मुरसान, हाथरस5 मिनट पहले
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मृतक।
मुरसान कस्बे के मढैया निवासी 48 वर्षीय चंद्रपाल सिंह की 2 अक्टूबर को नेपाल में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। तीन दिन बाद शनिवार रात उनका शव घर पहुंचा, जिससे परिवार में शोक छा गया।
मृतक के भतीजे भोले पुत्र जमुना प्रसाद ने बताया कि उनके चाचा चंद्रपाल को 21 सितंबर को करीब 10 लोग जबरन नेपाल मेला ले गए थे। भोले का आरोप है कि 2 अक्टूबर की शाम 5 बजे चंद्रपाल सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई, लेकिन उनके साथियों ने परिवार को इसकी सूचना नहीं दी। इसकी जानकारी रात 9 बजे किसी अन्य माध्यम से मिली।
चंद्रपाल नेपाल के देड़मधुरा जिले में नवरात्र के मेले में हलवाई का काम करते थे। भोले के अनुसार, 2 अक्टूबर को मौत के बाद 3 अक्टूबर को स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और सभी साथियों को रोक लिया गया था।
3 अक्टूबर को उनके साथी चोरी-छिपे शव को मुरसान ला रहे थे, लेकिन उन्हें नेपाल बॉर्डर पर पुलिस ने रोक लिया। इसके बाद शव को अस्पताल भेजा गया। शनिवार रात को शव को एंबुलेंस के जरिए नेपाल से मुरसान पहुंचा है।
चंद्रपाल पर ही उनके परिवार का भरण-पोषण निर्भर था। उनके पीछे पत्नी पूनम और एक बेटी हैं। परिवार के सदस्यों का कहना है कि चंद्रपाल को अपने साथ ले गए लोग उनकी मौत की घटना को छिपा रहे हैं और ठीक से जवाब नहीं दे रहे हैं। मुरसान कोतवाली प्रभारी ममता सिंह का कहना है कि मामला नेपाल का है।