UK Womb Transplant Child Birth Case; Grace Davidson | Sister Amy | ब्रिटेन में पहली बार ट्रांसप्लांट गर्भाशय से बच्ची का जन्म: महिला को बहन ने गर्भाशय डोनेट किया; दुनिया में 135 ट्रांसप्लांट, 65 बच्चों का जन्म

Actionpunjab
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लंदन4 मिनट पहले

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ब्रिटेन में एक महिला ने ट्रांसप्लांट गर्भाशय से बच्ची को जन्म दिया है। ऐसा ब्रिटेन में पहली बार हुआ है। बच्ची की मां ग्रेस डेविडसन जन्म से ही एक निष्क्रिय गर्भाशय के साथ पैदा हुई थीं। 2023 में ग्रेस को उनकी बहन का गर्भाशय लगाया गया था। ब्रिटेन का यह पहला सफल गर्भाशय ट्रांसप्लांट था।

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक इस ऑपरेशन के 2 साल बाद फरवरी 2025 में 36 वर्षीय ग्रेस ने अपनी पहली संतान को जन्म दिया। ग्रेस और उनके पति एंगस (37 वर्षीय) ने अपनी बेटी का नाम एमी रखा है। बच्ची की मां ग्रेस को गर्भाशय डोनेट करने वाली बहन का नाम भी एमी है।

2014 में स्वीडन में ट्रांसप्लांट गर्भाशय से पहला बच्चा पैदा हुआ था। तब से अब तक 12 से अधिक देशों में 135 से अधिक गर्भाशय ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं। इनमें अमेरिका, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत और तुर्की शामिल हैं। लगभग 65 बच्चों का जन्म हो चुका है।

बड़ी बहन ने खुद से गर्भाशय डोनेट करने की इच्छा जताई

ग्रेस ने 2018 में पहली बार मां बनने की इच्छा जाहिर की थी। शुरुआत में उनकी मां ने उन्हें गर्भाशय डोनेट करने के बारे में सोचा। हालांकि मेडिकल जांच में यह सही नहीं पाया गया।

इसके बाद ग्रेस की बड़ी बहन एमी पार्डी ने उन्हें गर्भाशय डोनेट करने की इच्छा जताई। एमी पहले से दो बच्चों की मां थीं और अब और संतान नहीं चाहती थीं। उन्होंने डॉक्टरों से कहा,

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अगर मेरी बहन मां बन सकती है, तो मेरा गर्भाशय उसके लिए ले लीजिए।

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ग्रेस और एमी दोनों ने इसके लिए काउंसलिंग ली, मानसिक और भावनात्मक तैयारी की थी।

30 डॉक्टरों की टीम ने 17 घंटे में ट्रांसप्लांट किया

COVID महामारी की वजह से ग्रेस की ट्रांसप्लांट सर्जरी 2019 से टलती रही। आखिरकार फरवरी 2023 में ऑक्सफोर्ड के चर्चिल हॉस्पिटल में सर्जन डॉ. इसाबेल क्वीरोगा के नेतृत्व में एक मेडिकल टीम ने 17 घंटे लंबा ऑपरेशन किया।

30 से ज्यादा सर्जनों और विशेषज्ञों ने मिलकर एमी का गर्भाशय निकाला और ग्रेस के शरीर में ट्रांसप्लांट किया। ग्रेस और उनके पति इसी गर्भाशय से एक और बच्चा पैदा करना चाहते हैं। इसके बाद यह गर्भाशय हटा लिया जाएगा।

गर्भाशय ट्रांसप्लांट के 2 हफ्ते के बाद ग्रेस को अपने जीवन में पहली बार पीरियड आया। इससे गर्भाशय के ठीक तरह से काम करने का पता चला। इसके बाद IVF ट्रीटमेंट किया गया और पहले ही ट्रायल में ग्रेस प्रेग्नेंट हुईं।

बचपन से ग्रेस को MRKH सिंड्रोम था

बच्ची की मां ग्रेस डेविडसन स्कॉटलैंड की रहने वाली हैं। उन्हें शुरुआत से ही MRKH (मेयर-रोकिटांस्की-कुस्टर-हाउसर) सिंड्रोम था। ये एक दुर्लभ मेडिकल स्थिति है जिसमें लड़की के शरीर में जन्म से ही गर्भाशय या तो होता नहीं है या पूरी तरह विकसित नहीं होता।

ग्रेस के अंडाशय पूरी तरह कार्य कर रहे थे, यानी उनके शरीर में अंडाणु बनते थे। लेकिन गर्भ धारण करने की प्राकृतिक क्षमता नहीं थी। वर्षों तक उन्होंने सरोगेसी और गोद लेने जैसे विकल्पों पर विचार किया। हालांकि वे खुद बच्चे को जन्म देना चाहती थीं।

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