चंडीगढ़ में कैंडल मार्च निकालने जा रहे किसानों और पुलिस में हाथपाई हुई।
चंडीगढ़ में आज किसानों द्वारा निकाले जाने वाले कैंडल मार्च से पहले ही पुलिस ने उन्हें किसान भवन में रोक दिया है। किसानों की तरफ से तीन कृषि कानूनों के विरोध में चले संघर्ष के दौरान लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए ये मार्च
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2021 में आज के दिन ही कई किसानों की मौत हो गई थी, जिसके लिए किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले मार्च निकाला जाना था। मार्च सेक्टर-35 किसान भवन से सेक्टर-17 तक जाना था, लेकिन पुलिस ने किसानों को किसान भवन में रोक दिया, जिसके बाद किसान भड़क गए। उन्होंने जमकर नारेबाजी की। साथ ही पुलिस की इस कार्रवाई को पूरी तरह से गलत बताया।

कैंडल मार्च के लिए जुटे किसान ।

पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद किसान कैंडल जगाकर खड़े हो गए है।
पंजाब और हरियाणा से जुटे थे किसान
इस मार्च में शामिल होने के लिए किसान चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली और अंबाला, पटियाला समेत कई जगह से पहुंचे थे। किसानों ने साफ किया था कि उन्होंने शांतमय तरीके से चंडीगढ़ जाना है। इसके लिए वह शाम को चंडीगढ़ पहुंच गए थे। मार्च की तैयारी कर ली गई थी। लेकिन जैसे ही पुलिस को भनक लगी, तो टीमें किसान भवन पर पहुंच गई।
पुलिस-किसानों में हुई धक्का-मुक्की
पुलिस का कहना था कि किसान सड़क पर नहीं जा सकते है। इसके लिए किसी तरह का प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। इसके बाद किसानों और पुलिस में धक्का मुक्की तक हुई। फिर किसानों ने वहीं, बैठकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर दी। किसानों का कहना है कि हम किसी दूसरे देश में प्रदर्शन करने नहीं जा रहे है। बल्कि यह हमारी राजधानी है। लेकिन पुलिस हमारे साथ धक्का कर रही है। पहले भी इस तरह किया गया है।