Telangana tunnel accident, one dead body found on 16th day | तेलंगाना टनल हादसा, 16वें दिन एक डेडबॉडी मिली: मशीन से चिपकी हुई है, काटकर निकाला जा रहा; 7 अन्य की तलाश जारी

Actionpunjab
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नागरकुर्नूल1 घंटे पहले

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राज्य सरकार ने कहा था कि उनके बचने की संभावना बहुत हम है, लेकिन हम हर संभव प्रयास करेंगे। - Dainik Bhaskar

राज्य सरकार ने कहा था कि उनके बचने की संभावना बहुत हम है, लेकिन हम हर संभव प्रयास करेंगे।

तेलंगाना टनल हादसे के 16वें दिन रेस्क्यू टीम को पहला शव मिला है। बॉडी मशीन में फंसी हुई है। शव निकालने के लिए मशीन को काटने का काम जारी है। 7 मार्च को स्निफर डॉग्स (खोजी कुत्ते) को टनल में ले जाया गया था।

रेस्क्यू ऑफिसर ने बताया कि मशीन में फंसे शव के केवल हाथ दिखाई दे रहे थे। बीते दिन राज्य के सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया था कि खोजी कुत्तों ने खास जगह पर तेज गंध का पता लगाया है। पता चला है कि वहां तीन लोग मौजूद हैं।

इसके बाद वहां पर जमा मलबा हटाया जा रहा था। हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि शव उसी जगह मिला है या किसी अन्य जगह से। बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए रोबोट का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। मजदूरों की तलाश में 525 कर्मी लग हुए हैं।

राज्य के नागरकुर्नूल में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल का एक हिस्सा 22 फरवरी को धंस गया था। इस वजह से अंदर काम कर रहे 8 मजदूर फंस गए थे। राज्य सरकार ने कहा था कि उनके बचने की संभावना बहुत हम है, लेकिन हम हर संभव प्रयास करेंगे।

5 साल पहले चेतावनी दी थी, कोई एक्शन नहीं लिया गया 2020 में एमबर्ग टेक एजी नाम की कंपनी ने टनल का सर्वे किया था। कंपनी ने टनल में कुछ फॉल्ट जोन और कमजोर चट्‌टानों के खतरे को लेकर अलर्ट किया था। सर्वे रिपोर्ट टनल बनाने वाली कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को भी दी गई थी।

रिपोर्ट में बताया गया था कि 14 किमी लंबी टनल के 13.88 किमी से 13.91 किमी के हिस्से की चट्टानें कमजोर हैं। इस हिस्से में पानी भी भरा हुआ है। जमीन खिसकने का भी खतरा है। बचावकर्मियों के मुताबिक जिस हिस्से को रिपोर्ट में खतरनाक बताया गया था, वही हिस्सा गिरा है।

हालांकि राज्य सरकार के सिंचाई विभाग को इसकी जानकारी थी या नहीं, यह साफ नहीं है। सिंचाई विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि उन्हें ऐसी किसी रिपोर्ट की जानकारी नहीं है।

काम छोड़कर जा रहे मजदूर रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के बाद टनल में काम कर रहे कुछ मजदूर डर के कारण काम छोड़कर चले गए हैं। सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) प्रोजेक्ट में 800 लोग काम कर रहे हैं।

इनमें से 300 लोकल और बाकी झारखंड, ओडिशा और उत्तर प्रदेश से हैं।अधिकारी ने यह भी कहा कि शुरुआत में मजदूरों में डर जरूर है। हालांकि, कंपनी ने उनके लिए आवासीय कैंप बनाए हैं। कुछ लोग वापस जाना चाह सकते हैं, लेकिन हमारे पास इस बात की कोई रिपोर्ट नहीं है कि सभी मजदूर एक साथ छोड़कर जा रहे हैं।

रेस्क्यू से जुड़ी 3 तस्वीरें…

टनल में मौजूद कर्मचारी गैस कटर से लोहे काट रहे हैं।

टनल में मौजूद कर्मचारी गैस कटर से लोहे काट रहे हैं।

तेलंगाना CM रेवंथ रेड्डी के हेलिकॉप्टर से टनल का व्यू।

तेलंगाना CM रेवंथ रेड्डी के हेलिकॉप्टर से टनल का व्यू।

अधिकारियों का बनाया टनल का ग्राफ, इसके हिसाब से रेस्क्यू चलाया जा रहा है।

अधिकारियों का बनाया टनल का ग्राफ, इसके हिसाब से रेस्क्यू चलाया जा रहा है।

सुरंग में हर मिनट 5 से 8 हजार लीटर पानी आ रहा सोशल एक्टिविस्ट नैनाला गोवर्धन से ने दैनिक भास्कर को बताया कि टनल की ऊपरी स्लैब से हर मिनट 5 से 8 हजार लीटर पानी गिर रहा है। इस खतरे का सही अनुमान लगाने में रॉबिन्सन और जेपी जैसी कंपनियां ही नहीं, तेलंगाना सिंचाई विभाग भी फेल रहा है। यही SLBC प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी नाकामी है।

गोवर्धन के मुताबिक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की कालेश्वरम डैम प्रोजेक्ट और पोलावरम सिंचाई योजना में नियमों की अनदेखी हुई। यहां 460 करोड़ की लागत से बनी डायफ्रॉम वॉल ध्वस्त हो गई। मेडिगड्डा और अन्नारम में करोड़ों की विदेशी मोटर टूट चुकी हैं। अब यही चीजें SLBC टनल प्रोजेक्ट में सामने आ रही हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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हादसे से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें….

CM ने घटना स्थल का दौरा किया, भाजपा बोली- सरकार की लापरवाही से हादसा हुआ

हादसे के 9वें दिन सीएम रेवंत रेड्डी ने घटनास्थल का दौरा किया और हालात की जानकारी ली। सीएम ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो रेस्क्यू में रोबोट की मदद ली जाएगी। भाजपा विधायकों ने भी टनल का दौरा किया था। पार्टी MLA ने आरोप लगाया कि हादसा सरकार के गलत मैनेजमेंट का नतीजा है। पूरी खबर पढ़ें…

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