This year Sharadiya Navratri is of 10 days. significance of navratri, durga puja steps in hindi | इस साल शारदीय नवरात्रि 10 दिन की: तृतीया और चतुर्थी तिथियों की तारीख को लेकर पंचांग भेद, जानिए देवी पूजा की सरल स्टेप्स और मंत्र

Actionpunjab
5 Min Read


23 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

मां दुर्गा की पूजा का उत्सव शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। 1 अक्टूबर को दुर्गा नवमी के साथ नवरात्रि का समापन होगा। इस बार ये पर्व 9 नहीं, 10 दिनों का होगा, क्योंकि इस बार नवरात्रि की एक तिथि तृतीया/चतुर्थी दो दिन रहेगी। नवरात्रि में तिथियों की घट-बढ़कर और तारीख को लेकर पंचांग भेद हैं। कुछ पंचांग में चतुर्थी तिथि दो दिन बताई गई है और कुछ में तृतीया तिथि। 10 दिनों की नवरात्रि 9 साल बाद मनाई जाएगी। इससे पहले 2016 में भी नवरात्रि 10 दिनों की थी।

नवरात्रि में तृतीया तिथि रहेगी दो दिन

भारत सरकार द्वारा प्रकाशित राष्ट्रीय पंचांग के मुताबिक, इस नवरात्रि में तृतीया तिथि दो दिन 24 और 25 सितंबर को रहेगी। जबकि, कई ज्योतिषियों का मत है कि चतुर्थी तिथि (25 और 26 सितंबर) दो दिन रहेगी। इन तिथियों की घट-बढ़ की वजह से देवी पूजा के लिए भक्तों को एक अतिरिक्त दिन मिलेगा और भक्त 10 दिनों तक नवरात्रि मना पाएंगे। नवरात्रि की समाप्ति के बाद इस बार दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, भारतीय पंचांग की गणना के हिसाब से इस नवरात्रि में चतुर्थी तिथि ही दो दिन रहेगी यानी देवी कुष्मांडा की पूजा दो दिन की जाएगी।

हाथी पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

नवरात्रि की शुरुआत में मां दुर्गा के वाहन का विशेष महत्व रहता है। ये वाहन नवरात्रि के प्रारंभ होने वाले दिन (वार) पर निर्भर करता है। इस बार नवरात्रि की शुरुआत रविवार से हो रही है। जब नवरात्रि की शुरुआत रविवार या सोमवार को होती है, तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। हाथी को सुख-समृद्धि, धन-धान्य और खुशहाली का प्रतीक है। ऐसे में हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा के आने से देश और समाज के सुख-समृद्धि और उन्नति के योग बनेंगे। शनिवार या मंगलवार को नवरात्रि शुरू हो तो मां का वाहन अश्व (घोड़ा) पर, गुरुवार या शुक्रवार को डोली में और बुधवार को नौका से देवी का आगमन होता है। देवी के वाहनों के अलग-अलग फल बताए गए हैं।

नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करते हैं, इनमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री देवी शामिल हैं।

ऐसे कर सकते हैं देवी दुर्गा की पूजा

  • शारदीय नवरात्रि में रोज सुबह स्नान के बाद घर के मंदिर में सबसे पहले गणेश पूजा करें।
  • गणेश जी को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें। फूल, चावल, दूर्वा, भोग गणेश जी को चढ़ाएं।
  • गणेश पूजा के बाद देवी दुर्गा की पूजा शुरू करें। मूर्ति में माता दुर्गा का आवाहन करें, आवाहन यानी देवी मां को आमंत्रित करना।
  • माता दुर्गा को आसन दें। अब माता दुर्गा को स्नान कराएं। स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और फिर जल से स्नान कराएं।
  • दुर्गा जी को लाल वस्त्र, लाल चुनरी अर्पित करें। वस्त्रों के बाद आभूषण, हार चढ़ाएं। इत्र अर्पित करें।
  • कुमकुम से तिलक लगाएं। धूप और दीप जलाएं। लाल फूल अर्पित करें। चावल चढ़ाएं। नारियल अर्पित करें।
  • मिठाई का भोग लगाएं। आरती करें। आरती के बाद परिक्रमा करें। माता दुर्गा की पूजा में दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करें। पूजा में हुई गलतियों की क्षमा मांगे।

इन मंत्रों का करें जप

सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्येत्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तु ते।।

ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

इन मंत्रों के अलावा दुर्गा सप्तशती का पाठ भी किया जा सकता है।

देवी कथाएं पढ़ और सुन सकते हैं। इस दिन किसी गौशाला में धन और हरी घास का दान करें।

खबरें और भी हैं…
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *