Australian organization will do research on Ganga in Kashi | आस्ट्रेलिया का संगठन काशी में करेगा गंगा पर शोध: संकट मोचन फाउंडेशन के साथ मिलकर चल रहा जागरूकता अभियान, तुलसीघाट पर कार्यशाला का हुआ आयोजन – Varanasi News

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वाराणसी के संकट मोचन फाउंडेशन, मदर्स फॉर मदर व आस्ट्रेलिया की संस्था ओज ग्रीन द्वारा तुलसीघाट पर गंगा जल व पेयजल के प्रति जागरूकता विषयक महिलाओं के लिए सामुदायिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। दो सत्रों में आयोजित कार्यशाला में दर्जनों महिलाओं ने सामूह

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महिलाओं को किया जा रहा अब जागरूक

कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए संकट मोचन फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा कि गंगा की स्वच्छता में महिलाओं की सशक्त भागीदारी है। वे सक्रिय भागीदारी करके गंगा को प्रदूषण से मुक्त कर सकती है। गंगा के जल के प्रदूषण की स्थिति ठीक नहीं है। हमें मिलजुलकर इसके प्रति सचेत रहना होगा। मदर्स फॉर मदर की अध्यक्ष आभा मिश्र ने कहा कि संस्था ने गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए जनमानस में जागरूकता लाने का कार्य किया है। महिलाएं सक्रिय भूमिका व जिम्मेदारी से यह कार्य कर सकती हैं। मां गंगा के प्रति हमारी जिम्मेदारियां भी हैं जिन्हें निभाना हमारा कर्तव्य है।

संगठन ने महिलाओं की बांटी जिम्मेदारी।

संगठन ने महिलाओं की बांटी जिम्मेदारी।

26 फरवरी तक काशी के 6 जगहों पर हुई चर्चा

कार्यशाला में ओज ग्रीन ऑस्ट्रेलिया की मुख्य कार्याधिकारी सीईओ पर्यावरणविद सू लेनास्क ने स्लाइड के माध्यम गंगा जल व अन्य जल स्रोत्र के प्रदूषण की चर्चा की। उन्होंने 15 अक्टूबर से 26 फरवरी तक काशी में छह स्थानों टिकरी, रामनगर, नगवां, पुष्कर तालाब,रघुनाथपुर (वरुणा ) पर किए गए जल जांच की संक्षिप्त चर्चा की। कार्यशाला का संचालन करते हुए अदिति मिश्र ने गंगा में गिर रहे सीवर को ज्यादा जिम्मेदार ठहराया। कहा इसके अलावा अन्य कारक भी गंगा को प्रदूषित कर रहे हैं जिन्हें समाज के समस्त लोग सक्रिय भागीदारी से दूर कर सकते हैं।

कार्यशाला में सामूहिक चर्चा में ये आए सुझाव

• शिक्षक विद्यालयों में छात्र- छात्राओं को गंगा प्रदूषण के बारे में जागरूक करें ताकि वे समाज को इसके बारे में सचेत करें।

• मदर्स फॉर मदर की सदस्याएं जागरूकता के लिए प्रयास करें। ग्रुप बनाकर सभी लोग गंगा में प्रदूषण रोकने को कहें। समाज को गंगा से जोड़ना होगा।

• सरकार आधार कार्ड की तर्ज पर ऐसा कार्ड बनवाये जिसमें गंगा या किसी भी नदी में प्रदूषण करने पर दंड विधान का उल्लेख हो।

• पॉलीथिन का कम से कम प्रयोग करें। बाजार जाएं तो कपड़े का झोला लेकर जाएं।

• डगमग पुर में कपड़े के बैग बनाने की योजना के अंतर्गत ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को जोड़ें ताकि निर्माण अधिक हो।

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