नई दिल्ली11 घंटे पहले
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दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक फैसले में कहा कि अगर पत्नी लगातार पति पर परिवार से रिश्ता तोड़ने का दबाव डालती है तो यह मानसिक क्रूरता मानी जाएगी और तलाक का आधार बन सकता है। अदालत ने टिप्पणी की,

पति को बार-बार सार्वजनिक रूप से अपमानित करना, कार्यस्थल पर सहकर्मियों और अधिकारियों के सामने बुरा-भला कहना और पुलिस में झूठी शिकायतें देना भी मानसिक क्रूरता दायरे में आता है।
जस्टिस अनिल खेतरपाल और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की बेंच ने फैमिली कोर्ट का आदेश बरकरार रखते हुए पत्नी की अपील खारिज कर दी। अदालत ने माना कि पति ने गवाही और सबूतों के जरिए यह साबित कर दिया कि पत्नी का व्यवहार लगातार दबाव, धमकी और अपमान से भरा हुआ था।

पत्नी पति पर परिवार से अलग रहने का दबाव डाल रही थी
यह मामला एक तलाक विवाद से जुड़ा था। पति ने अदालत में बताया कि पत्नी उसे लगातार परिवार से अलग होकर रहने और संपत्ति बांटने के लिए दबाव डालती थी। वह उसकी विधवा मां और तलाकशुदा बहन से अलग रहने की जिद करती थी।
पति ने बताया- पत्नी ने कई बार पुलिस में शिकायतें कीं और एक मौके पर पति को उसके कार्यस्थल पर सहकर्मियों और अधिकारियों के सामने डांटा और बदनाम किया।
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