15 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों की समस्याएं दूर होती हैं, ऐसी मान्यता है। हनुमान चालीसा में कुल 40 चौपाइयां हैं। इसलिए इसे चालीसा कहा जाता है। इन चौपाइयों में भगवान हनुमान के गुण, पराक्रम, भक्ति और श्रीराम के प्रति समर्पण भाव के बारे में बताया गया है। ये अवधी भाषा में रची गई है।
हनुमान चालीसा की सरल भाषा की वजह से इसका पाठ करना बहुत आसान है, हनुमान पूजा में अधिकतर भक्त इसका पाठ जरूर करते हैं।
जानिए हनुमान चालीसा का पाठ करने से कौन-कौन से लाभ मिल सकते हैं…
- उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त अनजाने भय से दूर रहता है, नकारात्मक विचार दूर होते हैं।
- हनुमान चालीसा में हनुमान जी पराक्रम और आत्मविश्वास के बारे में बताया है, इसका पाठ करने से भक्त का भी आत्मविश्वास बढ़ता है और भक्त बड़े-बड़े काम करने के लिए भी आत्मविश्वास से भर जाता है।
- इसकी लय और ध्वनि तरंगों से हमारा मन शांत होता है, तनाव कम होता है और ध्यान केंद्रित करने की शक्ति बढ़ती है। चालीसा की लयबद्धता और अर्थपूर्ण शब्द मन को स्थिरता प्रदान करते हैं।
- आध्यात्मिक दृष्टिकोण से हनुमान जी को बल, बुद्धि और आरोग्य का प्रतीक माना गया है। हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से व्यक्ति के विचार सकारात्मक बनते हैं। सकारात्मकता बढ़ने से व्यक्ति ऊर्जा से भरपूर रहता है।
- कहा जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसके अधूरे कार्य पूर्ण होते हैं। हनुमान अपने भक्तों की बाधाएं दूर करके उनके कार्यों को सफल बनाते हैं, ऐसी मान्यता है।
- ज्योतिष शास्त्र में हनुमान जी शनि देव के कष्टों से मुक्ति दिलाने वाले देवता माने गए हैं। हर शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करने से कुंडली के शनि दोष शांत हो सकते हैं।
- चालीसा का पाठ करते समय भगवान के प्रति समर्पण, श्रद्धा और भक्ति भाव जागृत होता है, जिससे हमारा मन भगवान के प्रति समर्पित होता है, भक्ति में हमारी एकाग्रता बनी रहती है।
- संस्कृत या अवधी जैसी भाषाओं के मंत्र और छंद उच्चारण से जो ध्वनि उत्पन्न होती है, वो आसपास की ऊर्जा को सकारात्मक बनाती है।
ऐसे कर सकते हैं हनुमान चालीसा का पाठ
- हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए विशेष विधि की आवश्यकता नहीं है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखने से इसके पाठ से जल्दी लाभ मिल सकता है:
- स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र पहनकर, शांत स्थान पर बैठकर पाठ करना चाहिए। कम से कम एक बार इसका पाठ करना चाहिए।
- मन में भगवान के प्रति असीम श्रद्धा और अटूट विश्वास रखें, क्योंकि यही सच्ची भक्ति की पहचान है।
- रोज सुबह या शाम को इसका पाठ नियमित रूप से करना चाहिए। मंगलवार और शनिवार को तो जरूर इसका पाठ करें।
- पाठ करने से पहले हनुमान जी के सामने दीपक जलाएं। भगवान का ध्यान करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- इसका केवल शाब्दिक पाठ न करें, बल्कि भावनात्मक रूप से जुड़कर, अर्थ समझते हुए पाठ करें।
खबरें और भी हैं…