खैरथल में सिंधी भाषा और संस्कृति के संरक्षण के लिए शहर में बड़ा कदम उठाया गया है। एनसीपीएसएल एवं भारतीय सिंधु सभा राजस्थान न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आनंद नगर कॉलोनी स्थित गुरु मांगलगिरी संन्यास आश्रम (शिवालय) परिसर में गुरुवार देर शाम को सिंधी भ
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इन कक्षाओं के माध्यम से न केवल विद्यार्थी अपनी मातृभाषा से जुड़ेंगे, बल्कि सिंधी संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों को भी समझ पाएंगे। आयोजकों का मानना है कि भाषा और संस्कृति का ये प्रशिक्षण भावी पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनेगा।

इस अवसर पर भारतीय सिंधु सभा राजस्थान के महामंत्री गिरधारीलाल ज्ञानानी, वरिष्ठ प्रदेश मंत्री प्रताप सिंह कटहरा, प्रदेश मंत्री राजकुमार दादवानी, जिलाध्यक्ष अशोक महलवानी, युवा इकाई जिलाध्यक्ष विजय बच्चानी, इकाई अध्यक्ष नत्थूमल रामनानी, जिला मीडिया प्रभारी दिनेश माखीजा, बाबूलाल गोरवानी, महिला संगठन जिलाध्यक्ष नीतू खजनानी, अध्यक्ष सिमरन रोघा एवं सचिव निशा बालानी सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी व मातृशक्ति मौजूद रही।

कक्षाओं का संचालन 17 सिंधी शिक्षा मित्रों द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम के दौरान सभी सुपरवाइजरों ने 25 कक्षाओं का निरीक्षण किया और छात्रों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इन कक्षाओं में लगभग 408 छात्र नामांकित हुए हैं, जिन्हें सिंधी सर्टिफिकेट कोर्स, डिप्लोमा कोर्स एवं एडवांस डिप्लोमा कोर्स की जानकारी दी गई। छात्रों को सिंधी भाषा के साथ-साथ संस्कृति का भी शिक्षण प्रारंभ कराया गया।

महामंत्री गिरधारीलाल ज्ञानानी ने कहा कि ये कक्षाएं करीब 100 दिनों तक प्रतिदिन संचालित होंगी। आगामी 10 जनवरी को परीक्षा लेकर छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सिंधी भाषा और संस्कृति का संरक्षण व संवर्धन समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। नई पीढ़ी को मातृभाषा से जोड़ना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यक्रम का संचालन प्रदेश साहित्य एवं संस्कृति मंत्री राजकुमार दादवानी ने किया। इस दौरान राजा मंगलानी सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने व्यवस्थाओं में सहयोग कर कार्यक्रम को सफल बनाया।