mohenjodaro dancing girl replica stolen national museum Sonipat Ashoka University Professor | ‘डांसिंग गर्ल’ चुराने वाला अशोका यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर इंटरनेशनल रिसर्चर: नेशनल म्यूजियम में चोरी की FIR पहली बार सामने; प्रेसीडेंसी व नालंदा यूनिवर्सिटी में पढ़ाया – Sonipat News

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मोहनजोदड़ो ‘डांसिंग गर्ल’ की वह प्रतिकृति, जिसको अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर चुराने का आरोप है।

दिल्ली के लुटियंस स्थित नेशनल म्यूजियम से मोहनजोदड़ो की प्रसिद्ध डांसिंग गर्ल की रेप्लिका चोरी की FIR पहली बार सामने आई है। इसमें हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोक यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर को नामजद किया गया है।

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कर्तव्य पद थाने में दर्ज FIR में डॉ. सरमन मुखर्जी का नाम आरोपी के तौर पर है, जो यूनिवर्सिटी में विजुअल आर्ट विभाग के प्रोफेसर हैं और मूलरूप से कोलकाता के हैं। यह FIR 20 सितंबर को दर्ज हुई थी।

CCTV में दिखने के बाद प्रोफेसर को तुरंत ट्रेस कर कांस्य की यह कृति बरामद कर ली गई थी। उन्हें हिरासत में लेकर पुलिस के हवाले कर दिया गया है। बाद में जमानत भी दे दी गई।

हालांकि, नामजद प्रोफेसर ने दावा किया कि मुझसे यह सब अंजाने में हुआ था। गलती से प्रतिकृति बैग में रखी गई।

अब जानिए दर्ज FIR के मुताबिक क्या था पूरा ​मामला….

20 सितंबर को CCTV से पकड़ में आई मूर्ति चोरी FIR में लिखा है कि म्यूजियम की गैलरी में ड्यूटी करने वाले निखिल कुमार ने पुलिस को बताया कि 20 सितंबर को दोपहर करीब 2 बजकर 40 मिनट पर चोरी की घटना की जानकारी मिली। उन्हें सीआईएसएफ (CISF) के हेड कॉन्स्टेबल पीके पाण्डेय ने फोन पर सूचित किया कि ‘अनुभव वीथिका’ गैलरी से ‘डांसिंग गर्ल’ की प्रतिकृति गायब है।

सीसीटीवी फुटेज को तुरंत चैक किया गया तो एक व्यक्ति को प्रतिकृति उठाते हुए देखा गया। ​निखिल कुमार के मौके पर पहुंचने से पहले ही, सीआईएसएफ अधिकारियों एसआई परगट सिंह और हेड कॉन्स्टेबल महेन्द्र सिंह ने आरोपी को पकड़ लिया और चोरी की गई प्रतिकृति बरामद कर ली। चोरी करने वाले व्यक्ति की पहचान प्रोफेसर सरमन मुखर्जी (46) के रूप में हुई, जो अशोका यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं और मूलरूप से पश्चिम बंगाल के निवासी हैं।

​पुलिस ने चोरी की धाराएं लगाईं​ चोरी की सूचना मिलते ही, बीट हेड कॉन्स्टेबल लीलू ने शाम करीब 4 बजे ड्यूटी पर तैनात एसआई मनीष को नेशनल म्यूजियम, जनपथ रोड पर थाने में सूचित किया। इस दौरान एसआई मनीष के पहुंचने से पहले शिकायतकर्ता निखिल कुमार, बीट एचसी लीलू और एचसी अजीत ने प्रोफेसर सरमन मुखर्जी को पकड़कर बैठाए रखा और चोरीशुदा ‘डांसिंग गर्ल’ रेप्लिका को भी बरामद कर लिया। एसआई मनीष मौके पर पहुंचे तो प्रोफेसर सरमन मुखर्जी और ‘डांसिंग गर्ल’ रेप्लिका को सौंपा। धारा 305(ई)/317(2) BNS में एफआईआर दर्ज की गई।

ऊपर दिया गया प्रोफेसर सरमन मुखर्जी का बयान उन्होंने म्यूजियम व पुलिस के सामने दिया था। इन्हीं तर्कों के आधार पर प्रोफेसर को अंतरिम जमानत मिल गई है। अब पुलिस जांच करेगी।

अब जानिए कौन हैं प्रोफेसर जिन पर आरोप लगा

कला इतिहास और पुरातत्व के विशेषज्ञ अशोका यूनिवर्सिटी की वेबसाइट के मुताबिक विजुअल आर्ट्स विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. सरमन मुखर्जी कला इतिहास, पुरातत्व और संग्रहालय अध्ययन के क्षेत्र में रिसर्च कर रहे हैं। वे औपनिवेशिक और उत्तर-औपनिवेशिक दक्षिण एशिया के इतिहासकार के रूप में प्रशिक्षित हैं। डॉ. सरमन मुखर्जी ने 2010 में कोलकाता विश्वविद्यालय और सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज, कोलकाता से पीएचडी की। उनका रिसर्च मुख्य रूप से कला इतिहास, पुरातत्व और संग्रहालय संस्थानों के विकास पर केंद्रित है। वे यह समझने की कोशिश करते हैं कि कैसे वस्तुएं, स्मारक और स्थल इतिहास की जीवंत कहानियां सुनाते हैं।

अंतरराष्ट्रीय रिसर्च अनुभव अशोका यूनिवर्सिटी से जुड़ने से पहले, डॉ. मुखर्जी ने कई प्रतिष्ठित संस्थानों में पोस्ट-डॉक्टोरल रिसर्च किया। इनमें इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज़ (लीडेन), रॉयल नीदरलैंड्स इंस्टीट्यूट फॉर साउथईस्ट एशियन एंड कैरेबियन स्टडीज़ (KITLV, लीडेन), और यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा (यूएसए) के इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडी शामिल हैं। उन्होंने प्रेसीडेंसी यूनिवर्सिटी (कोलकाता) और नालंदा यूनिवर्सिटी (राजगीर, बिहार) में इतिहास विभाग और स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडीज में अध्यापन भी किया है।

अशोका यूनिवर्सिटी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है

अशोका यूनिवर्सिटी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है

अशोका यूनिवर्सिटी ने शुरू की जांच​ घटना सामने आने के बाद अशोका यूनिवर्सिटी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। अशोका यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर कहा, “शनिवार को नेशनल म्यूजियम में हुई यह घटना हमारे संज्ञान में लाई गई है। यूनिवर्सिटी ने इस मामले की जांच के लिए एक आंतरिक समिति का गठन करेगी।”

अब जानिए नेशनल म्यूजियम के बारे में…

20 से ज्यादा गैलरियां दिल्ली का नेशनल म्यूजियम देश के सबसे प्रतिष्ठित और समृद्ध म्यूजियमों में से एक है। यह भारतीय इतिहास, संस्कृति, कला और पुरातत्व का भव्य संग्राहक है। इसकी स्थापना साल 1949 में हुई थी। इसका उद्घाटन भारत के अंतिम गवर्नर जनरल सी. राजगोपालाचारी ने किया था। इसमें 20 से ज्यादा गैलरियां हैं और 2 लाख से अधिक कलेक्शन हैं।

डांसिंग गर्ल और याजक की प्रतिकृतियां इसकी प्रमुख गैलरियों में सिंधु घाटी सभ्यता गैलरी है, जिसमें डांसिंग गर्ल और याजक की प्रसिद्ध प्रतिकृतियां हैं। इसके अलावा खुदाई में मिली मूर्तियां, बर्तन और मोहरें हैं। ब्राह्मी, खरोष्ठी, देवनागरी और तमिल सहित 15 से अधिक प्रमुख लिपियों का ऐतिहासिक विकास यहां दर्शाया गया है। अशोक के शिलालेख और ताम्रपत्र हैं।

पेंटिंग्स और कवच भी मौजूद इसमें मुगल, राजस्थानी, पहाड़ी, डेक्कनी और कंपनी शैली की दुर्लभ पेंटिंग्स रखी हैं। मुगल, मराठा, राजपूत और सिख योद्धाओं के हथियार, टीपू सुल्तान की तलवार व अंग-रक्षात्मक कवच रखे हैं। गांधार, मथुरा और अमरावती कला शैलियों की बुद्ध और बोधिसत्व की दुर्लभ मूर्तियां हैं। साथ ही पल्लव, चोल, गुप्त और होयसला काल की कृतियां भी रखी हैं।

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