Haryana PGT Math Exam Controversy HPSC Punjab Haryana High Court | हरियाणा में फिर से होगा PGT मैथ का पेपर: सभी श्रेणी के उम्मीदवार होंगे शॉर्टलिस्ट; 315 पदों की भर्ती का रास्ता साफ, जल्द जारी होगा विज्ञापन – Haryana News

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हरियाणा में फिर से पीजीटी गणित का सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट होगा।

हरियाणा में फिर से पीजीटी गणित का सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट होगा। इसके अलावा स्क्रीनिंग टेस्ट में पास उम्मीदवारों में से सबसे पहले अनारक्षित श्रेणी में सभी श्रेणी के उम्मीदवार भी शॉर्टलिस्ट किए जाएंगे। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) को पंजाब हरियाणा ह

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दरअसल, एचपीएससी पीजीटी गणित के 315 पदों की भर्ती को लेकर हाईकोर्ट के सिंगल बैंच के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब पीजीटी के इन पदों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब आयोग जल्द भर्ती के लिए विज्ञापन जारी करेगा।

यहां पढ़िए पूरा मामला

आयोग ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी। सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता प्रमिला की याचिका स्वीकार करते हुए पीजीटी गणित पदों की भर्ती में स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद सब्जेक्ट नॉलेज टेस्ट के लिए अनारक्षित श्रेणी में शॉर्टलिस्ट न करने के आयोग के फैसले को चुनौती दी थी। प्रमिला ने कहा था कि जिन उम्मीदवारों को अनारक्षित श्रेणी में सब्जेक्ट नॉलेज के लिए शॉर्टलिस्ट किया है, उनके अंक कम हैं, जबकि याचिकाकर्ता प्रमिला के अंक ज्यादा है।

आयोग ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसको हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।

आयोग ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ अपील दायर की थी, जिसको हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है।

2023 के स्क्रीनिंग टेस्ट को रद्द कर दिया था

हाईकोर्ट जस्टिस त्रिभुवन दहिया की खंडपीठ ने 8 जनवरी, 2024 को याचिका स्वीकार करते हुए 6 अक्टूबर 2023 को हुए स्क्रीनिंग टेस्ट परिणाम को रद्द कर दिया था। खंडपीठ ने एचपीएससी को स्क्रीनिंग टैस्ट परिणाम को संशोधित करने और अंतिम मेरिट सूची तैयार होने तक उम्मीदवारों को वर्गीकृत किए बिना कानून के अनुसार विज्ञापित पदों के लिए चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया था।

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?

1. सिंगल बैंच के ऑर्डर में संशोधन किया

इस फैसले के खिलाफ आयोग ने अपील दायर की थी। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस कीर्ति सिंह की खंडपीठ ने 9 अप्रैल, 2025 को आयोग की अपील खारिज करते हुए सिंगल बेंच के फैसले में संशोधन किया है।

खंडपीठ ने फैसले में लिखा, ‘चचर्चाओं और निर्देशों के मद्देनजर, अपील खारिज की जाती है। एकल न्यायाधीश द्वारा पारित निर्णय को संशोधित किया जाता है और स्क्रीनिंग टेस्ट स्तर पर उम्मीदवारों के परिणाम निर्देशों के अनुसार तैयार किए जाएंगे। उसी अनु‌सार सब्जेक्ट नॉलेज टैस्ट आयोजित किया जाएगा और उपरोक्त टिप्पणियों के अनुसार सूचियां तैयार की जाएंगी।’

2. स्क्रीनिंग टेस्ट के नंबर से चयन पर उठाए सवाल

खंडपीठ ने लिखा, ‘स्क्रीनिंग टेस्ट में अंक प्राप्त करना चयन प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हो सकता है, फिर भी चवन का एक तत्व है क्योंकि केवल ये उम्मीदवार, जो उक्त सूची में आते हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा में भाग लेने की अनुमति दी जा सकती है। इसलिए, हमारी राय में, छतर सिंह के मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लिया गया दृष्टिकोण, सौरव यादव के मामले में निर्धारित कानून के प्रकाश में अच्छा कानून नहीं कहा जा सकता है।

3. मुख्य परीक्षा को लेकर भी HC ने की टिप्पणी

सिंगल बैंच के द्वारा पारित निर्णय जिसमें रिट याचिकाकर्ता को आरक्षित श्रेणी से संबंधित नहीं होने वाले उम्मीदवारों की तुलना में उसके अधिक अंकों के आधार पर मुख्य परीक्षा में भाग लेने के लिए विचार करने का हकदार माना गया है, को अनुचित नहीं कहा जा सकता है। इसलिए, रिट याचिकाकर्ता को मुख्य परीक्षा में भाग लेने का हकदार होगा और प्रतिवादियों (HPSC) को स्क्रीनिंग टेस्ट के चरण में एक नई मेरिट सूची तैयार करने की आवश्यकता होगी।

4. HC ने ओपन कैटेगरी लिस्ट बनाने को कहा

सबसे पहले सभी उम्मीदवारों के अंकों की गणना करके ओपन कैटेगरी की सूची तैयार करनी होगी, चाहे वे आरक्षित श्रेणी के हों या गैर-आरक्षित श्रेणी के। यह सूची ओपन कैटेगरी के पदों की संख्या का चार गुना होगी। इसके बाद स्क्रीनिंग टेस्ट में उनके अंकों के आधार पर आरक्षित श्रेणियों की अन्य सूचियां बनाई जाएंगी।

5. सिंगल बैंच फिर करेगा सुनवाई

हाईकोर्ट ने अपने ऑर्डर में लिखा है कि चूंकि हमने अपील को खारिज कर दिया है, इसलिए हम कोई आदेश पारित करने से बचते हैं और निर्देश देते हैं कि रिट याचिका को एकल न्यायाचीश के समक्ष रखा जाए, जो की गई टिप्पणियों के मद्देनजर इस मुद्दे की जांच करेंगे। इसके अलावा, प्रतिवादियों द्वारा आन एक रिट याचिका में कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। सभी अंतरिम आदेश निरस्त माने जाएंगे। सभी लंबित आवेदनों का निपटारा कर दिया जाएगा।

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