यमुनानगर में आर्मी के रिटायर्ड कैप्टन के साथ धोखाधड़ी के मामले में बार-बार एसपी ऑफिस में शिकायत देने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते उसे कोर्ट का सहारा लेना पड़ा। कोर्ट के आदेश पर अब 1 साल 3 माह और 18 दिन के बाद पुलिस ने कैप्टन के पड़ोसी देवर, भ
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आरोपियों ने कैप्टन के साथ मिलकर सहारनपुर में पट्टे पर भूमि ली थी, जिस पर दोनों पार्टियों ने मिलकर पॉपुलर के पेड़ लगाए थे, लेकिन दूसरी पार्टी ने सफल को अकेले ही बेचकर मुनाफा कमा लिया। जब कैप्टन ने इस बिक्री बारे पूछताछ की और अपना हिस्सा मांगा तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी।
बिना औपचारिकता के भूमि पट्टे पर लेने की सहमति
सेक्टर 17 हुडा निवासी सेवानिवृत सेना अधिकारी कैप्टन ने बताया कि उनके पड़ोसी रमेश प्रताप के साथ उनके मित्रतापूर्ण संबंध थे। 2019 में रमेश ने सहारनपुर के मऊजा मंडला में 77 बीघा कृषि भूमि को पट्टे पर लेने का प्रस्ताव रखा।
यह भूमि रमेश की भाभी ऊषा के हिस्से में थी। दोनों पक्षों ने बिना किसी औपचारिक समझौते के सहमति बनाई और भूमि को दो बराबर हिस्सों में पट्टे पर लिया। इस पर संयुक्त रूप से पॉपुलर के पेड़ लगाए गए, जिसमें कैप्टन ने 1 लाख 56 हजार रुपए का निवेश किया।
2019 से 2024 तक इस भूमि पर गेहूं की फसल उगाई गई, जिसकी आय को दोनों पक्षों में बराबर बांटा जाना था। हालांकि, 2022-23 और 2023-24 की फसल की बिक्री का हिसाब कैप्टन को नहीं दिया गया। हिसाब-किताब में पता चला कि कैप्टन ने पट्टे और अन्य खर्चों के लिए कुल 7 लाख 26 हजार 500 रुपए का भुगतान किया था।

पुलिस थाना सेक्टर 17 यमुनानगर।
चुपके से बेच दिए 75 लाख रुपए के पेड़
मई 2024 में कैप्टन को पता चला कि रमेश ने चुपके से पॉपुलर के पेड़ों को 75 लाख रुपए में ठेकेदारों को बेच दिया। जब कैप्टन ने 5 मई 2024 को भूमि का दौरा किया, तो ठेकेदार मेहरबान द्वारा पेड़ काटे जा रहे थे। मेहरबान ने खुलासा किया कि पेड़ों को उसे और एक अन्य ठेकेदार को बेचा गया था, लेकिन उसने दूसरे ठेकेदार की पहचान नहीं बताई।
कैप्टन ने तुरंत स्थानीय पुलिस में शिकायत की और पेड़ों की कटाई रुकवाई। लेकिन जब उन्होंने रमेश से अपनी हिस्सेदारी मांगी, तो रमेश ने हिसाब देने से इनकार कर दिया और कथित तौर पर कैप्टन और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी दी।
पुलिस में शिकायत, लेकिन कार्रवाई नहीं
08 मई 2024 को कैप्टन ने पुलिस अधीक्षक, यमुनानगर कार्यालय में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर एक शिकायत सौंपी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद 08 जून 2024 को शिकायत का रिमाइंडर डाला गया।
कैप्टन का आरोप है कह पर्याप्त दस्तावेजी साक्ष्य प्रदान करने के बावजूद भी उसकी शिकायत पर पुलिस अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। उसने फिर13 नवंबर 2024 काे शिकायत की, हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने इसे तुच्छ आधार पर निपटा दिया।
कोर्ट के आदेश पर केस हुआ दर्ज
जब पुलिस में सुनवाई नहीं हुई तो कैप्टन ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट के आदेश पर 1 साल 3 माह और 18 दिन बाद सेक्टर 17 हुडा थाने में आरोपी रमेश प्रताप, उसकी भाभी ऊषा व भतीजी पूजा के खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात, धमकी और साजिश के आरोप मामला दर्ज किया गया।