Anees Bazmee son faizan bazmee interview | ‘मेरी तुलना हमेशा मेरे पिता अनीस बज्मी से होगी’: पोस्टमैन’ डायरेक्टर फैजान बज्मी ने फिल्मी परिवार होने की चुनौतियों और फायदों के बारे में बताया

Actionpunjab
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2 घंटे पहले

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फैजान बज्मी ने अनीस बज्मी की फिल्म 'भूल भुलैया 3' में असिस्टेंस डारेक्टर के रूप में काम किया है। - Dainik Bhaskar

फैजान बज्मी ने अनीस बज्मी की फिल्म ‘भूल भुलैया 3’ में असिस्टेंस डारेक्टर के रूप में काम किया है।

डायरेक्टर अनीस बज्मी के बेटे फैजान बज्मी की शॉर्ट फिल्म ‘पोस्टमैन’ का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ। इस फिल्म में एक्टर संजय मिश्रा लीड रोल निभा रहे हैं। फिल्म में संजय मिश्रा एक पोस्टमैन के किरदार में हैं, जो कारगिल युद्ध के समय अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर एक बेहद जरूरी चिट्ठी की हिफाजत करता है। फिल्म की कहानी भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि पर आधारित है।

हाल ही में फिल्म के डायरेक्टर फैजान बज्मी ने दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत में अपनी फिल्म, शूटिंग, और अपकमिंग प्रोजेक्ट्स के बारे में बात की।

सवाल: जब आप डायरेक्शन में आ रहे थे, तब आपके पिता अनीस बज्मी ने आपको क्या टिप्स दीं?

जवाब: जब मैंने डायरेक्शन की शुरुआत करने का फैसला किया, तो पापा ने सबसे पहले यही कहा कि अगर तुम्हें इस काम के लिए सच्चा पैशन है तभी इसमें आना, वर्ना यह बहुत मुश्किल रास्ता है। उन्होंने समझाया कि जो लोग पैशनेट नहीं होते, उनके लिए इस फील्ड में टिकना आसान नहीं होता।

पापा ने कहा था कि अगर तुम्हें रोज फिल्में देखनी पसंद हैं, लगातार पढ़ाई करनी है, नई-नई चीजें सीखनी हैं और यह जानना है कि दुनिया में क्या नया हो रहा है, तभी तुम इस पेशे में कामयाब हो सकते हो। वर्ना यह रास्ता और भी कठिन हो जाएगा।

फैजान बज्मी ने 'नेबर' और द लॉस्ट इयर्स (2023) जैसी शॉर्ट फिल्म्स का भी निर्देशन किया है।

फैजान बज्मी ने ‘नेबर’ और द लॉस्ट इयर्स (2023) जैसी शॉर्ट फिल्म्स का भी निर्देशन किया है।

सवाल: जब आपने पहली बार फिल्म का आइडिया संजय मिश्रा को सुनाया, तब उनका क्या रिएक्शन था?

जवाब: उन्होंने बहुत प्यार से कहा था- “बहुत अच्छा लिखा है बेटा।” संजय जी ने शुरू से ही मुझे सपोर्ट किया। यह पहली बार था जब मैं किसी सीनियर और इतने बड़े एक्टर को नरेशन देने गया था। सच कहूं तो थोड़ा नर्वस भी था, क्योंकि हर कोई जानता है कि संजय जी कितने कमाल के एक्टर हैं।

लेकिन जैसे ही मैंने नरेशन शुरू किया, वो बहुत ध्यान से सुनते रहे और बीच-बीच में पॉइंट्स भी बताते रहे। इससे मुझे लगा कि वो कहानी में गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं।

सवाल: इस शॉर्ट फिल्म में आपको क्या बातें लगती हैं जो दर्शकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करेंगी?

जवाब: सबसे पहले मैं यही कहूंगा कि जब आप यह फिल्म देखेंगे, तो केवल परफॉर्मेंस पर ध्यान मत दीजिएगा। परफॉर्मेंस तो हैं ही, लेकिन इसके साथ आपको इसमें एक सच्चाई मिलेगी। हमने पूरी ईमानदारी के साथ कहानी कहने की कोशिश की है।

अभी आपको यह विषय थोड़ा सेंसिटिव लग सकता है, लेकिन शायद फिल्म देखने के बाद महसूस होगा कि यह सिर्फ संवेदनशील मुद्दा नहीं, बल्कि हमारी हकीकत है। इसके भीतर हमने कई अलग-अलग लेयर्स डाली हैं, जिन्हें अभी बताना सही नहीं होगा, क्योंकि इससे फिल्म का मजा कम हो जाएगा। असल में यह कहानी एक पोस्टमैन और एक आदमी की जिंदगी को छूती है।

सवाल: इंडिया-पाकिस्तान के रिश्तों पर पहले भी कई फिल्में बनी हैं। आपकी फिल्म में पहले से अलग क्या है?

जवाब: हमारी फिल्म हकीकत के ज्यादा करीब होगी, लेकिन मैंने हमेशा एक बात ध्यान में रखी है कि हमें किसी भी जगह के बारे में नफरत नहीं फैलानी चाहिए। सबसे पहले, वहां के रहन-सहन के हालात क्या हैं? और हर जगह अच्छे और बुरे लोग होते हैं, दोनों जगह पर आप देखिए। इसलिए हमने इस फिल्म में कभी नफरत फैलाने की कोशिश नहीं की। यह एक पोस्टमैन की कहानी है जो एक हालात से गुजर रहा है, और यह उसी पर आधारित है। तो आपको वह देखने को मिलेगा।

सवाल: फिल्म के लीड एक्टर संजय जी और आपके पिता अनीस जी का फिल्म देखने के बाद क्या फीडबैक था?

जवाब: फिल्म देखने के बाद संजय जी करीब दो मिनट तक बिल्कुल चुप रहे। उस वक्त मैं घबरा गया कि पता नहीं फिल्म उन्हें पसंद आई या नहीं। फिर अचानक उन्होंने कहा, “अरे, बहुत बढ़िया है…। ये फिल्म ऐसी है जो 2-5 मिनट के लिए आपको शांत कर देगी।” उसके बाद उन्होंने मुझे कहा, “बहुत मजा आया बेटा, बहुत अच्छा फिल्म बनाई है।”

मेरे पापा ने भी फिल्म देखी और उन्हें भी बहुत पसंद आई। उन्होंने कहा, “अगर तुमने इतने कम रिसोर्सेज में इतनी अच्छी फिल्म बनाई है तो सोचो, जब तुम्हें और अच्छे रिसोर्सेज और समय मिलेगा, तो तुम और भी शानदार काम करोगे।”

सवाल: अनीस जी का सलमान खान और अक्षय कुमार से बहुत गहरा रिश्ता रहा है। आपके अपने अनुभव इन दोनों सितारों के साथ कैसे रहे?

जवाब: सलमान सर के साथ मेरा पहला अनुभव बचपन का है। 2011 में जब फिल्म ‘रेडी’ की शूटिंग श्रीलंका में हो रही थी, मैं भी पापा के साथ वहां था। उसी दौरान होटल में भारतीय क्रिकेट टीम भी रुकी हुई थी। मैंने मजाक में कहा कि मुझे बैटिंग करनी है और सलमान सर बॉलिंग करेंगे। सलमान सर ने तुरंत क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों को बुलाया और खुद मेरे साथ मैदान में उतर गए। वो बॉलिंग कर रहे थे, मैं बैटिंग कर रहा था और फील्डिंग खुद सलमान सर कर रहे थे। यह पल मेरे लिए हमेशा यादगार रहेगा।

फैजान बज्मी की शॉर्ट फिल्म ‘पोस्टमैन’ इंडीएक्स फिल्म फेस्टिवल 2025 में चयनित हुई है।

फैजान बज्मी की शॉर्ट फिल्म ‘पोस्टमैन’ इंडीएक्स फिल्म फेस्टिवल 2025 में चयनित हुई है।

सवाल: अनीस जी द्वारा बनाई गई आपकी पसंदीदा फिल्में व जॉनर कौन-से हैं?

जवाब: पापा की बनाई मेरी पर्सनली फेवरेट फिल्म ‘वेलकम’ है और सच कहूं तो यह लगभग हर किसी की फेवरेट है। मुझे भी कॉमेडी फिल्में बहुत पसंद हैं, लेकिन मैं ज्यादा उन फिल्मों की तरफ खिंचता हूं जिनमें कॉमेडी और एंटरटेनमेंट के साथ-साथ एक मैसेज भी हो और कॉमर्शियल एंगल भी बना रहे।

अगर अपनी दो पसंदीदा फिल्मों की बात करूं, तो एक है ‘वेलकम’ और दूसरी है राजकुमार हिरानी की ‘थ्री इडियट्स’ है।

सवाल: भविष्य में आप किन एक्टर्स के साथ काम करने चाहते हैं?

जवाब: बहुत सारे एक्टर्स हैं जिनके साथ काम करना चाहूंगा। सलमान सर, शाहरुख सर, आमिर सर ये तो मेरे पर्सनल फेवरेट हैं ही। नए एक्टर्स में कार्तिक आर्यन भी बहुत अच्छे लगते हैं। बहुत सारे और एक्टर्स हैं जो जिनके साथ मैं काम करना चाहूंगा।

आपके पिता फिल्म इंडस्ट्री से हैं, इसका आपको क्या फायदा और क्या नुकसान मिलता है?

जवाब: हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। फिल्म इंडस्ट्री की फैमिली से होने का फायदा यह है कि लोग आपको थोड़ा-बहुत जानते हैं, पहचानते हैं, लेकिन अगर आपका काम अच्छा नहीं है तो यह पहचान किसी काम की नहीं है। नुकसान यह है कि हमेशा आपकी तुलना आपके पिता से होगी। यह मुश्किल तो है, लेकिन इसके लिए तैयार रहना पड़ता है। हर इंडस्ट्री में ऐसा होता है कि अगर आपके पिता वही काम करते हैं तो तुलना तो होगी ही, लेकिन समय के साथ आपका काम ही आपकी पहचान बनाता है।

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