सरस डेयरी के अध्यक्ष ने प्रबंध संचालक पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप।
जोधपुर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ‘सरस डेयरी’ में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जोधपुर डेयरी से 10 टन घी और 375 कट्टे दूध पाउडर गायब होने के आरोप लगे हैं। जिसको लेकर चेयरमैन ने गोपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखकर कार्रवा
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पश्चिमी राजस्थान दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के अध्यक्ष रामलाल विश्नोई ने जोधपुर डेयरी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। उन्होंने गोपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव को एक बार फिर पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
चेयरमैन ने पत्र में बताया कि डेयरी के वर्तमान प्रबंध संचालक एल.सी. बलाई कोर्ट स्टे का फायदा उठाकर पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। उनके खिलाफ पहले से अनियमितताओं के 6 गंभीर मामले लंबित हैं। इनमें से अधिकांश में करोड़ों रुपए के भ्रष्टाचार की पुष्टि विभिन्न स्तर पर हुई जांचों में भी हो चुकी है। इसके बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जांच में जानबूझकर देरी की
चेयरमैन ने बताया कि जोधपुर सरस डेयरी में तकरीबन 10 टन घी और 375 कट्टे पाउडर के गायब होने की आशंका है। इसको लेकर फिजिकल स्टॉक वेरिफिकेशन कराने की मांग की थी, लेकिन आरसीडीएफ अफसरों ने इसमें जानबूझकर देरी की। 7 दिन बाद 24 सितंबर को टीम जोधपुर पहुंची, जहां जांच की औपचारिकता निभाई गई।
उन्होंने कहा कि बतौर शिकायतकर्ता और संघ के चेयरमैन की हैसियत से मैंने मेरी मौजूदगी में स्टॉक वेरिफाई करने को कहा था, लेकिन जांच टीम ने उनकी सुनवाई नहीं की और जांच कर वापस चली गई। इसकी रिपोर्ट क्या रही, इस पर भी संशय बना हुआ है, इसलिए 29 सितंबर को दोबारा प्रमुख शासन सचिव को पत्र लिखा है।
डेयरी को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया
विश्नोई ने बताया कि 2013 से 2025 तक विभिन्न पदस्थापनों में बलाई ने संघ को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया है। उनके खिलाफ सहकारिता अधिनियम की धारा 55 और 57 के तहत लगभग 6 जांचें लंबित हैं। यहां तक कि इनमें बलाई को निलंबित करने के साथ ही कई मामलों में वसूली करने तक के आदेश हो चुके हैं। इनमें से कई मामलों में तो बलाई ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया, लेकिन उन्हें कोर्ट से हटवाने के लिए सरकार की तरफ से कोई प्रयास दिखाई नहीं दे रहे हैं।

चेयरमैन ने आरोप लगाए कि जोधपुर डेयरी को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया।
फैट जांच में भी हेराफेरी
विश्नोई ने बताया कि सरस डेयरी में एसएनएफ (सॉलिड नॉट फैट) को लेकर भी धांधली की जा रही है, जिसकी भी प्रमुख शासन सचिव को शिकायत भेजी थी, लेकिन इस पर भी अब तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है। शिकायत में जोधपुर डेयरी में दूध की मात्रा के अनुसार फैट कम दी जा रही है। डेयरी की कई समितियों की शिकायतों का हवाला दिया है, जिनमें लिखा है कि डेयरी में चल रही धांधलियों में फैट, घी और पाउडर का भौतिक स्टॉक कम होने के बावजूद डेयरी के मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (MIS) रिपोर्ट में गलत आंकड़े दर्शाए जा रहे हैं।
इसके लिए एमडी बलाई और सहायक प्रबंधक भूपेश सोलंकी ने मिलकर समितियों की फैट(एसएनएफ) में हेराफेरी की है। इन सब तथ्यों की पुष्टि सिर्फ पारदर्शिता से फिजिकल स्टॉक वेरिफिकेशन से ही संभव है।
चेयरमैन को डेयरी से जुड़ी जानकारी देने पर रोक
इस पूरे मामले में चौंकाने वाली बात यह है कि सरस डेयरी में भ्रष्टाचार शिकायत करने पर चेयरमैन को डेयरी से जुड़ी कोई जानकारी नहीं दी जाएगी, इसके लिए डेयरी के प्रबंध संचालक एल.सी. बलाई ने लिखित में निर्देश जारी किए हैं।
बलाई ने लिखा है कि सभी विभाग के अध्यक्षों को सूचित किया जाता है कि संचालक मंडल अध्यक्ष, सदस्य और मीडिया को विभाग से संबंधित कोई भी डॉक्यूमेंट्स बिना प्रबंध संचालक की अनुमति के उपलब्ध नहीं कराए जाएं। यदि किसी के द्वारा उपलब्ध कराए गए तो उसके खिलाफ सेवा नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी संबंधित की होगी।