पन्ने पर रिपोर्ट मिलने से डॉक्टर पर सही डाइग्नोस नहीं कर पाते।
प्रयागराज के तेज बहादुर सप्रू (बेली) हॉस्पिटल में कहने के लिए डिजिटल एक्स-रे तो हो रहा है लेकिन रिपोर्ट उन्हें फिल्म पर नहीं बल्कि ए-4 साइज के सादे पन्ने पर दिया जा रहा है। ऐसे में इस डिजिटल एक्स-रे होने का फायदा क्या है। मरीज 2 से 3 घंटे तक इंतजार क
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पन्ने पर रिपोर्ट लेकर डॉक्टर के पास जाता है तो पता चलता है कि हड्डी या नस में क्या दिक्कत है यह तो स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। फिर मजबूरन मरीज को बाहर जाकर प्राइवेट सेंटर पर एक्स-रे कराना पड़ता है।

इस तरह ए-4 साइज के कागज पर दिया जा रहा है रिपोर्ट।
फिल्म चाहिए तो मैडम से आदेश कराना होगा
यदि कोई मरीज एक्स-रे कक्ष के कर्मचारियों से फिल्म पर रिपोर्ट मांगता है तो बताया जाता है कि CMS मैडम से आदेश कराएं तभी फिल्म मिल पाएगा। यहां प्रतिदिन 200 से ज्यादा एक्सरे होता है लेकिन फिल्म सिर्फ 8 से 10 लोगों को ही दिया जाता है। बाकी लोग पन्ने पर रिपोर्ट लेकर टहलते रहते हैं।

पूरे जिले से यहां इलाज कराने के लिए आते हैं मरीज। एक्स-रे कराने के लिए मरीजों की लंबी कतार।
सहसों से आए हितेश बिंद कहते हैं कि मुझे पता नहीं था कि यहां पन्ने पर रिपोर्ट दिया जाता है वरना हम बाहर ही एक्सरे करा लेते। पूछने पर बताया जा रहा है कि लिखवाकर लाओ तब हम फिल्म दे पाएंगे। इसी तरह समर सिंह कहते हैं कि मरीजों के साथ अन्याय किया जा रहा है, आखिर फिल्म क्यों नहीं दिया जाता। मरीज बोले, इसकी शिकायत शासन में करेंगे।

तीमारदार हितेश पन्ने पर मिले रिपोर्ट को दिखा रहे हैं
बेली में एमआरआई के लिए 25 दिन की वेटिंग
वहीं, एमआरआई कराने के लिए यहां 25 दिन बाद की वेटिंग चल रही है। जैसे कोई आज एमआरआई के लिए फार्म भरता है तो उसे 25 दिन बाद एमआरआई के लिए बुलाया जाता है। कुछ दिन पहले ही सीएमएस डॉ. भावना शर्मा ने यहां छापेमारी कर गड़बड़ी भी पकड़ी थी। जिसमें बैकडोर से एमआरआई करने का मामला सामने आया था। मजबूरन मरीजों को बाहर प्राइवेट में जाकर यह जांच करानी होती है।

समर सिंह ने कहा, इसकी शिकायत शासन स्तर पर करेंगे।