Kajari Teej and Angarak Ganesh Chaturthi on 12th August, Ganesh chaturthi on 12 August in hindi, Ganesh Puja vidhi in hindi | 12 अगस्त को कजरी तीज और अंगारक गणेश चतुर्थी: मंगलवार को भगवान गणेश, शिव-पार्वती, हनुमान और मंगल ग्रह की पूजा एक साथ करने का शुभ योग

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14 घंटे पहले

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मंगलवार, 12 अगस्त 2025 को दो शुभ तिथियां एक साथ पड़ रही हैं- कजरी तीज और अंगारक गणेश चतुर्थी। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि, जिसे कजरी तीज कहा जाता है, 12 अगस्त की सुबह 9:45 बजे तक रहेगी। ये तिथि मुख्य रूप से देवी पार्वती को समर्पित होती है और विशेष रूप से विवाहित स्त्रियां इस दिन अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। शिव-पार्वती का अभिषेक करती हैं। इस दिन झूला झूलने और पारंपरिक लोक गीतों का आयोजन होता है।

चतुर्थी तिथि 12 अगस्त को सुबह 9:45 बजे के बाद शुरू होगी और अगले दिन 13 अगस्त की सुबह 7.55 बजे तक रहेगी। जब चतुर्थी तिथि मंगलवार को आती है तो इसे अंगारक चतुर्थी कहा जाता है। ये दिन भगवान गणेश के साथ-साथ मंगल ग्रह और हनुमान जी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ होता है।

क्यों कहते हैं इसे अंगारक चतुर्थी?

ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, मंगलवार के अधिपति ग्रह मंगल का एक नाम अंगारक भी है। इसलिए मंगलवार को पड़ने वाली चतुर्थी को अंगारक चतुर्थी का नाम दिया गया है। इस व्रत से पारिवारिक सुख-समृद्धि, रोग मुक्ति, संतान सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

अंगारक चतुर्थी व्रत कैसे करें?

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।
  • गणेश जी को पंचामृत से स्नान कराएं, दूर्वा, सिंदूर, फूल, चावल, फल, लड्डू आदि अर्पित करें।
  • श्री गणेशाय नमः मंत्र का जप करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें
  • पूजा में चतुर्थी व्रत करने का संकल्प लें और दिनभर निराहार रहें।
  • शाम को चंद्रमा के दर्शन के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। भगवान गणेश की पूजा करें। इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें। इस तरह चतुर्थी व्रत पूरा होता है।

शिवलिंग रूप में होती है मंगल ग्रह की पूजा

मंगलवार मंगल ग्रह की पूजा के लिए विशेष महत्व रखता है। मंगल का संबंध शिवलिंग से माना जाता है, इसलिए शिवलिंग रूप में मंगलदेव की पूजा होती है। जिनकी कुंडली में मांगलिक दोष है, वे इस दिन शिवलिंग पर लाल पुष्प, लाल चंदन, लाल मसूर, लाल गुलाल चढ़ाकर मंगल दोष शांति के लिए पूजन कर सकते हैं।

उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर और अंगारेश्वर महादेव मंदिर को मंगल ग्रह का जन्म स्थान माना जाता है। यहां की गई मंगल पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है।

मंगलवार को करें हनुमान जी की पूजा

मंगलवार हनुमान जी का वार भी है। इसलिए इस दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है। भगवान के सामने दीपक जलाएं, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ करें। लाल चोला चढ़ाएं और गुड़-चना का भोग लगाएं।

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