John F Kennedy Assassination Mystery; CIA Agent | Trump Documents | क्या CIA ने ही राष्ट्रपति कैनेडी की हत्या कराई: ट्रम्प ने जारी किए 80 हजार पेज, 6 महीनों में हत्यारे समेत मारे गए 3 लोग

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वॉशिंगटन20 मिनट पहलेलेखक: संजय झा

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62 साल पहले अमेरिका के टेक्सास में अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। - Dainik Bhaskar

62 साल पहले अमेरिका के टेक्सास में अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ. कैनेडी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

तारीख: 23 नवंबर 1963

अमेरिका का टेक्सास शहर। 35वें अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी खुली कार में बैठकर एक रैली में जा रहे थे। तभी एक इमारत की सबसे ऊपरी खिड़की से उन पर तीन गोलियां चलाई गईं। दो उनके सिर में लगीं, एक गले को चीरते हुए निकल गई। कैनेडी कार में बगल वाली सीट पर बैठी अपनी पत्नी जैकी की गोद में गिर पड़े।

कैनेडी की हत्या की खबर सुनकर टेक्सास से 2000 किमी दूर वॉशिंगटन में बैठा एक पूर्व इंटेलिजेंस एजेंट घबरा गया। अगले ही दिन वह वॉशिंगटन छोड़कर हड़बड़ाते हुए 300 किमी दूर न्यूजर्सी में अपने दोस्त के पास पहुंचा और उससे कहा- CIA के अंदर के एक गिरोह ने कैनेडी की हत्या की साजिश रची है। वो लोग मुझे भी मार देंगे।

जे. गैरेट अंडरहिल नाम के इस पूर्व एजेंट ने ऐसा दावा क्यों था, इसका खुलासा कैनेडी की हत्या से जुड़े उन 80 हजार दस्तावेजों से हुआ है, जो ट्रम्प ने 18 मार्च से 20 मार्च के बीच जारी किए हैं।

इन दस्तावेजों में और क्या कहा गया है, CIA के अलावा और किस पर कैनेडी की हत्या का आरोप लगता है, ट्रम्प को इन फाइल्स को रिलीज करके क्या हासिल होगा… जानेंगे इस स्टोरी में….

कैनेडी खुली छत वाली कार में सवार होकर रैली में जा रहे थे, जब उनकी हत्या कर दी गई।

कैनेडी खुली छत वाली कार में सवार होकर रैली में जा रहे थे, जब उनकी हत्या कर दी गई।

चार बाइक सवार पुलिसवालों के घेरे के बावजूद हुई थी कैनेडी हत्या अमेरिका में 1964 का राष्ट्रपति चुनाव होने वाला था। डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर एकता को बढ़ावा देने और लोगों का समर्थन हासिल करने के लिए कैनेडी यात्राएं कर रहे थे। इसके लिए कैनेडी टेक्सास के डलास पहुंचे थे।

कैनेडी का काफिला सुबह करीब 11 बजकर 50 मिनट पर लव फील्ड एयरपोर्ट से रवाना हुआ। उस दिन मौसम साफ था। इसलिए राष्ट्रपति खुली छत वाली लिमोजिन कार (1961 लिंकन कॉन्टिनेंटल) में बैठकर निकले। उनके चारों तरफ चार बाइक पर पुलिसवाले चल रहे थे।

रास्ते में हजारों लोग कैनेडी का स्वागत करने के लिए सड़कों पर खड़े थे। उनके लिए तालियां बजा रहे थे और नारे लगा रहे थे। इस दौरान भीड़ के बीच से दो गोलियां चलीं। लोग कुछ समझ पाते इससे पहले खून से लथपथ कैनेडी अपनी पत्नी जैकलीन कैनेडी की गोद में जा गिरे।

दो दिन बाद पुलिस हिरासत में हत्यारे को भी मारी गई गोली कैनेडी पर गोली चलाने के आरोप में सेना से निकाले गए 24 साल के ली. हार्वी ओसवाल्ड को गिरफ्तार किया गया। दरअसल, कैनेडी की हत्या के कुछ देर बाद एक शख्स ने पुलिस को बताया कि उसने लाइब्रेरी से एक इंसान को भागते हुए देखा था, जो ओसवाल्ड जैसा दिख रहा था।

इस दौरान ओसवाल्ड पहले बस और फिर टैक्सी पकड़कर भाग गया। पुलिस ने ओसवाल्ड का पीछा किया, तो उसने एक पुलिसकर्मी की भी गोली मारकर हत्या कर दी। हालांकि, कैनेडी की मौत के करीब 70 मिनट के बाद उसे एक थिएटर से गिरफ्तार कर लिया गया।

ओसवाल्ड की गिरफ्तारी के 2 दिन बाद ही कैनेडी के समर्थक और एक नाइट क्लब के मालिक जैक रुबी ने ओसवाल्ड की हत्या कर दी। यह घटना उस समय हुई जब ओसवाल्ड को जेल ट्रांसफर किया जा रहा था, और टीवी पर इस घटना का लाइव प्रसारण चल रहा था।

गिरफ्तारी के बाद रुबी ने दावा किया था कि वह ओसवाल्ड को मारकर राष्ट्रपति कैनेडी की पत्नी जैकलीन को कुछ राहत देना चाहता था। हालांकि कई लोगों ने रुबी के इस दावे पर संदेह जताया।

24 साल के ली. हार्वी ओसवाल्ड को गिरफ्तार करके ले जाती पुलिस।

24 साल के ली. हार्वी ओसवाल्ड को गिरफ्तार करके ले जाती पुलिस।

कैनेडी के हत्यारे ओसवाल्ड का हत्यारा कैंसर से मारा गया जैक रुबी को 1964 में ओसवाल्ड की हत्या का दोषी ठहराया गया और 14 मार्च को उसे बिजली के झटके देकर मारने सजा सुनाई गई। हालांकि अपील के बाद इस पर रोक लग गई। आगे की सुनवाई से पहले रुबी की तबीयत बिगड़ गई। जांच में पता चला कि उसे फेफड़े का कैंसर है। 3 जनवरी 1967 को उसकी बीमारी से मौत हो गई।

ओसवाल्ड को जेल ट्रांसफर करते वक्त जैक रूबी ने पॉइंट ब्लैंक से उसे गोली मार दी थी।

ओसवाल्ड को जेल ट्रांसफर करते वक्त जैक रूबी ने पॉइंट ब्लैंक से उसे गोली मार दी थी।

एजेंट गैरेट अंडरहिल की मौत हो गई, इसे आत्महत्या कहा गया इधर पूर्व इंटेलिजेंस एजेंट जे. गैरेट अंडरहिल, जो भागकर न्यू जर्सी आया था, उसने अपने दोस्त से कहा कि कैनेडी का हत्यारा ओस्वाल्ड तो बस एक मोहरा है। साजिश तो CIA के अंदर मौजूद एक गिरोह ने रची है।

अंडरहिल ने कहा कि मेरी जान को भी खतरा है। वे बहुत ‘ताकतवर’ लोग हैं। वे कभी न कभी मुझ तक पहुंच जाएंगे। अंडरहिल की आशंका सही निकली। कैनेडी की हत्या के 6 महीने के अंदर उनकी मौत हो गई। इसे ‘आत्महत्या’ करार दिया गया।

अंडरहिल की आत्महत्या पर क्यों उठे सवाल 3 मई 1964 को अंडरहिल को वॉशिंगटन के एक अपार्टमेंट में मरा हुआ पाया गया। उसके सिर में गोली लगी थी। आधिकारिक तौर पर इसे आत्महत्या बताया गया। हालांकि इस दावे पर सवाल भी उठे। दरअसल, अंडरहिल के बाएं कान के पीछे गोली लगी थी। उसके बाएं हाथ में पिस्तौल थी। जबकि वह दाहिने हाथ का था।

पूर्व इंटेलिजेंस एजेंट जे. गैरेट अंडरहिल ने कैनेडी की मौत के बाद अपने दोस्त से कहा था कि कैनेडी की मौत के पीछे CIA है।

पूर्व इंटेलिजेंस एजेंट जे. गैरेट अंडरहिल ने कैनेडी की मौत के बाद अपने दोस्त से कहा था कि कैनेडी की मौत के पीछे CIA है।

अंडरहिल ने क्यों लिया था CIA का नाम ट्रम्प ने जो दस्तावेज जारी किए हैं, उनमें अंडरहिल को सेकेंड वर्ल्ड वॉर का खुफिया एजेंट बताया गया है जिसके अमेरिका रक्षा विभाग में गहरे संबंध थे। ये भी बताया गया है कि उसे जर्मन सेना के तौर-तरीकों की काफी अच्छी जानकारी थी। हालांकि CIA में उसका दर्जा क्या था इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है।

अंडरिहल के मुताबिक CIA ने 1961 में क्यूबा में तख्तापलट की कोशिश की थी। लेकिन इसमें वे नाकाम हो गए। इसके बाद कैनेडी ने इस एजेंसी के शक्तियां घटाने की कोशिश की थी। CIA के कुछ लोगों को कैनेडी की ये कोशिश पसंद नहीं आई।

अंडरहिल ने अपने दोस्तों को बताया था कि CIA में मौजूद ये लोग हथियारों की तस्करी और ड्रग्स के धंधे से भी जुड़े हुए हैं। कैनेडी को इसकी भनक लग गई थी। इससे पहले कैनेडी कुछ कर पाते उनकी हत्या कर दी गई।

अंडरहिल को लेकर यह भी दावा किया जाता है कि वह इंटरआर्मको नाम की हथियार कंपनी चलाने वाले सैमुअल कमिंग्स का दोस्त था। कमिंग्स CIA के लिए दलाल का काम करता था। ओसवाल्ड ने जिस कारकेनो राइफल से कैनेडी की हत्या की थी, वह इसी इंटरआर्मको कंपनी ने बनाई थी।

कारकेनो राइफल पकड़े हुए ओसवाल्ड। इसी राइफल से कैनेडी को गोली मारी गई थी।

कारकेनो राइफल पकड़े हुए ओसवाल्ड। इसी राइफल से कैनेडी को गोली मारी गई थी।

जॉन एफ कैनेडी की हत्या को लेकर तीन और थ्योरीज…

कैनेडी की हत्या को लेकर तीन और थ्योरीज हैं। इनमें रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी से लेकर हथियार माफिया शामिल हैं, जिन पर कैनेडी की हत्या का आरोप लगता है।

पहली थ्योरी: रूसी खुफिया एजेंसी KGB पर शक

कैनेडी की हत्या का आरोपी ओसवाल्ड पूर्व मरीन था और 1959 में सोवियत संघ चला गया था। वह सोवियत संघ के प्रति आकर्षित था। उसने रूस में शरण लेने की कोशिश की लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इसके बाद उसने एक रूसी महिला मरीना के साथ शादी कर ली और 1 साल से ज्यादा समय के बाद अमेरिका लौटा। ओसवाल्ड, क्यूबा के नेता फिदेल कास्त्रो का भी खुलकर समर्थन करता था।

कैनेडी की हत्या से 2 महीने पहले उसने 23 सितंबर को मेक्सिको सिटी में सोवियत दूतावास में केजीबी अधिकारी वलेरी व्लादिमिरोविच से मुलाकात की थी। उसकी हत्या के बाद यह सवाल उठा कि क्या उसका सोवियत संघ की एजेंसी KGB से कोई कनेक्शन है। हालांकि इसका कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला।

दूसरी थ्योरी: फोटो खींच रही महिला पर ने गोली मारी

जब अमेरिकी एजेंसी FBI राष्ट्रपति कैनेडी के हत्यारे का पता कर रही थी, तभी उसके हाथ एक तस्वीर लगी। इस तस्वीर में सिर से पांव तक ढंकी एक महिला नजर आ रही थी। जब कैनेडी की हत्या हुई और लोग भाग रहे थे, तब वह महिला आराम से वहां तस्वीरें खींच रही थी।

माना जाता रहा कि कैनेडी की हत्या उस महिला के कैमरे रूपी पिस्तौल से हुई, पर उस महिला की कभी पहचान नहीं हो पाई और न ही उस कैमरे या पिस्तौल का कुछ पता चला। बाद में एक महिला ने दावा किया कि वही उस समय वहां थी, पर वो साबित नहीं कर पाई।

इस महिला को द बाबुश्का लेडी नाम दिया गया। रूसी भाषा में इसका अर्थ रहस्यमयी महिला होता है।

ये उस संदिग्ध महिला की तस्वीर है, जिसे हत्या के बाद आराम से तस्वीरें क्लिक करते देखा गया था।

ये उस संदिग्ध महिला की तस्वीर है, जिसे हत्या के बाद आराम से तस्वीरें क्लिक करते देखा गया था।

तीसरी थ्योरी: अमेरिकी माफिया ने राष्ट्रपति को मरवाया

कैनेडी की हत्या का शक अमेरिका के कई माफिया सरगनाओं पर भी गया। कहा गया कि अमेरिकी माफियाओं ने खूब सारा पैसा क्यूबा में लगा रखा था। क्यूबा के साथ अमेरिका के संबंध में जो कड़वाहट आई, इससे उनको काफी नुकसान हुआ था।

इस वजह से अमेरिका और क्यूबा के माफियाओं ने मिलकर अमेरिकी राष्ट्रपति के हत्या की सुपारी दी थी। हालांकि इस मामले में भी अमेरिकी एजेंसियों को जांच में कुछ खास हाथ नहीं लगा।

सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों में CIA पर एक और आरोप

एक और दस्तावेज में खुलासा हुआ है कि CIA ने फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए छह असफल कोशिशें की थीं। इसके लिए CIA ने माफिया के लोगों जैसे जॉन रोसेली और रॉबर्ट माहेउ से भी संपर्क किया था। CIA के कुछ अधिकारियों को शक था कि कास्त्रो ने इसके जवाब में ली हार्वे ओसवाल्ड को कैनेडी की हत्या के लिए भड़काया।

62 साल पुरानी फाइल्स अब क्यों पब्लिक कर रहे ट्रम्प

1. लंबे समय से हो रही मांग: अमेरिका में संसद के कई सदस्य और ह्यूमन राइट्स ग्रुप्स लंबे समय से कैनेडी से जुड़े सारे फाइल्स को पब्लिक करने की मांग कर रहे हैं। ताकि लोगों को समझ में आ सके कि सरकार के पास इस हत्या से जुड़ी क्या-क्या जानकारियां हैं।

2. खुद को दूसरों से ज्यादा बेहतर साबित करना: ट्रम्प ने दस्तावेज जारी करने के बाद कहा कि उन्होंने फाइलें जारी करके वह किया है जो पिछले कई राष्ट्रपतियों ने नहीं किया। ट्रम्प ने कहा कि वे मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या (1968) से जुड़े फाइल्स भी पब्लिक करने जा रहे हैं।

3. पार्टी के बीच छवि और मजबूत होगी: कैनेडी डेमोक्रेटिक पार्टी के लोकप्रिय नेताओं में से थे। अगर फाइल्स में ऐसा कुछ निकला जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचे तो इसे उजागर करने से ट्रम्प नहीं चूकेंगे। इन गोपनीय फाइल्स को सार्वजनिक कर ट्रम्प अपने उन कट्टर समर्थकों का दिल फिर जीत सकते हैं जो डेमोक्रेटिक पार्टी को शक की नजर से देखते हैं।

4. रॉबर्ट कैनेडी का दबाव: ट्रम्प के स्वास्थ्य मंत्री रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर हैं जो जॉन एफ कैनेडी के भतीजे हैं। उनका मानना ​​है कि CIA उनके चाचा की मौत में शामिल थी।

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