Haryana Sonipat Mohi Majri bahu Asha Dhiryana wins 5 lakh KBC Amitabh Bachchan | सोनीपत की बहू ने KBC-17 में जीते 5 लाख: अमिताभ बच्चन ने पिलाई चाय; 15 साल बाद पिता का सपना किया पूरा – Sonipat News

Actionpunjab
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KBC सीजन17 में सवालों के जवाब देने के दौरान सोनीपत की आशा।

सोनीपत जिले के गांव मोई माजरी की बहू आशा धीरयान ने कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) सीजन-17 में 5 लाख रुपए जीतकर न केवल अपने पिता का सपना पूरा किया। बल्कि अमिताभ बच्चन के हाथों से चाय पीने का अनोखा मौका भी पाया। साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली आशा ने म

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गांव मोई माजरी की बहू ने केबीसी में 5 लाख रुपए जीते हैं। महिला ने 15 साल बाद अपने पिता के सपने को पूरा करते हुए केबीसी में न केवल नगद पुरस्कार जीता है बल्कि अमिताभ बच्चन के साथ चाय पीने का मौका मिला है। साधारण परिवार की रहने वाली महिला सोनीपत में किराए के मकान पर रहती है। केबीसी में 5 लाख जीतने के बाद खुशी के ठिकाना नहीं है और वहीं उन्हें हर महीने 1 किलो घी मिलेगा।

जीत के बाद अभिताभ बच्चन के साथ आशा धीरयान और उसके पति विनोद

जीत के बाद अभिताभ बच्चन के साथ आशा धीरयान और उसके पति विनोद

आशा धीरयान की जीवन यात्रा

आशा धीरयान ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बागपत के गांव खेकड़ा की रहने वाली है। साल 2015 में उसकी शादी मोई माजरी के विनोद के साथ हुई थी। परिवार में उसे एक 8 साल का बेटा जय और 4 साल की बेटी राशि है। आशा देवी अपने माता-पिता की इकलौती संतान है और पिता साल 2010 में एक्सपायर हो गए थे।

उसके बाद मां माला घर पर अकेली होने की वजह से उनकी बेटी आशा उसे अपने साथ लेकर आ गई और इन दोनों सोनीपत में किराए के मकान पर पति, दो बच्चों और अपनी मां आशा के साथ रहती है। वहीं विनोद का पूरा परिवार गांव मोई माजरी में रहता है।

आशा देवी ने अपनी ग्रेजुएशन करने के बाद साल 2017 में बीएड की पढ़ाई की। एमएससी केमिस्ट्री की पढ़ाई साल 2021 में पूरी की थी। उसके बाद वह पिछले काफी सालों से एक प्राइवेट स्कूल में टीचर रही है हालांकि पिछले 2 महीने से उन्होंने केबीसी में जाने के लिए मेहनत की और इसीलिए बीच में स्कूल को छोड़ दिया था।

सोनीपत में किराए का वह मकान जिसमें आशा अपने पति और बच्चों के साथ रहती हैं।

सोनीपत में किराए का वह मकान जिसमें आशा अपने पति और बच्चों के साथ रहती हैं।

मां ने मारा ताना

आशा धीरयान बताती है कि जब साल 2000 में वह 9 साल की थी और वहीं पहली बार जब केबीसी रिलीज हुआ तो उस दौरान अपने माता माला और पिता रामबीर के साथ बैठकर केबीसी का शो देख रहे थे। उसी दौरान उन्होंने अपनी बेटी आशा से कहा कि बेटा आप भी बहुत ज्यादा पढ़ो और एक दिन इस शो में जरूर जाना। उसके पिता जब भी इस शो को देखते तो अपनी बेटी में मोटिवेशनल शब्द भर देते थे। हालांकि साल 2010 में पिता का साथ छूट गया और उनके पिता बीमारी के चलते उनकी मौत हो गई।

धीरे-धीरे आशा देवी बड़ी होती गई और उसे अपने पिता की बात याद नहीं रही। लेकिन जब साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान आशा देवी घर में बैठकर पढ़ाई कर रही थी। इस दौरान उसकी मां माला देवी ने कहा कि इतनी किताबें पढ़ने का क्या फायदा, तुम आज तक केबीसी में नहीं जा पाई हो। तुम्हारी पढ़ाई का फायदा तब होगा जब तुम भी एक दिन अमिताभ बच्चन के सामने बैठकर जवाब दो। मां की कही हुई बात उसे थोड़ी चुभ गई और उसने केबीसी के लिए ट्राई करना शुरू किया।

आशा ने केबीसी में दूसरी बार अप्लाई किया था

आशा ने केबीसी में दूसरी बार अप्लाई किया था

केबीसी के सिलेक्शन की कहानी

पहली बार साल 2022 में उन्होंने ट्राई किया। लेकिन उस दौरान ग्राउंड ऑडिशन तक ही पहुंच पाई थी। ग्राउंड ऑडिशन के दौरान जीके टेस्ट और इंटरव्यू होता है। उसके बाद उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मां की बात को याद करके दोबारा फिर मार्च 2025 में केबीसी की एप्लिकेशन पर जाकर रजिस्ट्रेशन करवाया और 14 दिन तक ऐप पर उन्हें अलग-अलग क्वेश्चन मिलते रहे और जिनका वह जवाब देती रही।

उसके बाद वह शॉर्टलिस्ट हुई और उसका सिलेक्शन होने के बाद ऑडिशन के लिए उन्हें 1 जून 2025 को दिल्ली के लिए बुलाया गया। आशा बताती है कि दिल्ली में हजारों लोग इंटरव्यू और टेस्ट के लिए पहुंचे हुए थे। उन्होंने बताया कि केबीसी के लिए करीबन 8 करोड़ लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था। उन सभी के बीच से उनका सिलेक्शन होना अपने आप में उनके लिए काफी गर्व भरा लम्हा है।

सोनीपत में आशा अपनी मां माला देवी और पति व बच्चों के साथ

सोनीपत में आशा अपनी मां माला देवी और पति व बच्चों के साथ

अमिताभ बच्चन के साथ यादगार लम्हा

जहां पर उनका जीके टेस्ट और इंटरव्यू हुआ और दोनों में पास हो गई। जिसके बाद उन्हें 10 सितंबर को मुंबई बुलाया गया था। जहां 11 और 12 सितंबर को 2 दिन शूट किया गया। वहीं दूसरे दिन शूटिंग के दौरान अमिताभ बच्चन ने सुपर संदूक के तहत उन्हें अपने हाथों से कप में चाय डालकर पिलाई। हालांकि आशा ने बताया कि अगर वह 10 के 10 सवाल के जवाब सही देती तो उन्हें अमिताभ बच्चन के साथ डिनर पर जाने का मौका मिलता।

उन्होंने बताया कि वह अमिताभ बच्चन के साथ डिनर पर जाना चाहती थी। लेकिन एक सवाल गलत होने से वह चूक गई। जो सवाल ठीक होने पर उसने कहा कि सर बहुत मेहनत की है और 9 सवाल ठीक किए हैं। आप डिनर ना सही मुझे चाय पिला सकते हैं। जिस पर अमिताभ बच्चन ने उन्हें कहा था कि आप चाय पिएंगे तो महिला ने कहा कि हां वह उनके हाथों से चाय पीना चाहती हैं। उनकी बात को अमिताभ बच्चन ने सीरियस लेते हुए अपनी महानता का परिचय दिया और अपने साथ चाय पीने का मौका दिया और उनकी एक इच्छा वहां पर पूरी हो गई।

आशा बताती हैं कि उनका भी सपना पूरा हो गया

आशा बताती हैं कि उनका भी सपना पूरा हो गया

खेल में जीत और इनाम

आशा बताती हैं कि वह करीबन 1 घंटे तक स्क्रीन पर रही थी। जहां उनसे करीबन 10 क्वेश्चंस पूछे गए। जिनमें से 9 सवालों के जवाब ठीक दिए थे। लेकिन 11वां क्वेश्चन उनका गलत हो गया था। उन्होंने लाइफ लाइन नहीं लिया। दसवां सवाल अमिताभ बच्चन ने पूछा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव में मां के नाम मुहिम के तहत कौन सा पेड़ लगाया था। जिसमें उन्हें ऑप्शन दिए गए थे नेशनल ट्री और नेशनल फ्रूट। जिसमें से आशा ने गलती उत्तर देते हुए नेशनल ट्री बता दिया था। नेशनल फ्रूट मैंगो सही उत्तर था।

इनाम और गिफ्ट्स की भरमार

आशा ने दैनिक भास्कर ऐप से बातचीत करते हुए बताया अमिताभ बच्चन के साथ चाय पीने का लम्हा वह कभी नहीं भूल पाएंगी। हालांकि वहां का हर लम्हा उन्हें हमेशा याद रहेगा। उन्होंने कहा है कि 9 सवाल ठीक करने पर उन्हें ₹5 लाख कैश मिले हैं और वहीं दूसरी तरफ सुपर संदूक में 90 हजार थे, जिसको उन्होंने अपनी लाइफ लाइन में इन्वेस्ट किया था।

उन्हें एक बाइक, एक गोल्ड का सिक्का और 24 महीने का देसी घी मिला है। इसके अतिरिक्त उन्हें पतंजलि के गिफ्ट भी मिले हैं। आशा ने कहा है कि वह केबीसी के लिए आगे भी ट्राई करती रहेंगी और नया करना उन्हें बहुत अच्छा लगता है।

वहीं आशा एक प्राइवेट टीचर हैं और उन्होंने टिप्स देते हुए भी यह कहा है कि रेगुलर बुक्स पढ़नी चाहिए और उन्हीं के बीच से ही सारा सब कुछ रहता है। आपके आसपास जो कुछ हो रहा है उस पर नजर होनी चाहिए और उनकी जीके अच्छी थी। इसी वजह से उन्होंने 5 लाख जीते हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि लगातार अखबार भी पढ़ना चाहिए और धीरे-धीरे तैयारी हो जाती है।

आशा केबीसी के शो के बाद फोटो खिंचवाती हुई

आशा केबीसी के शो के बाद फोटो खिंचवाती हुई

गरीब बच्चों की करवाएंगी नौकरी की तैयारी

आशा देवी ने बताया कि उनके परिवार के लोग हमेशा यही चाहते हैं कि आशा सरकारी जॉब में लग जाए। हालांकि वे लगातार मेहनत भी करती रही हैं लेकिन उनकी सरकारी नौकरी नहीं लग पाई। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी है और अब वह कहती हैं कि कोई बात नहीं, मुझे नौकरी ना सही लेकिन वह अब गरीब और असहाय बच्चों के लिए नौकरी की तैयारी करवाएंगी

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