मुंबई47 मिनट पहले
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भैयाजी जोशी RSS सरकार्यवाह (महासचिव, दूसरे नंबर के नेता) रहे हैं। उन्होंने 2021 में स्वास्थ्य कारणों से पद छोड़ दिया था।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व सरकार्यवाह (महासचिव, दूसरे नंबर के नेता) भैयाजी जोशी के मराठी भाषा पर दिए बयान को लेकर विवाद हो गया।
मुंबई में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि मुंबई के हर हिस्से की भाषा अलग है। घाटकोपर इलाके की भाषा गुजराती है। इसलिए अगर आप मुंबई में रहते हैं, तो यह जरूरी नहीं है कि आपको मराठी सीखनी पड़े। हर किसी को मराठी जानना जरूरी नहीं है।
इस पर शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे ने जोशी पर देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की मांग की। वहीं, उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा- बाहर से लोग हमारे राज्य में आते हैं और यहां बस जाते हैं। इस भूमि की भाषा मराठी है, जैसे तमिलनाडु में तमिल और कर्नाटक में कन्नड़ है। भाजपा की विचारधारा महाराष्ट्र का अपमान करना है।

जोशी बोले- टिप्पणी का गलत मतलब निकाला गया विवाद बढ़ने पर जोशी ने कहा कि उनकी टिप्पणी का गलत मतलब निकाला गया। महाराष्ट्र की भाषा मराठी है। मुंबई महाराष्ट्र में है और स्वाभाविक रूप से मुंबई की भाषा मराठी है। भारत में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं। मुंबई में भी अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लोग रहते हैं। इसलिए यह स्वाभाविक है कि वे यहां आएं और मराठी सीखें, समझें और पढ़ें।
फडणवीस बोले- मराठी राज्य की संस्कृति, इसे सीखना हर नागरिक का कर्तव्य महाराष्ट्र विधानसभा इस मुद्दे को लेकर भाजपा और शिवसेना (UBT) के बीच तीखी बहस हुई। इसके चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में कहा, मुंबई, महाराष्ट्र और राज्य सरकार की भाषा मराठी है और यहां रहने वाले लोगों को इसे सीखना चाहिए। मराठी राज्य की संस्कृति और पहचान का हिस्सा है और इसे सीखना हर नागरिक का कर्तव्य है।
विवाद पर किसने क्या कहा…
1. जितेंद्र आव्हाड, विधायक NCP (SCP)
भैयाजी जोशी ने हमारी मातृभाषा का अपमान किया है। उन्होंने एक स्टेशन का नाम लिया और दावा किया कि इसकी भाषा गुजराती है, लेकिन वह मुंबई को नहीं समझते हैं। जो भी मुंबई आता है और इसे अपनाता है, उसे कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना पड़ता। पहले वे जाति के नाम पर बांटते थे, फिर धर्म के नाम पर और अब भाषा के नाम पर बांट रहे हैं।
2. आदित्य ठाकरे, शिवसेना (UBT) नेता
हम लगातार देख रहे हैं कि कोश्यारी से लेकर कोरटकर और सोलापुरकर तक सभी महाराष्ट्र, महाराष्ट्र के नायकों और देवताओं का अपमान कर रहे हैं। आज सुरेश भैयाजी जोशी ने मराठी का अपमान किया है। मैं उन्हें तमिलनाडु या गुजरात में ऐसा कुछ कहने की चुनौती देता हूं। वे महाराष्ट्र को विभाजित करना चाहते हैं। यह संघ की सोच है।

2018 में नागपुर में हुई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में भैयाजी जोशी (बाएं) को चौथी बार सरकार्यवाह चुना गया था।
कौन हैं भैया जी जोशी भैयाजी जोशी RSS के वरिष्ठ प्रचारक रहे हैं। उनका असली नाम सुरेश राव है। साल 1975 में पूर्णकालिक प्रचारक के रूप में संघ में शामिल हुए थे। हालांकि वे बहुत छोटी उम्र से ही संघ से जुड़ गए थे। जोशी 2009 से 2021 तक RSS के सरकार्यवाह रहे हैं।
संघ में सरकार्यवाह की भूमिका महासचिव के जैसी होती है। यह संघ के सरसंघचालक (अध्यक्ष) के बाद दूसरा सबसे अहम पद है। इसका चुनाव हर तीन साल में होता है। 2021 में स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने पद छोड़ दिया था।
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