आरोपियों को पकड़ने के बाद देर शाम को मेडिकल करवान के लिए अस्पताल में पहुंची पुलिस।
सीआईए करनाल की टीम ने सीईटी परीक्षा में फर्जीवाड़े की कोशिश कर रहे एक शातिर युवक को रंगे हाथों पकड़ लिया। उसने अपने एडमिट कार्ड पर किसी और युवक का फोटो चिपका रखा था, जबकि असल में परीक्षा में किसी दूसरे को बैठना था। लेकिन ऐन वक्त पर दूसरा युवक नहीं पह
.

सिविल अस्पताल में आरोपियों को मेडिकल के लिए लेकर आई पुलिस।
एग्जाम सेंटर पर ही पकड़ में आया आरोपी सीआईए करनाल के एएसआई नरेश कुमार ने बताया कि शनिवार को आरएस पब्लिक स्कूल में सीईटी की परीक्षा आयोजित की गई थी। इसी दौरान एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम सेंटर पर पहुंची और एक संदिग्ध युवक को पकड़ा। पूछताछ में उसकी पहचान राकेश कुमार के रूप में हुई, जो जींद जिले के रुपगढ़ गांव का रहने वाला है।
एडमिट कार्ड में था किसी और का फोटो जांच में सामने आया कि राकेश कुमार ने अपने एडमिट कार्ड पर किसी और युवक का फोटो लगाकर परीक्षा देने की कोशिश की थी। पेपर शुरू होने के कुछ देर बाद ही पुलिस ने उसे काबू कर लिया। जब एडमिट कार्ड की जांच की गई तो उसमें राकेश की जगह किसी अन्य युवक का फोटो लगा मिला।

दूसरे की जगह एग्जाम देने वाले आरोपी को हिरासत में लेती पुलिस।
असल में किसी और को देना था पेपर, लेकिन वह आया ही नहीं पूछताछ में राकेश ने बताया कि वह पढ़ाई में कमजोर है, इसलिए उसने किसी और युवक को पैसे देकर पेपर दिलवाने की योजना बनाई थी। उसके एडमिट कार्ड पर उसी युवक की फोटो लगाई गई थी। योजना के अनुसार, वह युवक उसकी जगह परीक्षा देने आने वाला था, इसके लिए पैसे की भी बातचीत हुई थी, लेकिन ऐन वक्त पर वह पहुंचा ही नहीं। ऐसे में राकेश खुद ही सेंटर पहुंच गया और पकड़ में आ गया।
कैथल से दबोचा गया दूसरा युवक भगत सिंह सीआईए टीम ने राकेश से पूछताछ के बाद दूसरे युवक की तलाश शुरू की। राकेश ने उसका नाम भगत सिंह बताया। पुलिस ने कैथल से भगत सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों युवकों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और आरोपितों के मोबाइल व अन्य दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं, ताकि खुलासा हो सके कि क्या पहले भी ये किसी ओर संदिग्ध गतिविधि में शामिल रहे है।