US Tulsi Gabbard EVM Hacking paper wallet congress randeep surjewala | तुलसी गबार्ड बोलीं- पेपर बैलेट से वोटिंग हो: EVM हैक करके नतीजे बदले जा सकते हैं; सुरजेवाला बोले- चुनाव आयोग और केंद्र सरकार चुप क्यों

Actionpunjab
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वाॅशिंगटन2 घंटे पहले

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अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस की हेड तुलसी गबार्ड ने 17 मार्च को भारत आई थीं। - Dainik Bhaskar

अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस की हेड तुलसी गबार्ड ने 17 मार्च को भारत आई थीं।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर अमेरिका में भी सवाल उठने लगे हैं। अमेरिका की नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने कहा- ईवीएम को आसानी से हैक करके चुनाव नतीजों में हेरफेर की जा सकती है। इसलिए, पूरे अमेरिका में पेपर बैलेट लागू करने की जरूरत है, ताकि मतदाता चुनाव की पारदर्शिता पर भरोसा कर सकें।

उन्होंने यह बात राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मौजूदगी में कही। गबार्ड का यह बयान सोशल मीडिया पर इतनी तेजी से वायरल हुआ कि अमेरिका में चुनाव सुरक्षा पर नई बहस शुरू हो गई। कई यूजर्स ने गबार्ड का समर्थन किया, वहीं कुछ ने इसे राजनीतिक एजेंडा बताया।

एक दिन पहले ही ट्रम्प ने एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी करके न्याय विभाग को निर्देश दिया था कि वह 2020 चुनाव के दौरान पूर्व साइबर सुरक्षा प्रमुख क्रिस क्रेब्स की भूमिका की जांच करे। टेस्ला और स्पेसएक्स CEO एलन मस्क ने पिछले साल EVM पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था- हमें ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए।

वहीं, भारत में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने गबार्ड की टिप्पणी पर जवाब नहीं देने पर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) और केंद्र की भाजपा सरकार से सवाल किए। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से इस मामले खुद से संज्ञान लेने की मांग की।

सुप्रीम कोर्ट भी EVM विश्वसनीयता पर मुहर लगा चुका

  • 5 अप्रैल 2002 : सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय चुनाव आयोग के दावों को माना कि ईवीएम में हेराफेरी की संभावना नहीं है।
  • 8 अक्टूबर 2013 : VVPAT को ईवीएम के साथ अनिवार्य करने का आदेश दिया। ताकि भरोसा हो, वोट सही गया है।
  • 2023 : अब तक ईवीएम में हैकिंग का कोई प्रमाण नहीं।
  • 2025 : 100% VVPAT गिनती की मांग कोर्ट से खारिज।

ECI बोला- हमारी EVM दूसरे देशों से अलग, अब तक 5 करोड़ VVPAT से पुष्टि तुलसी गबार्ड के अमेरिकी EVM पर सवाल उठाने के बाद भारत के चुनाव आयोग ने दावा किया है कि अब तक के मतदान में 5 करोड़ से अधिक VVPAT की पुष्टि हो चुकी है, जो EVM के वोटों से मिलान में सही पाई गईं। आयोग ने भारतीय EVM और दूसरे देशों की ईवीएम में ये अंतर बताए…

  • ऑपरेटिंग सिस्टम : हमारी ईवीएम में ऑपरेटिंग सिस्टम नहीं है। अमेरिकी मशीन Windows या Linux पर चलती है।
  • कनेक्टिविटी : भारत की ईवीएम बिल्कुल ऑफलाइन है। वाई-फाई या ब्लूटूथ नहीं। अमेरिकी मशीनें इंटरनेट से जुड़ी हैं।
  • प्रोग्रामिंग : हमारी ईवीएम में एक बार प्रोग्रामिंग के बाद उसे बदला नहीं जा सकता। अमेरिकी मशीन में बदलाव संभव है।
  • वीवीपैट : हमारी ईवीएम में बटन दबाने के बाद पुष्टि के लिए पर्ची का प्रिंट आता है। अमेरिकी मशीन में ऐसा नहीं होता।

सुरजेवाला ने कहा- ECI और केंद्र सरकार चुप क्यों

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने X पर लिखा- अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया निदेशक गबार्ड ने सार्वजनिक रूप से ईवीएम हैकिंग का मुद्दा उठाया था। EVM वोटिंग रिजल्ट में हेरफेर करने के लिए असुरक्षित हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग का आधिकारिक हैंडल इस मामले पर चुप क्यों है।

उन्होंने आगे लिखा- प्रधानमंत्री, एनडीए सरकार और भाजपा की चुप क्यों है। क्या चुनाव आयोग और मोदी सरकार को ईवीएम की हैकिंग और अन्य कमजोरियों के बारे में सारी डिटेल जुटाने और EVM की खामियों के आधार पर हमारी EVM की जांच करने के लिए अमेरिकी सरकार और गबार्ड से संपर्क नहीं करना चाहिए?

उन्होंने लिखा कि 17 मार्च को भारत में गबार्ड को सम्मानित किया गया था। क्या यह सही है कि हम उनके बयान को खारिज कर दें। जिन्हें हमने सम्मानित किया। सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में खुद से संज्ञान लेना चाहिए।

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