आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भ्रष्टाचार मामले में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों को हटाने वाले बिल को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का यह कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं है, बल्कि विपक्षी नेताओं को झूठे मामल
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पार्टी संयोजक ने फैसला लिया
संजय सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एक गैर-संवैधानिक और गैर-लोकतांत्रिक बिल ला रही है, जिसका मकसद विपक्षी सरकारों को गिराना, तोड़ना, खरीद-फरोख्त करना और नेताओं को झूठे मुकदमों में फंसाकर इस्तीफा लेने के लिए मजबूर करना है। यह बिल लोकतंत्र खत्म करने के इरादे से लाया जा रहा है। इसलिए आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल ने फैसला लिया है कि हम सरकार द्वारा बनाई जा रही जेपीसी का हिस्सा नहीं बनेंगे।
संजय सिंह ने कहा कि भाजपा का भ्रष्टाचारियों से वैसा ही प्रेम है, जैसा राुझा को हीर से, लैला को मजनूु से और रोमियो को जूलियट से था। उन्होंने सवाल उठाया कि अजीत पवार, नारायण राणे, छगन भुजबल, हसन मुश्रीफ, जी. जनार्दन रेड्डी, बीएस. येदियुरप्पा, मुकुल रॉय, शुभेंदु अधिकारी, हिमंता बिस्वा सरमा जैसे नेताओं पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन आज वे किस पार्टी में हैं?

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अदानी के मुद्दे पर पीएम को घेरा
संजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे खुलेआम देश की हजारों-लाखों करोड़ की संपत्ति अपने दोस्त अदानी को सौंप रहे हैं। यह कौन-सा भ्रष्टाचार विरोधी रवैया है? कौन यकीन करेगा कि यह बिल वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ है? भाजपा तो गाय काटने वाली कंपनी से चंदा तक लेती है। इसलिए यह कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं, बल्कि विपक्षी पार्टियों को खत्म करने, विधायकों की खरीद-फरोख्त करने और सरकारें गिराने के लिए है।
अंत में संजय सिंह ने एक्स पर लिखा – “भ्रष्टाचारियों के सरदार भ्रष्टाचार के खिलाफ बिल कैसे ला सकते हैं? नेताओं को फर्जी मामलों में फंसाना और जेल में डालना, तथा सरकारों को गिराना ही इस बिल का असली उद्देश्य है। इसलिए अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने जेपीसी में शामिल न होने का फ़ैसला किया है।”