37 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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सीएम योगी आदित्यनाथ के जीवन पर बनी फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ 19 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इस फिल्म को लेकर प्रोड्यूसर-एक्टर अजय मेंगी ने हाल ही में दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। अजय ने बताया कि योगी जी से मिले बिना ही पूरी फिल्म बना दी। अगर यह फिल्म किसी को ‘प्रोपेगेंडा’ लगती है तो उसके टिकट के पैसे वापस कर देंगे।
पढ़िए अजय मेंगी से हुई बातचीत के कुछ और खास अंश..

सवाल- ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ के बारे में क्या कहना चाहेंगे?
जवाब- सम्राट सिनेमैटिक प्रोडक्शन के माध्यम से यहां की मिट्टी से जुड़ी कहानियां बताने आए हैं। ऋषि मुनि समाज के लिए क्या सुधार कर सकते हैं। जब मैंने पढ़ना शुरू किया तो सबसे बाद बदलाव मुझे उत्तर प्रदेश में नजर आया। आज से 7-8 साल पहले उत्तर प्रदेश इकोनॉमली आठवें पोजिशन में था। आज नंबर वन है। पहले क्राइम की वजह से महिलाएं खुलकर नहीं घूम पाती थीं। जब मैंने इसके बारे में पढ़ना शुरू किया तब समझ में आया कि कैसे उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ जी ने पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम किया है। इस फिल्म की कहानी शांतनु गुप्ता की किताब ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ पर आधारित है।
सवाल– इस फिल्म में दिनेश लाल यादव निरहुआ पत्रकार और अनंत जोशी, योगी जी का किरदार निभा रहे हैं। फिल्म की कास्टिंग किस तरह से हुई?
जवाब– हम ऐसे ही किरदारों की तलाश में थे जो जमीन से जुड़े हुए हों। दिनेश लाल यादव जमीन से जुड़े हुए इंसान हैं। वह खुद खेतों में हल चला चुके हैं, उन्होंने कई तरह के संघर्ष किए हैं, इसलिए दर्शकों का प्यार उन्हें मिलता है। रही बात अनंत जोशी की, तो वह उत्तराखंड से हैं। उनका उनका व्यक्तित्व भी कुछ-कुछ वैसा ही है। फिल्म के बाकी सभी कलाकारों ने भी बहुत ही मेहनत की है।
सवाल– आपकी फिल्म की रिलीज में काफी अड़चनें आईं, कभी सीबीएफसी से सर्टिफिकेट न मिलना, तो कभी कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाना। इस बारे में बताइए।
जवाब- हमने कभी योगी जी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात नहीं की, बस उनकी किताब पढ़ी और फिल्म बनाने का निर्णय लिया। हमने इसके अधिकार लेखक शांतनु से ले लिए थे। लेकिन सीबीएफसी का कहना था कि हमें योगी जी से भी एनओसी लेना होगा, तभी फिल्म रिलीज हो सकती है। वहीं दूसरी ओर कोर्ट ने कहा कि इसकी आवश्यकता नहीं है। जब फिल्म एग्जामिनेशन कमेटी के पास गई, तो उन्होंने 29 कट बताए और रिवीजन कमेटी ने 31 कट सुझाए। फिर कोर्ट ने खुद फिल्म देखने का फैसला किया। यह देश में पहली बार हुआ कि किसी जज ने फिल्म देखकर अपना निर्णय सुनाया और फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दी।

सवाल– जब किसी राजनीतिक शख्सियत पर फिल्म बनती है तो उसे ‘प्रोपेगेंडा’ कहा जाता है। इस पर क्या कहेंगे?
जवाब– मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि अगर किसी ने ये फिल्म देखने के बाद इसे ‘प्रोपेगेंडा’ कहा, तो मैं उसके टिकट का पैसा वापस कर दूंगा। ये मेरा वादा है। यह फिल्म लोगों को किसी भी तरह का गलत संदेश नहीं देती, बल्कि प्रेरणा देती है।
सवाल – क्या इस फिल्म का दूसरा पार्ट भी आएगा? और, क्या आप योगी आदित्यनाथ को ये फिल्म दिखाएंगे?
जवाब –हमारी फिल्म में उनके जीवन का केवल एक छोटा सा हिस्सा दिखाया गया है। योगी जी इतने महान व्यक्ति हैं कि उनकी जिंदगी के कई पहलुओं पर फिल्में बन सकती हैं। अगर उन्हें कभी समय मिला, तो मैं जरूर चाहता हूं कि उन्हें फिल्म दिखाऊं। एक बात बता दूं कि आज तक मेरी कभी योगी जी से मुलाकात ही नहीं हुई। बिना उनसे मिले ही यह फिल्म बना दी।