
2 Min Read


प्रख्यात संगीतकार और पियानोवादक अनिरुद्ध वर्मा के नेतृत्व में ‘अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव’ ने मंच पर अपनी जादुई प्रस्तुति दी।

राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (RIC) के मुख्य सभागार में शुक्रवार की शाम संगीत प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव लेकर आई, जब प्रख्यात संगीतकार और पियानोवादक अनिरुद्ध वर्मा के नेतृत्व में ‘अनिरुद्ध वर्मा कलेक्टिव’ ने मंच पर अपनी जादुई प्रस्तुति दी। यह प्

.

यह प्रस्तुति भारतीय शास्त्रीय संगीत और आधुनिक साउंडस्केप्स का एक अद्वितीय मेल थी, जिसने सभागार में उपस्थित दर्शकों को पूरी तरह से भावविभोर कर दिया।

यह प्रस्तुति भारतीय शास्त्रीय संगीत और आधुनिक साउंडस्केप्स का एक अद्वितीय मेल थी, जिसने सभागार में उपस्थित दर्शकों को पूरी तरह से भावविभोर कर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत दिल को छू लेने वाली रचना साडे नाल से हुई, जिसने जैसे ही सुर पकड़े, पूरा माहौल संगीत में डूब गया। इसके बाद जयजैवंती, निर्भय निर्गुण, मौसम और शंकरा जैसी रचनाएं श्रोताओं को एक सांगीतिक यात्रा पर ले गईं, जहां परंपरा और नवाचार का अद्भुत संगम देखने को मिला।

प्रस्तुत की गई प्रमुख रचनाओं में साडे नाल, बाजो, गावती, जयजैवंती, रास रचत, मौसम, निर्भय निर्गुण, मेघ, कुछ दूरियां, काहे करत, भीमपलासी और शंकरा शामिल रही।

प्रस्तुत की गई प्रमुख रचनाओं में साडे नाल, बाजो, गावती, जयजैवंती, रास रचत, मौसम, निर्भय निर्गुण, मेघ, कुछ दूरियां, काहे करत, भीमपलासी और शंकरा शामिल रही।

प्रस्तुत की गई प्रमुख रचनाओं में साडे नाल, बाजो, गावती, जयजैवंती, रास रचत, मौसम, निर्भय निर्गुण, मेघ, कुछ दूरियां, काहे करत, भीमपलासी और शंकरा शामिल रही।

कलाकारों की टीम में अनिरुद्ध वर्मा पर कीबोर्ड, वोकल्स में सप्तक चटर्जी, प्रतीक नरसिम्हा, आस्था मंडले, बसुधारा रॉय मुंशी, गिटार पर श्रीकांत बिस्वकर्मा, बास पर मधुर चौधरी, तबले पर सप्तक शर्मा, सितार पर सौमित्र ठाकुर, सरोद पर रोहन प्रसन्ना, ड्रम्स पर सुयश गेब्रियल रहे साउंड इंजीनियर ी भूमिका में देवमित्र ठाकुर रहे। हर कलाकार ने न सिर्फ अपनी व्यक्तिगत प्रतिभा से प्रस्तुति को ऊंचाई दी, बल्कि सामूहिक तौर पर मंच पर ऐसा संगीत संवाद रचा जो दर्शकों के दिल में उतर गया। भारतीय शास्त्रीय वाद्ययंत्रों और आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक ध्वनियों के संयोजन ने संगीत की एक नई और प्रभावशाली दुनिया रच दी।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *