Savan Purnima fast on 8th August, Rakshabandhan will be celebrated on 9th August, significance of rakshabandhan in hindi | 8 को व्रत की पूर्णिमा, 9 अगस्त को मनेगा रक्षाबंधन: दो दिन रहेगी सावन पूर्णिमा, अपने इष्टदेव को चढ़ाएं रक्षासूत्र और काले तिल का करें दान

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7 घंटे पहले

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8 और 9 अगस्त को दो दिन, सावन पूर्णिमा रहेगी। 8 तारीख को सूर्योदय के समय चतुर्दशी तिथि रहेगी, इसके बाद दोपहर 1.35 बजे से सावन पूर्णिमा तिथि शुरू होगी, जो कि अगले दिन यानी 9 अगस्त की दोपहर 1.20 बजे तक रहेगी। जबकि 9 अगस्त को सूर्योदय पूर्णिमा तिथि में होगा, इस वजह से इस दिन रक्षाबंधन मनाया जाएगा। इसी दिन नदी स्नान, दान-पुण्य और पूर्णिमा से जुड़े अन्य शुभ काम किए जा सकेंगे। 8 अगस्त को सिर्फ व्रत की पूर्णिमा रहेगी, जो लोग पूर्णिमा व्रत करते हैं, वे इस दिन व्रत कर सकते हैं।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। 9 अगस्त को पूरे दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया जा सकेगा। इस बार रक्षाबंधन शनिवार को है, इसी दिन श्रवण नक्षत्र भी रहेगा। श्रवण नक्षत्र के स्वामी भगवान विष्णु हैं और शनिवार के स्वामी शनिदेव हैं। इसलिए रक्षाबंधन पर शिव जी, विष्णु जी के साथ ही शनिदेव की पूजा का शुभ योग बन रहा है। सावन महीने की अंतिम तिथि यानी पूर्णिमा पर शिव जी का अभिषेक करना चाहिए।

महालक्ष्मी के साथ विष्णु जी का अभिषेक

पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु का अभिषेक करने की परंपरा है। इस दिन महालक्ष्मी के साथ विष्णु जी का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करना चाहिए। दूध दक्षिणावर्ती शंख में भरें और फिर भगवान की प्रतिमाओं पर अर्पित करें। दूध के बाद जल चढ़ाएं। हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं। ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

शनिदेव के लिए कर सकते हैं ये शुभ काम

शनिवार और पूर्णिमा के योग में शनिदेव का सरसों के तेल से अभिषेक करना चाहिए। शनिदेव को काले तिल, नीले फूल, काली उड़द चढ़ाएं। ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जप करें। जरूरतमंद लोगों को काले तिल से बना खाना, काला कंबल, जूते-चप्पल और छाते का दान करें।

अपने इष्टदेव को चढ़ाएं रक्षासूत्र

वैसे तो रक्षाबंधन भाई-बहन का त्योहार माना जाता है, लेकिन इस दिन अपने इष्टदेव जैसे भगवान शिव, श्रीकृष्ण, श्रीहरि, श्रीराम, हनुमान, देवी दुर्गा, महालक्ष्मी आदि को भी रक्षासूत्र चढ़ाना चाहिए। विधिवत पूजा करें और सुखी-समृद्ध जीवन की कामना से भगवान को रक्षासूत्र अर्पित करें।

सावन के अंतिम दिन यानी सावन पूर्णिमा पर शिव जी का अभिषेक जरूर करना चाहिए। अब जानिए घर पर ही शिव पूजा करने के सरल स्टेप्स…

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