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- Seven Inspiring Stories From The Seven Chapters Of Ramayana, Sever Stories Of Ramayana, Lesson Of Lord Ram, Life Management Tips In Hindi From Ramayana
4 मिनट पहले
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2 अक्टूबर विजयादशमी यानी दशहरा है। ये धर्म की जीत का पर्व है। इस दिन श्रीराम की विशेष पूजा की जाती है। पूजा-पाठ करने के साथ ही इस दिन रामायण और राम जी से जुड़े किस्सों का पाठ करने की भी परंपरा है। राम जी की कथाओं की सीख को जीवन में उतार लेंगे तो कई समस्याएं दूर हो सकती हैं…
बालकांड: कंफर्ट जोन से बाहर निकलना चाहिए
इस कांड में श्रीराम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के पास शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा जाता है। दशरथ पहले तो राम को अपने से दूर भेजने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन बाद में ऋषि की बात मान लेते हैं। इसके बाद राम-लक्ष्मण महल का सुख छोड़कर शिक्षा ग्रहण करने के लिए विश्वामित्र के साथ वन में चले जाते हैं।
- जीवन प्रबंधन की सीख:
हर व्यक्ति को अपने जीवन में सही गुरु यानी मार्गदर्शक को चुनना चाहिए। राम-लक्ष्मण का महल छोड़कर विश्वामित्र के साथ वन में जाना ये सिखाता है कि अगर किसी को आगे बढ़ना है, तो उसे अपनी कंफर्ट जोन से बाहर निकलना होगा। सही समय पर सही मार्गदर्शन स्वीकार करना ही सफलता का मूल मंत्र है।
अयोध्याकांड: समय कभी भी बदल सकता है
राम को जब अयोध्या का राजा घोषित किया जाता है। राम के राज्याभिषेक की तैयारियां शुरू हो जाती हैं, लेकिन राज्याभिषेक से ठीक पहले कैकेयी ने राजा दशरथ से दो वरदान मांग लिए। एक भरत को राज और दूसरा राम को 14 वर्ष का वनवास। इन वरदानों के चलते राम को वनवास मिल जाता है। बिना किसी विरोध और शिकायत के राम इसे सकारात्मकता के साथ स्वीकार कर लेते हैं।
- जीवन प्रबंधन की सीख:
जिस दिन राम का राज्याभिषेक होना था, ठीक उसी दिन हालात ऐसे बदले की राम को वनवास जाना पड़ गया। ये घटना हमें संदेश देती है कि हालात कभी भी बदल सकते हैं। हम हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए।
अरण्यकांड: मुश्किल समय में खुद को संभालें
रावण ने सीता का हरण कर लिया था। सीता हरण के बाद राम दुखी होते हैं, लेकिन वे जल्दी ही अपने आपको संभालते हैं और आगे की योजना बनाते हैं।
- जीवन प्रबंधन की सीख:
कठिन समय में भावनाओं में बहने के बजाय ठंडे दिमाग से निर्णय लेना आवश्यक होता है। राम का आत्मसंयम हमें संदेश देता है कि मुश्किल समय में खुद को संभालना चाहिए और सकारात्मक सोच के साथ आगे की योजना बनानी चाहिए।
किष्किंधाकांड: मित्र की मदद के लिए तैयार रहें
हनुमान जी भगवान राम, सुग्रीव की मित्रता कराते हैं। राम सुग्रीव को उसका राज्य दिलाने में मदद करते हैं और बदले में सुग्रीव सीता की खोज करने में मदद करते हैं। सुग्रीव देवी सीता की खोज करने के लिए अपनी वानर सेना को चारों दिशाओं में भेजते हैं।
- जीवन प्रबंधन की सीख:
ये कांड बताता है कि जीवन में मित्रता कितनी जरूरी है। सही मित्र होंगे तो हम बड़ी-बड़ी परेशानियों से बाहर निकल सकते हैं। एक अच्छा लीडर दूसरों की मदद करता है, लेकिन बदले में स्पष्ट लक्ष्य और जिम्मेदारी भी तय करता है।
सुंदरकांड: आत्मविश्वास से बड़े काम भी संभव है
इस कांड में हनुमान आत्मविश्वास से भरपूर होकर लंका पहुंचते हैं। लंका में देवी सीता की खोज करते हैं। राक्षसों से लड़ते हैं और लंका को जलाकर लौट आते हैं।
- जीवन प्रबंधन की सीख:
हनुमान हमें सिखाते हैं कि जब काम मुश्किल हो तो आत्मविश्वास बनाए रखें, इस गुण से बड़े-बड़े काम भी पूरे हो सकते हैं।
लंकाकांड: हर पल धर्म का पालन करें
राम और रावण के बीच युद्ध होता है, लेकिन राम हर कदम धर्म का पालन करते हैं, चाहे वह विभीषण को शरण देना हो या रावण की अंतिम विदाई को सम्मान देना।
- जीवन प्रबंधन की सीख:
ये कांड सिखाता है कि संघर्ष में भी धर्म नहीं छोड़ना चाहिए। योजना बनाते समय अपने धर्म की अनदेखी न करें। राम का व्यवहार दर्शाता है कि आप जीतें या हारें, आपका चरित्र ही आपकी सबसे बड़ी पूंजी है।
उत्तरकांड: समाज की भलाई के लिए निजी त्याग करने में पीछे न हटें
राम राज्याभिषेक के बाद एक आदर्श राज्य की स्थापना करते हैं, लेकिन सामाजिक व्यवस्था को देखते हुए सीता का त्याग करते हैं, भले ही ये काम राम के लिए निजी तौर पर कष्टप्रद था।
- जीवन प्रबंधन की सीख:
राम का ये निर्णय बताता है कि कभी-कभी व्यक्ति को निजी हितों से ऊपर उठकर समाज के हित में कठोर निर्णय लेने पड़ते हैं। ऐसे निर्णय लेने में हमें पीछे नहीं हटना चाहिए।