2 मिनट पहले
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भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड का ऐलान हो गया है। इस साल यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार और कंप्लीट एक्टर कहे जाने वाले मोहनलाल को दिया जाएगा।
भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को यह घोषणा की। मोहनलाल पिछले चार दशक से फिल्मों में सक्रिय हैं। उन्होंने अभिनय की परिभाषा को भी बदलकर रख दिया है।

मोहनलाल ने केवल मलयालम ही नहीं, तमिल, तेलुगु, हिंदी और कन्नड़ फिल्मों में भी काम किया है। 1980 के दशक में ‘मंजिल विरिंजा पूक्कल’ से करियर की शुरुआत करने वाले मोहनलाल ने इन्होंने लगभग 350 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया है।
मोहनलाल के करीबियों का कहना है कि वे इस अवॉर्ड की घोषणा से बेहद भावुक हो गए। फैंस सोशल मीडिया पर लगातार उनकी सराहना कर रहे हैं। मोहनलाल ने कहा- यह मेरे लिए गर्व का क्षण है। मैं अपने दर्शकों और उन सभी निर्देशकों-लेखकों का आभारी हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया। यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, बल्कि पूरी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का है।
उनकी फिल्मोग्राफी में ‘कलापानी’, ‘भरथम’, ‘वनप्रस्थम’, ‘इरुप्पथम नूट्टांडी’, ‘लूसिफर’ जैसी कई चर्चित फिल्में शामिल हैं। अभिनय में गहराई और सहजता के कारण उन्हें दर्शक और समीक्षक, दोनों ही ‘लालेट्टन’ यानी बेहद प्रिय समझते हैं।
इससे पहले मोहनलाल को 5 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है। वे पद्म भूषण और पद्मश्री से भी सम्मानित किए जा चुके हैं। सिनेमा के क्षेत्र में उनके योगदान के कारण उन्हें ‘द कंप्लीट एक्टर’ की उपाधि दी गई है।
1954 में हुई थी नेशनल अवॉर्ड की शुरुआत साल 1954 में भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर फिल्म जगत से जुड़ा सम्मान देने के लिए किया था। इसकी नींव भारतीय कल्चर और आर्ट को बढ़ावा देने के लिए रखी गई थी। 10 अक्टूबर 1954 को नेशनल अवॉर्ड की पहली सेरेमनी रखी गई थी, जिसमें मराठी फिल्म श्यामची आई को बेस्ट फीचर फिल्म कैटेगरी में अवॉर्ड दिया गया था।
1969 में हुई दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड की शुरुआत
साल 1969 में नेशनल अवॉर्ड में हिंदी सिनेमा के जनक दादासाहेब फाल्के के सम्मान में नई कैटेगरी दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड को शामिल किया गया था। साल 1969 में देविका रानी, दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड जीतने वाली पहली फिल्मी हस्ती रहीं। तब से लेकर आज तक करीब 54 लोग दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड हासिल कर चुके हैं। इसे फिल्म जगत का सबसे गौरवपूर्ण सम्मान कहा जाता है। 2024 में ये अवॉर्ड मिथुन चक्रवर्ती को मिला था।
दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड- स्वर्ण कमल, 10 लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र और शॉल दी जाती है
बेस्ट फीचर फिल्म- स्वर्ण कमल और 2.5 लाख रुपए।
इंदिरा गांधी अवॉर्ड- स्वर्ण कमल और 1.25 लाख रुपए।
नर्गिस दत्त अवॉर्ड- रजत कमल और 1.5 लाख रुपए।
सामाजिक मुद्दों पर बेस्ट फिल्म- रजत कमल और 1.5 लाख रुपए।
बेस्ट चिल्ड्रन फिल्म- स्वर्ण कमल और 1.5 लाख रुपए।
बेस्ट फिल्म- रजत कमल और 1 लाख रुपए।
बेस्ट एक्टर- रजत कमल और 50 हजार रुपए।