Jhansi GRP searched 500 cameras, then the child was recovered. | झांसी GRP ने खंगाले 500 कैमरे, तब बरामद हुआ बच्चा: मुंबई जाने वाली ट्रेन का अनाउंसमेंट सुन हो गया था सवार, बोला घूमने जा रहे थे – Jhansi News

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झांसी जीआरपी ने ढूंढ लिया बच्चा, एडिशनल एसपी सोहराब आलम ने दी जानकारी।

झांसी में 12 साल का कृष्णा स्टेशन पर खेलते-खेलते मुंबई जाने वाली ट्रेन में सवार हो गया। मां-बाप ने जीआरपी में शिकायत दर्ज कराई तो GRP ने भी बच्चे को ढूंढने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। ट्रेन के रूट पर पड़ने वाले स्टेशनों के पांच सौ CCTV कैमरे खंगा

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कृष्णा को बरामद कर जीआरपी झांसी ले आई।

कृष्णा को बरामद कर जीआरपी झांसी ले आई।

पत्रकारवार्ता कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते जीआरपी एडिशनल एसपी सोहराब आलम।

पत्रकारवार्ता कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते जीआरपी एडिशनल एसपी सोहराब आलम।

अब पढ़िए पूरा मामला

नवाबाद थाना क्षेत्र के शिवाजी नगर में राजू किराए के मकान में अपनी पत्नी, 12 साल के बेटे कृष्णा और 9 साल की बेटी के साथ रहते हैं। 11 सितंबर को किराया न चुका पाने के चलते राजू और उनके परिवार को मकान मालिक ने घर से निकाल दिया था। इसके बाद वह झांसी स्टेशन के यात्री शेड में रहने आ गया। 13 सितंबर को शाम लगभग 4 बजे राजू का बेटा कृष्णा और बेटी लाली खेलते-खेलते स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर पहुंच गए। यहां वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन से मुंबई के बांद्रा जाने वाली ट्रेन नम्बर 22195 खड़ी थी, जिसे शाम 4.50 बजे रवाना था। इसी बीच अनाउंसमेंट होने लगा कि झांसी से चलकर मुंबई जाने वाली बांद्रा एक्सप्रेस चलने को तैयार है। कृष्णा बहन ने बताया कि भाई बार-बार मुंबई जाने की बात कहता था। उसने स्टेशन पर एक अंकल से मुंबई जाने वाली ट्रेन के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि यही ट्रेन मुंबई जा रही है। इसके बाद उसे पता नहीं भाई कहां चला गया। जब काफी देर तक कृष्णा नहीं मिला तो लाली ने मां को इसके बारे में बताया। मां-बाप ने बेटे को बहुत खोजा लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद ही झांसी जीआरपी में बेटे के गुम होने की सूचना दी। जिसके बाद जीआरपी ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे को शिवपुरी से बरामद कर चाइल्ड लाइन को सौंपा है। साथ ही परिजनों को भी सूचना दी गई है।

ट्रेन से शुरू की GRP ने जांच

बच्चे को सही सलामत बरामद करने के बाद शुक्रवार देर शाम जीआरपी के एडिशनल एसपी सोहराब आलम ने पत्रकारवार्ता करते हुए पूरी कहानी मीडिया के सामने बताई। शिकायत मिलने के बाद जीआरपी के एडिशनल एसपी ने दो टीमें बनाई थीं। एक टीम को मुंबई भेजा गया तो दूसरी टीम को झांसी-बांद्रा एक्सप्रेस के रूट पर CCTV कैमरों की जांच में लगाया गया। दोनों टीमों ने मिलकर लगभग 500 कैमरों को खंगाला तब जाकर बच्चे का सुराग मिल सका।

150 घंटे का CCTV फुटेज देखा

जीआरपी के एडिशनल एसपी सोहराब आलम ने बताया कि झांसी से मुंबई तक टीमों ने पांच सौ सीसीटीवी कैमरों का 150 घंटे का फुटेज खंगाला है। इसके बाद ही जानकारी हो सकी कि बच्चा कहां से ट्रेन में सवार हुआ और कहां उतरा। इसी आधार पर जांच भी की जा रही थी। इसके अलावा बच्चे की तस्वीर भी हर एक थाने में सर्कुलेट की गई थी। इसी से क्लू मिला कि बच्चा मुंबई से पहले मध्य प्रदेश के शिवपुरी में उतरा है।

एसपी ने टीम को पुरस्कार की घोषणा की

एसपी जीआरपी विपुल कुमार श्रीवास्तव ने बच्चे को सही सलामत बरामद कर लाना वाली टीम को पुरस्कार देने का एलान किया है। उन्होंने बताया कि टीम में शामिल थाना प्रभारी उप निरीक्षक राहुल सिंह, उप निरीक्षक सुशील कुमार, उप निरीक्षक अजय कुमार, हेड कांस्टेबल वीर विक्रम सिंह, हेड कांस्टेबल मोहम्मद सोएब, कांस्टेबल पुष्पेंद्र पाल, कांस्टेबल सचिन द्विवेदी, कांस्टेबल अनिल कुमार व महिला कांस्टेबल प्रकांक्ष ने सराहनीय कार्य किया है।

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