Punjab BJP chief Sunil Jakhar statement to Shiromani Akali Dal Sukhbir Badal update, statement about BJPइ | उंगली उठाने से पहले अपने गिरेबान में झांके: जाखड़ का सुखबीर बादल को जवाब – बीजेपी पर गुनाहों का ठीकरा फोड़ा – Punjab News

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पंजाब भाजपा प्रधान सुनील जाखड़।

शिरोमणि अकाली दल (SAD) का दोबारा प्रधान बनने के बाद शनिवार को सुखबीर सिंह बादल ने भाजपा पर निशाना साधा था। इस मामले में अब बीजेपी के प्रधान सुनील जाखड़ ने अकाली दल पर जवाबी हमला बोला है। साथ ही उन्होंने कहा है कि बीजेपी पर उंगली उठाने से पहला अपने गिर

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जाखड़ ने 10 मिनट के वीडियो में उठाए यह सवाल

शिरोमणि अकाली के प्रधान सुखबीर सिंह बादल।

शिरोमणि अकाली के प्रधान सुखबीर सिंह बादल।

गलती स्वीकारने की जगह बीजेपी पर ठीकरा फोड़ा

जाखड़ ने कहा कि अकाली दल को बधाई हो कि उन्होंने अपना नया प्रधान चुन लिया। लेकिन कल जो चुनाव के दौरान देखने को मिला, उसमें अपनी गलतियों को स्वीकार करने के बजाय उन्होंने अपने गुनाहों का ठीकरा बीजेपी पर डालने की कोशिश की। इसलिए मजबूर होकर कुछ कहना पड़ रहा है।

जो कुछ कल वहां हुआ, उसने करोड़ों सिखों के दिल को ठेस पहुंचाई। मैं खुद अकाली दल का हिमायती रहा हूं, लेकिन जो हुआ, उसने मुझे भी आहत किया। श्री अकाल तख्त साहिब को चुनौती देने जैसा गंभीर गुनाह किया गया है। यह गुनाह अब भी माफ नहीं हुआ।

प्रस्ताव पास करने की बात गले से नहीं उतरी

अगर श्री अकाल तख्त साहिब ने बड़े बादल साहब को ‘फख्र-ए-कौम’ का अवार्ड वापस लेने का आदेश दिया है, तो विनती करके उस फैसले पर पुनर्विचार का आग्रह किया जा सकता था। लेकिन उसके खिलाफ में प्रस्ताव पास करना, वह भी पंथ की पार्टी अकाली दल द्वारा – यह बात किसी पंजाबी को हजम नहीं होगी। मुझे तो यह बात गले नहीं उतर रही।

SAD का जन्म सरकार बनाने के लिए नहीं हुआ

तेजा सिंह समुद्री हॉल में ‘बोले सो निहाल’ के नारे लगने चाहिए थे, लेकिन वहां लीडरों के व्यक्तिगत नारे लग रहे थे। यह अंहकार दर्शाता है। जब आप कुर्सियों से दूर हो, तब भी गुरुओं की बात छोड़कर अपने नारे लगवा रहे हो!

वहां सिर्फ एक ही चर्चा थी कि प्रधान जी आ गए हैं, और 2027 में सरकार अकाली दल की बनेगी।

याद रखना चाहिए कि अकाली दल का जन्म सरकारें बनाने के लिए नहीं, बल्कि पंथ, पंजाब और पंजाबियत की सेवा के लिए हुआ था। सरकारें बनती और गिरती हैं, लेकिन उसूलों की रक्षा के लिए पार्टियां बनती हैं। आज जब पंजाब बारूद के ढेर पर बैठा है, तब कुर्सियों की बात हो रही है – यह बात जचती नहीं है।

फिर आप व अन्य दलों में क्या फर्क रह गया

श्री अकाल तख्त साहिब के आगे इन्होंने अपने अपराध स्वीकार किए और धार्मिक सज़ा भी दी गई। गुरु महाराज बख्शने वाले हैं, परंतु यह तनखाह जलील करने के लिए नहीं, बल्कि अनुशासन के लिए लगाई जाती है।

भूदड़ साहिब जैसे बुजुर्ग नेता को अपने शब्द वापिस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा और एक प्रधान कहे कि मेरी जगह से ऑर्डर जारी हुआ – तो पर्दा अपने आप उतर जाता है। आपने खुद अपना चोला उतार दिया।

अगर सिर्फ सरकार बनानी है, तो फिर अकाली दल, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में फर्क क्या रह गया?

जवाब कर्मों से देना होगा जाखड़ ने कहा कि जब हम छोटे थे, सुनते थे – “अच्छी से अच्छी कांग्रेस से, बुरे से बुरा अकाली दल अच्छा है।” लेकिन क्या आज भी यह अकाली दल वैसा ही रह गया है? आपने न केवल अपना जुलूस निकाला, बल्कि पंथक संस्थानों को भी धक्का पहुंचाया है। अब आपसे जवाब मांगा जाएगा – और वह जवाब शब्दों में नहीं, कर्मों से देना होगा।

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