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कोलकाता5 मिनट पहले
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पश्चिम बंगाल में पिछले चार दिनों में हिंसा की कोई नई घटना सामने नहीं आई है। प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे सामान्य स्थिति लौट रही है।
पश्चिम बंगाल के हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद में हिंसक प्रदर्शन के दौरान एक बाप-बेटे की हत्या के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। यह मामले में चौथी गिरफ्तारी हैं।
गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान जाफराबाद के पड़ोसी गांव सुलिताला पुरबापारा निवासी जियाउल शेख के रूप में हुई है। आरोपी 12 अप्रैल से फरार था। शेख को पश्चिम बंगाल पुलिस के विशेष कार्य बल (STF) और विशेष जांच दल (STI) ने शनिवार को उसके ठिकाने से गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, ‘यह व्यक्ति मुख्य आरोपियों में से एक है, जिसने मृतक के घर तोड़फोड़ करने के लिए भीड़ को उकसाया था और 12 अप्रैल को हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या कर दी।’
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और शेख के मोबाइल फोन लोकेशन से उसका पता लगाया। इससे पहले पुलिस ने दो भाइयों कालू नादर और दिलदार साथ ही एक अन्य आरोपी इंजामुल हक को गिरफ्तार किया था।

हरगोबिंदो दास (72) और उनके बेटे चंदन (40) को भीड़ ने उनके घर के सामने मार डाला था।
राज्यपाल ने पीड़ितों को फोन नंबर उपलब्ध कराया
17 अप्रैल को कलकत्ता हाईकोर्ट ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रखने के आदेश सुरक्षित रख लिया। हाईकोर्ट ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल राज्य मानवाधिकार आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से एक-एक सदस्य वाला पैनल हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करे।
जिसके बाद पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 19 अप्रैल को मुर्शिदाबाद का दौरा किया था। राज्यपाल हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवार से भी मिले। उन्होंने पीड़ितों को फोन नंबर उपलब्ध कराया जिससे लोग उनसे सीधे बात करने के लिए स्वतंत्र महसूस करें।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम भी मुर्शिदाबाद पहुंची। NCW की अध्यक्ष विजया रहाटकर गुरुवार को कोलकाता पहुंची थीं। 11 अप्रैल को हुई हिंसा के दौरान मारे गए बाप-बेटे के परिवार से मिलने के बाद, विजया रहाटकर ने कहा था, ‘ये लोग इतने दर्द में हैं कि मैं अभी बोल नहीं पा रही हूं। मेरे पास उनके दर्द को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं।’

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने 19 अप्रैल को मुर्शिदाबाद का दौरा किया था।
BJP की मांग- NIA जांच करें
पश्चिम बंगाल BJP विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा- मुर्शिदाबाद में जो हुआ वह आंखें खोलने वाला था। जिहादी सनातनी लोगों के घर, दुकानें और मंदिर जला रहे हैं। क्या यह सीरिया, अफगानिस्तान या पाकिस्तान है?
पॉल ने जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मांग की। उन्होंने कहा- लोगों को पता होना चाहिए कि वास्तव में क्या हुआ था और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इसमें क्या भूमिका थी
ममता ने राज्यपाल से दौरा नहीं करने का अनुरोध किया, कहा- सब नियंत्रण में
17 अप्रैल को CM ममता बनर्जी ने राज्यपाल से दौरा स्थगित करने का अनुरोध किया था। ममता ने कहा- ‘मैं गैर-स्थानीय लोगों से अनुरोध करूंगी कि वे अभी मुर्शिदाबाद का दौरा न करें। राज्यपाल से कुछ और दिन प्रतीक्षा करने की अपील करूंगी।
17 अप्रैल को ही जस्टिस सौमेन सेन और जस्टिस राजा बसु चौधरी की बेंच ने नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई की थी। केंद्र की ओर से पेश हुए वकील ने संवेदनशीलता को देखते हुए मुर्शिदाबाद में CAPF (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की तैनाती बढ़ाने की मांग रखी थी।
वहीं, ममता सरकार ने एक रिपोर्ट पेश की। इसमें ममता सरकार ने दावा किया कि हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले में स्थिति अब नियंत्रण में हैं। कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी (BJP), तृणमूल कांग्रेस (TMC) और अन्य सभी पक्षों को चेतावनी दी कि कोई भी भड़काऊ बयानबाजी न करे। कोर्ट ने कहा, “कृपया कोई भी भड़काऊ भाषण न दें। यह निर्देश सिर्फ किसी एक व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि सभी के लिए है।”
राज्य पुलिस ने मुर्शिदाबाद के डीआईजी सैयद वकार रजा के नेतृत्व में 11 सदस्यों वाली SIT भी बनाई थी। जो जिले में इस और अन्य हिंसा के मामलों की जांच करेगी। दंगों के सिलसिले में अब तक जिले भर में 278 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
16 अप्रैल को ममता ने इमामों की बैठक की
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इमामों की बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा- मुर्शिदाबाद में हुआ दंगा प्री प्लांड था। इसमें भाजपा, BSF और सेंट्रल एजेंसीज की मिलीभगत थी। बांग्लादेशी घुसपैठियों को देश में बुलाकर ये दंगे करवाए गए।
वक्फ बिल को लेकर मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़की थी
8 अप्रैल को वक्फ बिल को लेकर मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क गई थी। कई वाहनों को प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। इसमें पुलिस की गाड़ियां भी शामिल थीं। प्रदर्शनकारियों से झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके। पुलिस ने उन्हें खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया
पश्चिम बंगाल हिंसा की 3 तस्वीरें…

मुर्शिदाबाद के जंगीपुर और सुती इलाकों में 11 अप्रैल दोपहर 12 से 1 बजे के बीच बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।

मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन के दौरान भीड़ हिंसक हो गई और पुलिसवालों पर पत्थरबाजी की गई।

हिंसक भीड़ ने सड़क पर मौजूद कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
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