Trump Frustrated Over Soybean Sales; Plans Meeting with Chinese President Xi Jinping | ट्रम्प अमेरिकी किसानों का सोयाबीन नहीं बिकने से परेशान: कहा- जल्द चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात करूंगा, टैरिफ के पैसे से किसानों को मदद देंगे

Actionpunjab
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वॉशिंगटन डीसी3 मिनट पहले

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(एआई जेनरेटेड इमेज) - Dainik Bhaskar

(एआई जेनरेटेड इमेज)

अमेरिकी किसानों का सोयाबीन नहीं बिकने से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प परेशान हो गए हैं। ट्रम्प ने बताया कि अमेरिका के सोयाबीन किसान मुश्किल हालात में हैं, क्योंकि चीन उनसे सोयाबीन नहीं खरीद रहा। इसी वजह से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि वे अगले 1 महीने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने जा रहे हैं। इस बैठक में सबसे बड़ा मुद्दा मुद्दा सोयाबीन पर होगा। ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल पर लिखा कि चीन सिर्फ बातचीत करने के लिए सोयाबीन की खरीद रोक रहा है।

ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा

सोयाबीन पर क्यों फंसा है मामला?

अमेरिका और चीन के बीच इस साल की शुरुआत में टैरिफ वॉर हुआ था। चीन ने जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी सोयाबीन पर 20% अतिरिक्त शुल्क लगा दिया।

अमेरिकन सोयाबीन एसोसिएशन (ASA) ने अगस्त में चेतावनी दी थी कि चीन की पाबंदियां अमेरिकी किसानों को उनकी सबसे बड़ी मार्केट से बाहर कर रही हैं।

ASA अध्यक्ष केलिब रैगलैंड ने कहा

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यह बेहद निराशाजनक है। अमेरिका ने चीन को एक भी नई सोयाबीन खेप नहीं बेची, जबकि ब्राजील और अर्जेंटीना हमारे बाजार पर कब्जा कर चुके हैं।

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अमेरिका के लिए सोयाबीन का सबसे बड़ा बाजार चीन है। अब वह चीन में अपना सोयाबीन नहीं बेच पा रहा है। अमेरिका की जगह अब ब्राजील और अर्जेंटीना चीन को अपना सोयाबीन बेच रहे हैं। चीन की बढ़ती मांग के चलते वहां के किसानों और निर्यातकों की आमदनी बढ़ गई है।

अमेरिकी मंत्री का मैसेज वायरल

इससे जुड़ी एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है। इसे एसोसिएटेड प्रेस की फोटोग्राफर एंजेलिना कात्सानिस ने खींचा। इसमें अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट यूएन में कृषि मंत्री ब्रुक रोलिंस का मैसेज पढ़ते नजर आ रहे हैं।

मैसेज में लिखा है- आखिरकार मुझे एक जानकारी मिली है जो बेहद दुखी करने वाली है। हमने कल अर्जेंटीना को आर्थिक मदद दी और बदले में, अर्जेंटीना अनाज पर अपने निर्यात शुल्क हटा रहा है, अपनी कीमतें कम कर रहा है, और चीन को सोयाबीन का एक बड़ा हिस्सा बेच रहा है।

रोलिंस ने चेतावनी दी कि इस कदम से सोया की कीमतें और गिर रही हैं, और यह चीन को अमेरिका पर और ज्यादा बढ़त लेने का मौका दे रहा है।

मैसेज के आखिरी में लिखा था, "मैं विमान पर हूं लेकिन स्कॉट, जब मैं उतरूंगा तो मैं तुम्हें फोन कर सकता हूं।"

मैसेज के आखिरी में लिखा था, “मैं विमान पर हूं लेकिन स्कॉट, जब मैं उतरूंगा तो मैं तुम्हें फोन कर सकता हूं।”

बाइडेन पर डील को लागू नहीं करने का आरोप लगाया

ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की भी आलोचना की, क्योंकि उनके समय में वह ट्रेड डील लागू नहीं हो पाई थी, जिसके तहत चीन को अरबों डॉलर के अमेरिकी कृषि उत्पाद खरीदने थे।

दरअसल, 2020 में ट्रम्प प्रशासन और चीन के बीच एक फेज वन डील हुई थी। इसके तहत चीन ने अमेरिका से बड़ी मात्रा में कृषि उत्पाद जैसे कि सोयाबीन, मक्का, गेहूं, मांस जैसी चीजें खरीदने का वादा किया था।

इसका मकसद अमेरिकी किसानों को फायदा पहुंचाना और दोनों देशों के बीच ट्रेड बैलेंस को बरकरार रखना था। ट्रम्प ने दावा किया कि बाइडेन प्रशासन ने इस डील को लागू करने की कोशिश ही नहीं की।

अमेरिका में सोयाबीन किसानों की हालत खराब

एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के सोयाबीन किसानों की स्थिति इस समय काफी खराब है। उनके पास फसल तैयार है, लेकिन बेचने के लिए उन्हें जगह नहीं मिल रही।

इसकी सबसे बड़ी यह है कि चीन, जो अमेरिकी सोयाबीन का सबसे बड़ा खरीदार रहा है, अब खरीद बंद कर चुका है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका में सोयाबीन की कटाई के लिए तैयार है, लेकिन किसानों को नहीं पता कि वे अपनी फसल कहां बेचेंगे।

पिछले साल अमेरिका ने कुल लगभग 24.5 अरब डॉलर मूल्य का सोयाबीन निर्यात किया था। इसमें से चीन ने अकेले 12.5 अरब डॉलर का सोयाबीन खरीदा था, यानी अमेरिका के कुल निर्यात का करीब आधा हिस्सा।

इसलिए चीन की खरीद बंद होने से अमेरिकी किसानों पर सीधे आर्थिक दबाव पड़ा है। उनका बड़ा बाजार अचानक बंद हो गया है, और इससे उनकी आमदनी भी प्रभावित हुई है।

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