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चेन्नई6 मिनट पहले
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि नेताओं का महिमामंडन करने के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल क्यों किया जाए। राज्य सरकार पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि की मूर्ति लगाने की परमिशन के लिए याचिका लेकर पहुंची थी।
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा- इसकी अनुमति नहीं है। आप अपने पूर्व नेताओं के महिमामंडन के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं?
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका वापस लेने और मद्रास हाईकोर्ट जाने को कहा। मद्रास हाईकोर्ट ने सार्वजनिक स्थानों पर मूर्तियां लगाने पर रोक लगा दी थी।
तमिलनाडु सरकार ने तिरुनेलवेली में मुख्य सड़क पर वल्लियूर डेली वेजिटेबल मार्केट के एंट्री गेट पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि की कांस्य प्रतिमा और नाम बोर्ड स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था।
मद्रास हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
मद्रास हाईकोर्ट ने स्टालिन सरकार की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि ऐसी मूर्तियों को लगाने से अक्सर ट्रैफिक जाम होता है और जनता को असुविधा होती है। कोर्ट ने कहा था, “संविधान के तहत नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए। जब सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी अनुमतियों पर रोक लगा दी है, तो राज्य आदेश जारी नहीं कर सकता।”
2022 में भी मद्रास हाईकोर्ट ने अरुणाचलेश्वर मंदिर के पास तिरुवन्नामलाई में गिरिवलम में करुणानिधि की प्रतिमा के निर्माण पर रोक लगा दी थी।
मद्रास हाईकोर्ट ने कहा- लीडर्स पार्क यूथ के लिए फायदेमंद होंगे
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित करने की अनुमति नहीं दे सकती। लेकिन लीडर्स पार्क बनाने से युवाओं को बहुत फायदा होगा, क्योंकि इससे वे नेताओं की विचारधाराओं के बारे में जान सकेंगे।