बीती शाम चंडीगढ़ पहुंची पूरनम शॉ की पत्नी रजनी।
भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा पकड़े गए बीएसएफ (BSF) के कांस्टेबल पूरनम शॉ की पत्नी रजनी आज (मंगलवार को) फिरोजपुर पहुंची हैं। बीती रात वह पश्चिम बंगाल के हुगली जिले से चंडीगढ़ एयरपोर्ट पहुंचीं थी। वह अपने अ
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रजनी, जो गर्भवती हैं, अपने बेटे और कुछ अन्य परिजनों के साथ हुगली जिले के रिशड़ा से पंजाब के फिरोजपुर के लिए रवाना हुईं। चंडीगढ़ में उसे मीडिया से दूर रखा गया। वहीं, फिरोजपुर में भी परिवार को मीडिया से बातचीत करने से मना किया गया है।
बंगाल में मीडिया से बातचीत में रजनी ने कहा था कि उसे पंजाब जाना होगा। वह वेस्ट बंगाल में बैठकर इंतजार नहीं कर सकती है। गर्भवती होने के कारण पहले तो उनके परिवार ने भेजने से मना कर दिया। लेकिन मेडिकल जांच के बाद उन्हें फ्लाइट से भेजने पर सहमति बन गई।

पूरनम शॉ के परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है।
22 अप्रैल को आखिरी बार बात हुई
रजनी ने बातचीत में जानकारी दी थी कि 22 अप्रैल को उन्होंने फोन किया था। बातचीत में उन्होंने बॉर्डर पर जाने की बात कह फोन काट दिया। अगले दिन उन्हें सहयोगी का फोन आया और जानकारी दी कि पूरनम शॉ को पाकिस्तान रेंजर्स उठा ले गए हैं।
BSF जवान के मामले में अब तक क्या-क्या हुआ…
- जीरो लाइन क्रॉस की, पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ा: श्रीनगर से आई BSF की 24वीं बटालियन फिरोजपुर के ममदोट सेक्टर में तैनात है। बुधवार (23 अप्रैल) की सुबह किसान अपनी कंबाइन मशीन लेकर खेत में गेहूं काटने गए थे। यह खेत फेंसिंग पर लगे गेट नंबर-208/1 के पास था। किसानों की निगरानी के लिए 2 BSF जवान भी उनके साथ थे। इसी समय जवान पीके साहू की तबीयत बिगड़ी और पेड़ के नीचे बैठने के लिए चले गए। पेड़ बॉर्डर पार था। तभी पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें घेरकर पकड़ लिया और उनके हथियार भी छीन लिए।
- BSF अफसर मौके पर पहुंचे, छोड़ने से इनकार किया: जैसे ही BSF के बड़े अफसरों को जवान पीके साहू के पाकिस्तानी रेंजर्स द्वारा पकड़े जाने की यह खबर मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे और पाकिस्तानी रेंजर्स से बातचीत शुरू की। उन्हें बताया गया है कि यह जवान कुछ दिन पहले ट्रांसफर होकर आया था। उसे जीरो लाइन का पता नहीं था। वह गलती से जीरो लाइन क्रॉस कर गया था। उसे रिहा करने के लिए कहा गया। मगर, पाकिस्तानी रेंजर्स ने इनकार कर दिया।
- 3 फ्लैग मीटिंग हुई, कोई नतीजा नहीं निकला: भारत की ओर से लगातार फ्लैग मीटिंग के जरिए जवान पीके साहू को वापस लाने की कोशिश की गई। BSF के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स से अब तक 2 से 3 फ्लैग मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक नतीजा सामने नहीं आया।