पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ बीते साल दिसंबर में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर शोक जताने सिरसा पहुंचे थे। यहां उन्होंने INLD के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला को सांत्वना दिया। – फाइल फोटो
देश के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला के दिल्ली के छतरपुर स्थित फार्म हाउस में रहेंगे। सोमवार शाम 6 बजे धनखड़ ने अचानक इस्तीफे के 42 दिन बाद उपराष्ट्रपति आवास छोड़ दिया।
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इस बारे में अभय चौटाला ने पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने ही धनखड़ से पुराने रिश्तों का हवाला देते हुए उनके घर में रहने की रिक्वेस्ट की थी। जिसे उन्होंने मान लिया।
धनखड़ ने 21 जुलाई को पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। तब से वे सार्वजनिक कहीं नजर नहीं आए। इस दौरान विपक्ष ने हाउस अरेस्ट जैसे कई आरोप लगाए। हालांकि सरकार ने इनसे इनकार किया। धनखड़ अब तक संसद भवन के पास उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में रह रहे थे।
74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। उन्होंने 10 जुलाई को एक कार्यक्रम में कहा था, ‘ईश्वर की कृपा रही तो अगस्त, 2027 में रिटायर हो जाऊंगा।’
धनखड़ के अभय चौटाला के फार्म हाउस में शिफ्ट होने बाद अभय चौटाला ने कहा- जगदीप धनखड़ शाम करीब 6 बजे हमारे आवास में शिफ्ट हुए हैं। यह घर जगदीप धनखड़ का ही

धनखड़ ने सोमवार को अपना सरकारी आवास खाली किया।
टाइप-8 बंगला मिलने तक फॉर्म हाउस में रहेंगे धनखड़ अभय चौटाला के फार्म हाउस में तब तक रहेंगे, जब तक उन्हें टाइप-8 सरकारी बंगला आवंटित नहीं कर दिया जाता, जिसके वे पूर्व उपराष्ट्रपति होने के नाते हकदार हैं।
धनखड़ के करीबी सूत्रों ने बताया कि वे अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं, टेबल टेनिस खेल रहे हैं और योग का अभ्यास कर रहे हैं।
नए उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर को होना है। इसमें एनडीए के महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन का मुकाबला विपक्ष के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी से है।
2 दिन पहले पेंशन के लिए आवेदन किया था
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 30 अगस्त को पूर्व विधायक के नाते मिलने वाली पेंशन के लिए राजस्थान विधानसभा सचिवालय में फिर से आवेदन किया है। धनखड़ 1993 से 1998 तक किशनगढ़ सीट से कांग्रेस के विधायक रहे थे। पूर्व विधायक के तौर पर उन्हें जुलाई 2019 तक पेंशन मिल रही थी। जुलाई 2019 में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बनने के बाद पेंशन बंद हो गई थी।

देवीलाल चौटाला के साथ जगदीप धनखड़। फाइल फोटो
हाल में 2 मौकों पर चौटाला परिवार के करीब दिखे धनखड़…
- सिरसा में धनखड़ ने कहा था- मैं ताऊ देवीलाल का शिष्य: सिरसा में 6 महीने पहले बतौर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पहुंचे थे। उन्होंने यहां ओढ़ा स्थित माता हरकी देवी कॉलेज के दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी। इस दौरान उन्होंने पूर्व उपप्रधानमंत्री दिवंगत चौधरी देवीलाल को अपना राजनीतिक गुरु बताया था और कहा था- आज मैं जो कुछ भी हूं, मेरी हैसियत चौधरी देवीलाल के साथी की नहीं हो सकती। मैं तो उनके चरणों में रहा हूं। मेरी राजनीतिक शिक्षा-दीक्षा चौधरी देवीलाल के चरणों से शुरू हुई है।
- ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने सिरसा के तेजाखेड़ा गांव पहुंचे थे। ओपी चौटाला का 20 दिसंबर 2024 को निधन हो गया था। अगले ही दिन 21 दिसंबर को जगदीप धनखड़ चौटाला को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे और शोक सभा में अपने विचार व्यक्त किए थे। उन्होंने ओपी चौटाला की पार्थिव देह पर फूल चढ़ाए थे। इसके बाद वह अभय चौटाला को सांत्वना देते भी दिखे थे।

21 दिसंबर को जगदीप धनखड़ ओमप्रकाश चौटाला को श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। यहां वह अभय चौटाला को सांत्वना देते दिखे। – फाइल फोटो
धनखड़ के इस्तीफे के बाद चौटाला ने यह पोस्ट किया था जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अभय चौटाला ने 22 जुलाई को पोस्ट शेयर किया था, जिसमें लिखा था- ताऊ की राह पर। अभय चौटाला ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था, ‘चौधरी देवीलाल, जिन्हें जनता प्यार से ताऊ कहती थी, ने 1989 में प्रधानमंत्री बनने का सुनहरा अवसर ठुकरा कर देश को चौंका दिया था। उनके लिए सत्ता नहीं, जनता की सेवा और सिद्धांत ज्यादा महत्वपूर्ण थे। उन्होंने अपने जीवन भर “सेवा ही धर्म” को अपना मार्ग बनाया।’
उन्होंने आगे लिखा- आज जब जगदीप धनखड़ जैसे कर्मठ नेता ने अपने स्वास्थ्य और चिकित्सकीय सलाह को प्राथमिकता देते हुए उपराष्ट्रपति पद से त्यागपत्र दिया, तो यह स्पष्ट होता है कि वह केवल पद के भूखे नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठ और सिद्धांतवादी राजनीतिज्ञ हैं। धनखड़ का यह निर्णय न केवल उनके व्यक्तिगत चरित्र को दर्शाता है, बल्कि यह भी प्रमाणित करता है कि वह ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत के सच्चे अनुयायी हैं।
धनखड़ जिन अभय चौटाला के फार्म हाउस में शिफ्ट हुए हैं, वह हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बेटे हैं और पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के पौत्र हैं। ओमप्रकाश चौटाला के निधन के बाद करीब 5 महीने पहले अभय चौटाला हरियाणा में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) की राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे।

अभय चौटाला ने सोशल मीडिया पर यह फोटो पोस्ट की थी। उन्होंने बताया था कि वह धनखड़ में ताऊ देवीलाल की छवि देखते हैं।
इस्तीफे के 15 महीने बाद खाली करना था बंगला जगदीप धनखड़ को पद से इस्तीफा देने के 15 महीने बाद सरकारी आवास छोड़ना था, लेकिन उन्होंने 41 दिन बाद ही आवास खाली कर दिया। धनखड़ पिछले साल अप्रैल में संसद भवन परिसर के पास चर्च रोड स्थित नवनिर्मित उपराष्ट्रपति एन्क्लेव में शिफ्ट हुए थे।
उपराष्ट्रपति के आवास और कार्यालय वाले वीपी एन्क्लेव का निर्माण सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत किया गया था। लगभग 15 महीने तक वीपी एन्क्लेव में रहने के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति को इसे छोड़ना था। इसके बाद धनखड़ को लुटियंस दिल्ली या किसी अन्य इलाके में टाइप VIII बंगला दिया जाना था। टाइप VIII बंगला आमतौर पर वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों या राष्ट्रीय दलों के अध्यक्षों को आवंटित किया जाता है।
उपराष्ट्रपति रहते धनखड़ के चर्चित बयान
- ममता बनर्जी पर: 2022 में कहा था- ममता सरकार एक खास वर्ग को ही मदद देती है, जबकि संविधान सबके साथ समान व्यवहार की बात करता है। जनवरी 2022 में बंगाल को लोकतंत्र का गैस चैंबर बताया था।
- कोर्ट पर: संविधान का ‘अनुच्छेद 142’ ऐसा परमाणु मिसाइल बन गया है जो लोकतांत्रिक ताकतों के खिलाफ न्यायपालिका के पास 24 घंटे मौजूद रहता है।
- जज के घर कैश मिलने पर पर: अब समय आ गया है कि ‘कीड़ों से भरे डब्बे’ और ‘कंकालों से भरी अलमारी’ को सार्वजनिक किया जाए।
- ट्रम्प के दावे पर: दुनिया में ऐसी कोई ताकत नहीं है जो भारत को यह निर्देश दे सके कि उसे अपने मामलों को कैसे संभालना है।
- धर्मांतरण पर: देश में शुगर-कोटेड फिलॉसफी बेची जा रही है। सनातन विष नहीं फैलाता, सनातन स्व शक्तियों का संचार करता है।
- संविधान पर: किसी भी संविधान की प्रस्तावना उसकी आत्मा होती है। भारत के अलावा दुनिया के किसी भी देश की संविधान की प्रस्तावना में बदलाव नहीं हुआ। लेकिन भारत की प्रस्तावना को 1976 में 42वें संविधान संशोधन अधिनियम के तहत बदल दिया गया, उसमें ‘समाजवादी’, ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘अखंडता’ जैसे शब्द जोड़ दिए गए। ये जोड़े गए शब्द नासूर हैं। ये उथल-पुथल पैदा करेंगे।
- कोचिंग सेंटर्स पर: कोचिंग सेंटर अब पोचिंग सेंटर बन चुके हैं। देशभर में अनियंत्रित रूप से फैल रहे हैं, जो युवाओं के लिए गंभीर संकट बनते जा रहे हैं। इस बुराई से निपटना ही होगा। हम अपनी शिक्षा को इस तरह कलंकित व दूषित नहीं होने दे सकते।

धनखड़ देश के पहले उपराष्ट्रपति, जिनके खिलाफ महाभियोग लाया गया था देश में 72 साल के संसदीय लोकतंत्र के इतिहास में धनखड़ पहले ऐसे राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति रहे, जिनके खिलाफ दिसंबर 2024 में महाभियोग प्रस्ताव लाया गया था। बाद में तकनीकी कारणों से प्रस्ताव खारिज हो गया था।
विपक्ष धनखड़ पर पक्षपात का आरोप लगाता रहा था। विपक्ष का दावा था कि वह सिर्फ विपक्ष की आवाज और उनके सांसदों की ओर से उठाए गए सवालों को दबाते हैं।
धनखड़ के पिछले कार्यकाल को देखें तो कई अहम पदों पर रहे, लेकिन वह अपना कार्यकाल पूरा होते नहीं देख पाए। एक बार विधायक के तौर पर उनके 5 साल एकमात्र अपवाद है।
