सीमावर्ती इलाकों के सरकारी स्कूलों में कीचड़ भरा दिखा।
अमृतसर में रावी दरिया और सक्की नाले में आई भीषण बाढ़ ने जिले के सीमावर्ती इलाकों के सरकारी स्कूलों को बेबस कर दिया है। बच्चों के पढ़ाई के कमरे पानी में डूब गए, दीवारें टूटी और फर्नीचर बर्बाद हो गया। कई स्कूलों में जहरीले सांप और कीचड़ जमा होने से शिक
.
यह दृश्य केवल एक स्कूल का नहीं, बल्कि उन हजारों बच्चों के सपनों का है, जो सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई कर अपना भविष्य संवारना चाहते थे। स्थिति का जायजा लेने के लिए जिला शिक्षा विभाग की टीम ने अजनाला और लोपोके क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित स्कूलों का दौरा किया।
जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) श्री राजेश कुमार शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी (एलीमेंटरी) श्री कमलजीत सिंह, डिप्टी डीईओ श्री राजेश खन्ना सहित अन्य अधिकारियों ने प्राथमिक स्कूल हरड़ खुर्द, कोटली अम्ब, तलवंडी राय दादू, पूंगा, भिंडी सैदां, कड़ियाल समेत कई स्कूलों का निरीक्षण किया।

जिला शिक्षा अधिकारी टीम संग जांच करने पहुंचे।
बाढ़ ने स्कूल की दीवारों को गिराया-जिला शिक्षा अधिकारी निरीक्षण के दौरान स्कूलों की जर्जर इमारत, टूटी खिड़कियां, भीगे किताबों के ढेर और खंडहर जैसी हालत देखकर अधिकारी भी भावुक हो उठे। कई स्कूलों में बच्चों के खेलने का मैदान भी कीचड़ में तब्दील हो चुका है। मुख्याध्यापक सरफराज सिंह ने कहा, “हमारे बच्चों का भविष्य दांव पर है। किताबें और पढ़ाई के उपकरण खराब हो गए हैं। साफ-सफाई और मरम्मत के बिना स्कूल खोलना मुश्किल है।”
श्री राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि बाढ़ से स्कूलों को गंभीर नुकसान हुआ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेज राहत और मरम्मत का कार्य शुरू करेगा ताकि बच्चों की पढ़ाई फिर पटरी पर लौट सके। इस संकट में शिक्षक, पेरेंट्स और प्रशासन मिलकर बच्चों की शिक्षा को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। बाढ़ ने भले ही स्कूल की दीवारों को गिरा दिया हो, लेकिन बच्चों के सपनों की नींव अब भी मजबूत है – बस जरूरत है समय पर मदद और सहयोग की।