Srinagar Shaheedi Shatabdi Program ; Education Minister Harjot Bains Admitted Mistake | Sri Akal Takht Sahib | पंजाब शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने मानी गलती: अकाल तख्त के समन पर मांगी माफी, शहीदी दिवस कार्यक्रम में सिख मर्यादा के उल्लंघन पर विवाद – Amritsar News

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पंजाब सरकार के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने श्री अकाल तख्त साहिब से समन मिलने के बाद सार्वजनिक रूप से अपनी गलती स्वीकार कर ली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर गुरबाणी की एक पंक्ति साझा करते हुए माफी मांगी।

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बैंस ने लिखा: हम तो हमेशा अपराध और भूल करने वाले हैं, लेकिन आप (हे प्रभु) हमेशा क्षमा करने वाले हैं।

उनका यह बयान श्री अकाल तख्त द्वारा भेजे गए समन के बाद आया है, जिसमें उन्हें तलब किया गया था। बैंस के इस कदम को गलती स्वीकार करने और धार्मिक मर्यादाओं के प्रति सम्मान के रूप में देखा जा रहा है।

हरजोत बैंस की तरफ से की गई पोस्ट।

हरजोत बैंस की तरफ से की गई पोस्ट।

सिख परंपरा के विरुद्ध गतिविधियां हुईं

यह विवाद उस समय उठा जब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर श्रीनगर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सिख परंपरा के विरुद्ध गतिविधियां हुईं। यह कार्यक्रम पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग और भाषा विभाग की ओर से आयोजित किया गया था।

इस मामले में श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और भाषा विभाग के डायरेक्टर सरदार जसवंत सिंह को 1 अगस्त 2025 को पांच सिंह साहिबान की विशेष बैठक में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है।

श्री नगर में करवाया गया कार्यक्रम।

श्री नगर में करवाया गया कार्यक्रम।

गलती के बाद भी नहीं दिया गया स्पष्टीकरण

श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय के इंचार्ज सरदार बगीचा सिंह ने बताया कि दोनों अधिकारियों को आधिकारिक पत्र जारी कर पेश होने के लिए सूचित कर दिया गया है। जत्थेदार गड़गज ने इस बात पर चिंता जताई कि कई बार अवसर दिए जाने के बावजूद न तो मंत्री और न ही अधिकारी ने कोई स्पष्टीकरण दिया है और न ही सिख संगत से माफी मांगी है।

उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की समाज के प्रति नैतिक और धार्मिक जिम्मेदारी होती है और इस तरह के गंभीर मामलों में उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है।

शहीदी शताब्दी समारोह में नाच-गाने पर हुआ था विवाद

जत्थेदार ने यह भी कहा कि यह पहली बार हुआ है जब किसी शहीदी शताब्दी समारोह की शुरुआत नाच-गाने और मनोरंजन के साथ की गई, जो सिख मर्यादा और भावनाओं के सर्वथा विपरीत है। उल्लेखनीय है कि इसी बैठक में पंजाबी गायक बीर सिंह का मामला भी विचाराधीन रहेगा, जिन्होंने पहले ही श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर अपना पक्ष रखा है और माफी मांगी है।

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