Sunita Williams Kalpana Chawla Nasa Spacecraft Crash | सुनीता अंतरिक्ष से लौंटी, लेकिन कल्पना नहीं लौट पाईं: धरती से सिर्फ 16 मिनट की दूरी पर थीं, तभी स्पेसक्राफ्ट में हुआ धमाका

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नई दिल्ली53 मिनट पहले

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कल्पना चावला का हरियाणा के करनाल में जन्म हुआ था। उन्हें 1991 में अमेरिका की नागरिकता मिली थी। तस्वीर- नासा - Dainik Bhaskar

कल्पना चावला का हरियाणा के करनाल में जन्म हुआ था। उन्हें 1991 में अमेरिका की नागरिकता मिली थी। तस्वीर- नासा

तारीख- 1 फरवरी 2003 जगह- टेक्सास, अमेरिका

नासा का अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 तेजी से धरती की तरफ लौट रहा था। भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला इस यान से अपना दूसरा स्पेस मिशन पूरा करके वापस लौट रही थीं।

धरती से करीब 2 लाख फीट दूर इस यान की स्पीड 20 हजार किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इसे धरती तक पहुंचने में 16 मिनट लगने थे, लेकिन अचानक नासा का इस यान संपर्क टूट गया। स्पेसक्राफ्ट में जोरदार धमाका हुआ और यह आग के धधकते गोले में बदल गया।

खबर आई की कोलंबिया शटल स्पेस यान क्रैश हो गया है। कल्पना चावला समेत सभी 7 एस्ट्रोनॉट की मौत हो गई है।

22 साल पहले उस दिन क्या हुआ था…

16 दिन का मिशन कामयाबी से 16 मिनट पहले फेल आज सुनीता विलियम्स की सुरक्षित वापसी से पूरे देश में जश्न का माहौल है, लेकिन 2003 में ऐसे ही एक मिशन की नाकामी ने पूरे देश की आंखों में आंसू भर दिए थे।

कल्पना चावला ने पहली बार 19 नवंबर 1997 को स्पेस के लिए उड़ान भरी थी। अपनी पहली स्पेस यात्रा में वो 372 घंटे अंतरिक्ष में रही थीं। इसके बाद उन्हें 16 जनवरी 2003 को दूसरी बार अंतरिक्ष में जाने का मौका मिला।

1 फरवरी 2003 को कल्पना चावला को सुरक्षित धरती पर वापस लौट आना था, लेकिन उनका यह मिशन फेल हो गया। दरअसल कल्पना चावला के स्पेसक्राफ्ट के टेकऑफ करते वक्त यान के ही फ्यूल टैंक से निकले इंसुलेटिंग फोम के टुकड़े शटल के बाएं पंख से टकरा गए थे।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे उन टाइलों को नुकसान पहुंचा था जो यान को पृथ्वी के वायुमंडल में एंट्री करते वक्त तेज गर्मी से बचाती हैं।

इस वजह से जैसे ही कल्पना चावला का स्पेसक्राफ्ट धरती के वायुमंडल में पहुंचा तो हवा के तेज घर्षण की गर्मी से एक बड़ा धमाका हुआ और सभी अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई।

कल्पना चावला को 16 फरवरी 2003 को वापस धरती पर लौट आना था, लेकिन लैंडिंग से 16 मिनट पहले उनके यान में धमाका हो गया था। तस्वीर- नासा

कल्पना चावला को 16 फरवरी 2003 को वापस धरती पर लौट आना था, लेकिन लैंडिंग से 16 मिनट पहले उनके यान में धमाका हो गया था। तस्वीर- नासा

कल्पना ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में PHD की थी कल्पना चावला का जन्म 1 जुलाई 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। वे अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थी। कल्पना को बचपन से ही हवाई जहाज और उड़ान की दुनिया में रुचि थी। उनकी शुरुआती शिक्षा करनाल से हुई। इसके बाद उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था।

अमेरिका से हासिल की एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री कल्पना 1982 में अमेरिका चली गईं थी। उन्होंने 1984 में टेक्सास यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। 1986 में उन्होंने इसी विषय पर दूसरी मास्टर डिग्री और फिर पीएचडी की। कल्पना चावला ने 1983 में फ्रांस के जॉन पियर से शादी की थी। वे पेशे से फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे।

कल्पना चावला को बचपन से ही दूसरे चीजों से ज्यादा स्पेस के विषय में रुचि थी। तस्वीर- नासा

कल्पना चावला को बचपन से ही दूसरे चीजों से ज्यादा स्पेस के विषय में रुचि थी। तस्वीर- नासा

सिर्फ 35 साल की उम्र में गई थी जान 1997 में बनी थीं भारतीय मूल की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री

कल्पना चावला को 1991 में अमेरिका की नागरिकता मिली और उसी साल वे नासा से जुड़ीं। 1997 में अंतरिक्ष में जाने के लिए नासा स्पेशल शटल प्रोग्राम में चुनी गईं।

19 नवंबर 1997 को कोलंबिया स्पेस शटल (STS-87) के जरिए कल्पना चावला का पहला अंतरिक्ष मिशन शुरू हुआ था। इसके साथ ही वह अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला बन गईं।

उस समय कल्पना की उम्र 35 साल थी। अपनी पहले अंतरिक्ष मिशन पर, चावला ने 65 लाख मील से अधिक की दूरी तय की और अंतरिक्ष में 376 घंटे (15 दिन और 16 घंटे) से अधिक बिताए। कल्पना चावला की यह आखिरी सफल अंतरिक्ष यात्रा साबित हुई। 16 जनवरी 2003 को कल्पना चावला अपने दूसरे और जीवन के आखिरी स्पेस मिशन का हिस्सा बनीं।

कल्पना पहली बार 1997 में अंतरिक्ष में जाने के लिए नासा स्पेशल शटल प्रोग्राम में चुनी गई थीं।

कल्पना पहली बार 1997 में अंतरिक्ष में जाने के लिए नासा स्पेशल शटल प्रोग्राम में चुनी गई थीं।

मेकअप और फैशन से दूर रहती थीं कल्पना चावला हमेशा टॉम बॉय रही हैं। उन्हें बचपन से ही छोटे बाल रखना पसंद था। मेकअप और फैशन से उनका कोई लेना देना नहीं था। जब उनकी बड़ी बहन की शादी हो रही थी तब उन्होंने 3 दिन तक एक कपड़े पहने रखे। जब उनसे पूछा गया कि वह कपड़े क्यों नहीं बदल रहीं तो उन्होंने कहा कि यह सब जरूरी नहीं है। इनसे वक्त ही बर्बाद होता है।

कल्पना को तड़क भड़क बिल्कुल पंसद नहीं थी। उन्हें बचपन से छोटे बाल रखना पसंद था।

कल्पना को तड़क भड़क बिल्कुल पंसद नहीं थी। उन्हें बचपन से छोटे बाल रखना पसंद था।

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