लखनऊ में इलेक्ट्रिक वाहनों की लीज डील के नाम पर एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। चिनहट निवासी कारोबारी जुनैद अली और जावेद अली, जो ZMR Mobility Private Limited के डायरेक्टर हैं, ने दिल्ली-एनसीआर की दो कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी और जान-माल
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गलत गाड़ियां भेजीं, बीमा और रजिस्ट्रेशन नहीं दिया
जुनैद अली ने बताया कि 15 से 17 फरवरी 2025 के बीच Logisync Software Private Limited और GlobalTranslantics Supply LLP के डायरेक्टर अंकुश मेहरा के साथ 40 EBLU FEOX इलेक्ट्रिक गाड़ियों की डील ₹1.68 लाख प्रति गाड़ी की दर से लीज़ पर हुई थी। लेकिन जब गाड़ियां पहुंचीं, तो वे गलत मॉडल (FEO) की थीं, हरियाणा नंबर की थीं और उनके साथ न बीमा था, न आरसी।
₹2 लाख में 51 गाड़ियों की डील, मिली सिर्फ 40 वो भी अधूरी
इसके बाद अंकुश मेहरा की दूसरी कंपनी को बैंक ट्रांसफर के जरिए ₹2 लाख और दिए गए। इसके बदले में 51 गाड़ियां मिलने की बात थी, लेकिन केवल 40 गाड़ियां ही भेजी गईं, वो भी बिना वैध रजिस्ट्रेशन और दस्तावेज़ों के बाकी 11 गाड़ियां अब तक नहीं दी गईं।
ट्रांसपोर्टेशन में टैक्स चोरी, गाड़ियां और सामान जब्त
व्यवसायी ने बताया कि उन्होंने 55 हजार रुपए ट्रांसपोर्टेशन चार्ज के तौर पर अंकुश मेहरा और उनके कर्मचारी सुनील कुमार राठौर को दिए थे। इसमें 40 BGAUSS DISS ई-व्हीकल, 10 बैटरियां और 48 चार्जर लखनऊ भेजे जाने थे। लेकिन टैक्स चोरी के उद्देश्य से कम मूल्य दिखाकर फर्जी बिल तैयार किए गए, जिससे माल को कानपुर में सेल टैक्स अधिकारियों ने जब्त कर लिया। बाद में कंपनी पर चालान भी किया गया।
धमकी और दबाव का भी आरोप
जावेद अली का आरोप है कि जब उन्होंने शेष गाड़ियों और नुकसान की भरपाई की मांग की, तो उन्हें धमकाया गया। आरोप है कि प्रशासन से जुड़े लोगों के माध्यम से समझौते का दबाव भी बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं, फाइनेंस की गई जिन गाड़ियों से संबंधित कोई लेनदेन नहीं था, उन पर भी जबरन कब्जा कर लिया गया है।
मानसिक, सामाजिक और व्यवसायिक नुकसान की बात
व्यवसायी ने बताया कि इस धोखाधड़ी से उन्हें करीब ₹2.31 करोड़ का सीधा नुकसान हुआ है। साथ ही मानसिक तनाव, सामाजिक प्रतिष्ठा और व्यवसायिक अवसरों को भी भारी क्षति पहुंची है। उन्होंने कहा कि अब उन्हें और उनके परिवार को जान-माल का खतरा बना हुआ है।