बहादुरगढ़ के गांव लडरावण में प्रदर्शन करते किसानों का फाइल फोटो।
बहादुरगढ़ में खेतड़ी-नरेला पावर ग्रिड ट्रांसमिशन लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण से प्रभावित गांवों के किसान लगातार उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। आसौदा गांव के बाद अब लडरावण गांव के किसानों ने भी पावरग्रिड लाइन की भूमि को लेकर तकरार की है। गांव के किसान ल
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किसानों का कहना है कि पावरग्रिड लाइन बिछाने से उनकी खेतीबाड़ी पर बुरा असर पड़ेगा और जमीन की उपयोगिता भी कम हो जाएगी। गांव के किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि वे प्रभावित किसानों की जमीन का दिल्ली के गांवों की तर्ज पर मुआवजा दें। लडरावण की जमीन दिल्ली के गांवों के साथ लगती है।
दिल्ली की तर्ज पर दिया जाए मुआवजा
किसान जयकिशन छिल्लर, जितेंद्र, राकेश, रामकंवार, राजकुमार, सुरेश, सुनील अनिल आदि ने साफ कहा कि वे बिना उचित मुआवजा लिए पावरग्रिड लाइन नहीं गुजरने देंगे। उन्होंने मांग रखी है कि उन्हें दिल्ली के गांवों की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए, ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके। किसानों ने प्रशासन और सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द नहीं माना गया, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होंगे।
बातचीत के माध्यम से हल निकाले प्रशासन
ग्रामीणों ने बताया कि मौजूदा मुआवजा दर बेहद कम है, जबकि दिल्ली क्षेत्र के किसानों को कहीं अधिक मुआवजा दिया जा चुका है। इस भेदभाव को खत्म कर सभी किसानों के साथ समान व्यवहार किया जाए। किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि मामले का समाधान बातचीत से निकाला जाए और उन्हें उनकी जमीन का सही मूल्य मिले