BJP Ravi Kishan Update; Food Standards | Consumer Rights | रवि किशन बोले- कहीं समोसा छोटा, कहीं बड़ा मिलता है: संसद में मांग रखी- होटलों-ढाबों में भोजन की मात्रा का स्टैंडर्ड तय करने कानून बने

Actionpunjab
4 Min Read


नई दिल्ली2 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने जीरो आवर में यह सवाल सदन में रखा  था। - Dainik Bhaskar

गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने जीरो आवर में यह सवाल सदन में रखा था।

भाजपा सांसद और एक्टर रवि किशन ने बुधवार को सरकार से देशभर के होटलों, रेस्टोरेंट, ढाबों में परोसी जाने वाली खाने की चीजों की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कानून बनाने की मांग की। उन्होंने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कहा कि देश में कहीं भी, किसी भी खाद्य पदार्थ या व्यंजन की कीमतों और गुणवत्ता में कोई यूनिफॉर्मिटी नहीं है।

रवि किशन लोकसभा में शून्यकाल के दौरान अपनी मांग रखी। उन्होंने कहा- कहीं आपको ढाबे में समोसा X दर पर मिलता है, जबकि Y दर पर। कहीं छोटा समोसा मिलता है, कहीं बड़ा। कुछ दुकानों पर दाल तड़का 100 रुपए में मिलती है, जबकि कुछ पर 120 रुपए में और किसी होटल में 1000 रुपए में।

गोरखपुर सांसद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बदलाव किए हैं, लेकिन इस क्षेत्र पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इसलिए, मैं मांग करता हूं कि सरकार एक कानून लाए ताकि ग्राहकों को खाना किफायती दामों पर मिल सके।

सांसद बोले- खाना बनाने में इस्तेमाल किए तेल-घी की जानकारी भी मेन्यू में हो

रवि ने X पर एक पोस्ट में लिखा- देशभर के होटल और ढाबों में मिलने वाले भोजन की मात्रा का मानक तय हो। होटलों के मेन्यू कार्ड में सिर्फ कीमत लिखी होती है, मात्रा नहीं। इससे ग्राहकों को भ्रम होता है और भोजन का वेस्टेज भी होता है। मेरी मांग है कि कानून तय करे कि मेन्यू में कीमत के साथ-साथ खाद्य पदार्थ की मात्रा भी लिखी हो।

खाना किस तेल या घी में बना है, इसकी जानकारी भी दी जाए। ग्राहक का अधिकार है कि वह जाने कि वह कितनी मात्रा के लिए कितना भुगतान कर रहा है।

भारत में FASSI करता है खाद्य पदार्थों के मानकों का निर्धारण

भारत में खाद्य पदार्थों के मानकों का निर्धारण FSSAI करता है। इसका पूरा नाम फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया है। इसकी स्थापना अगस्त 2011 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत हुई थी। खाद्य मानकों का निर्धारण, निरीक्षण और लाइसेंसिंग करना। लेबलिंग नियम बनाना, खाने की गुणवत्ता पर नजर रखना, नागरिकों को जागरूक करना FSSAI की जिम्मेदारियां हैं।

खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 सबसे महत्वपूर्ण कानून, जिसमें फूड से जुड़े पुराने सभी कानूनों को एक जगह समाहित कर दिया गया। FSSAI की स्थापना इसी कानून के तहत हुई है।

इसके तहत यह अधिनियम पूरे भारत में खाद्य उत्पादों के उत्पादन, वितरण, भंडारण, बिक्री, आयात पर नियम बनाता है। खाद्य कारोबारियों को FSSAI लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य है।

मिलावट, दूषित भोजन, मिसब्रांडिंग पर सख्त दंड और भारी जुर्माने का प्रावधान है। इसके तहत मिलावटी खाद्य पदार्थों पर ₹2 से ₹10 लाख जुर्माना या जेल, गलत/झूठा विज्ञापन देने पर ₹10 लाख जुर्माना लग सकता है।

ये खबर भी पढ़ें…

प्रियंका बोलीं- मोदी दोस्त बनाते हैं, बदले में क्या मिला: टैरिफ मुद्दे पर PM जवाब दें; बिहार वोटर वेरिफिकेशन पर भी सदन में हंगामा

संसद के मानसून सत्र का गुरुवार को 9वां दिन है। बिहार वोटर वेरिफिकेशन और अमेरिका के टैरिफ लगाने वाले मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा किया। दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को भारत पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा- अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ पर जो कहा, उसे सबने देखा है। प्रधानमंत्री मोदी हर जगह जाते हैं, दोस्त बनाते हैं और फिर हमें बदले में यही मिलता है। पढ़ें पूरी खबर…

खबरें और भी हैं…
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *