Cheers echoed across the district including Tanot Mata Temple | तनोट माता मंदिर समेत जिलेभर में गूंजे जयकारे: शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना; यज्ञ-हवन से देश में खुशहाली की कामना – Jaisalmer News

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सीमा से सटे तनोट माता मंदिर में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने पूजा-अर्चना, यज्ञ और घट स्थापना कर मां शक्ति की आराधना की। मंदिर प्रांगण सुबह से ही भक्तों और सीमा प्रहरियों के स्वर से गूंज उठा। तनोट माता मंदिर नवरात्र के दौरान विशेष आकर्षण का केंद

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तनोट माता मंदिर में यज्ञ हवन करते सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी और उनके परिवार।

तनोट माता मंदिर में यज्ञ हवन करते सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी और उनके परिवार।

भक्तिभाव और श्रद्धा का माहौल

सुबह से ही दर्शन के लिए मंदिरों में लंबी कतारें लगी रही। महिलाएं और कन्याएं पारंपरिक वेशभूषा में पूजा-अर्चना करती दिखीं। श्रद्धालुओं ने नवरात्रि का व्रत रखकर माता से सुख-समृद्धि और सुरक्षा की कामना की। भक्ति गीतों और “जय माता दी” के उद्घोष से पूरा वातावरण गूंज उठा। इस दौरान तनोट माता मंदिर में तीन समय आरती का समय रखा गया है और भक्तों के लिए भंडारे का भी आयोजन किया गया है। यहां यज्ञ और हवन का भी आयोजन रखा गया है। सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी ख़ास तौर पर यहां पूजा अर्चना करते हैं और साथ ही सीमा सुरक्षा बल के जवान ही यहां आरती गाते हैं।

गौरतलब है कि शारदीय नवरात्र को शक्ति उपासना का पर्व माना जाता है। इस दौरान भक्त माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करते हैं। जैसलमेर के मंदिरों में यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ा है बल्कि सीमा पर सुरक्षा और शांति की कामना से भी विशेष महत्व रखता है। सभी मंदिरों में भक्तों ने पूजा-पाठ किया और हवन, कीर्तन व अनुष्ठानों का आयोजन हुआ। मंदिरों को दीपमालाओं, रंग-बिरंगी झालरों और फूलों से सजाया गया।

तनोट माता मंदिर का इतिहास

  • तनोट माता मंदिर की स्थापना 615 ईस्वी में प्राचीन काल में हुई मानी जाती है।
  • लोक मान्यता है कि यह मंदिर हिंगलाज माता का ही स्वरूप है।
  • 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के दौरान यहाँ पर गिरे पाकिस्तानी बम फटे नहीं, जिससे यह स्थान श्रद्धा का केंद्र बन गया।
  • युद्ध के बाद से इस मंदिर की देखरेख सीमा सुरक्षा बल द्वारा की जाती है।
  • हर वर्ष हजारों सैनिक और श्रद्धालु यहाँ नवरात्र और विशेष अवसरों पर दर्शन करने आते हैं।
  • तनोट माता को “मरुधरा की शक्ति स्वरूपा” कहा जाता है और सीमा पर तैनात जवान मानते हैं कि माता की कृपा से वे सुरक्षित रहते हैं।
भारत-पाक बॉर्डर पर स्थित है तनोट माता मंदिर।

भारत-पाक बॉर्डर पर स्थित है तनोट माता मंदिर।

जिलेभर में धार्मिक आयोजन

जैसलमेर शहर और ग्रामीण अंचलों के मंदिरों में भी सुबह से ही धार्मिक कार्यक्रमों की धूम रही।

  • स्वांगिया माता मंदिर
  • तेंबड़ेराय मंदिर
  • भादरिया माता मंदिर
  • नभडूंगर, कालेडूंगर, देगराय और उदलदेराय
  • हिंगलाज माता मंदिर
  • होमगार्ड देवी मंदिर
  • गजरूपसागर मंदिर
मंदिर में आरती के दौरान उमड़ा भक्ति-भाव।

मंदिर में आरती के दौरान उमड़ा भक्ति-भाव।

माता की आरती गाते सीमा सुरक्षा बल के जवान।

माता की आरती गाते सीमा सुरक्षा बल के जवान।

नवरात्र में तनोट माता मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़।

नवरात्र में तनोट माता मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़।

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