डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन करते किसान।
अमृतसर में आज यानी शुक्रवार को किसानों ने डीसी ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया। भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहा) की पंजाब स्तरीय अपील पर आज पूरे राज्य में बाढ़ पीड़ित किसानों और परिवारों के लिए मुआवजा दिलवाने की मांग को लेकर जिला मुख्यालयों पर धरने दिए
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धरने की अगुवाई कर रहे संगठन के प्रधान कश्मीर सिंह धंगई और बघेल सिंह ने कहा कि पंजाब में आई बाढ़ केवल प्राकृतिक आपदा नहीं थी, बल्कि इसके लिए पंजाब सरकार भी जिम्मेदार है क्योंकि समय रहते ठोस प्रबंध नहीं किए गए। उन्होंने कहा कि अजनाला तहसील सहित कई इलाकों में फसलों, घरों और पशुओं को भारी नुकसान हुआ है।
संगठन ने मांग की कि पंजाब और केंद्र सरकार तुरंत सौ फीसदी मुआवजा जारी करें और बीमारियों की रोकथाम के लिए पुख्ता कदम उठाए। साथ ही टूटी सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों और आंगनबाड़ी केंद्रों का पुनर्निर्माण भी किया जाए।
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही संगठन के नेता परमिंदर सिंह पंडोरी ने कहा कि विकास के नाम पर सड़कों को चौड़ा और ऊंचा करने के लिए पहाड़ों और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है, जिससे पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है और मौसम चक्र भी बदल रहा है। उन्होंने कहा कि भारतमाला परियोजना के तहत जो सड़कें 16-16 फुट ऊंची बनाई जा रही हैं, उससे पानी का बहाव रुक जाता है और निकासी न होने से बाढ़ का नुकसान और बढ़ जाता है।
आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि विकास मॉडल को पर्यावरण अनुकूल न बनाया गया तो भविष्य में और भी विनाशकारी बाढ़ आएंगी। उन्होंने हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी अंधाधुंध पेड़ और पहाड़ों की कटाई को भारी तबाही का कारण बताया।
इस मौके पर संगठन के नेता टीएसयू के किरशन सिंह औलख, मलकीत सिंह सहिंसरा, सुमीत सिंह (तरकशील सोसायटी), बाबा राजन सिंह, हरचरण सिंह मੱਧीपुर, जगजीवन सिंह तलवंडी, कुलबीर जेठूवाल, परगट सिंह धरमकोट, रुपिंदर सिंह मੱਧूछागा, मंगल सिंह गोसल, नरिंदर सिंह भिट्टेवड्ड, बलदेव सिंह फौजी, परगट सिंह चड़पुर आदि मौजूद रहे।