अयोध्या में अब भगवान श्रीराम के अनुज महात्मा भरत के नाम पर भव्य मार्ग बनाया जाएगा।
अब अयोध्या का राममंदिर सीधे भगवान के छोटे भाई महात्मा भरत की तपोस्थली से जुड़ने जा रहा है। राम पथ,भक्ति पथ, जन्मभूमि पथ के बाद अब भरत पथ का निर्माण होगा। प्रस्तावित भरत पथ रानोपाली से भरत कुंड तक होगा। इसकी लम्बाई 20 किलोमीटर होगी। इस परियोजना की अनुम
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इसका पथ के निर्माण का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग ने मुख्यालय को भेज दिया है। यह मार्ग बनने के बाद भक्तों के लिए न केवल सुगम होगा, बल्कि यातायात के दृष्टिकोण से भी सुरक्षित और व्यवस्थित रहेगा।
रेलवे क्रॉसिंग से विद्याकुंड और दर्शन नगर होकर भरत कुंड तक जाएगा
भरत पथ की कुल लंबाई 20 किलोमीटर होगी। यह मार्ग राम पथ के किनारे रानोपाली रेलवे क्रॉसिंग से शुरू होकर विद्याकुंड और दर्शन नगर होते हुए प्रयागराज हाईवे पर भरत कुंड तक जाएगा। वर्तमान में यह मार्ग टू-लेन है। इस मार्ग के दोनों तरफ 9-9 मीटर चौड़ाई होगी और बीच में 2.5 मीटर का डिवाइडर बनाया जाएगा।
भरत कुंड में 14 वर्षों तक श्रीराम के भाई भरत ने की थी तपस्या
भरत कुंड का रामायण में विशेष स्थान है। मान्यता है कि भगवान राम के वनवास के दौरान उनके अनुज भरत ने यहीं पर 14 वर्षों तक श्रीराम की पादुका का पूजन कर अयोध्या का शासन चलाया और एक महात्मा की तरह तपस्या की थी। राम के वनवास से लौटने पर उन्होंने यहीं अपने पिता राजा दशरथ का पिंड दान किया था। इस स्थल पर एक पौराणिक सरोवर भी है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।
अयोध्या आने वाले श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर दर्शन-पूजन के लिए विशेष रूप से आते हैं। भरत पथ के निर्माण से इन श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा होगी और अयोध्या की धार्मिक यात्रा और अधिक सुगम हो जाएगी।
पथ पर रहेगी आकर्षक लाइटिंग की व्यवस्था
लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता एसपी भारती बताया कि भरत पथ के लिए डीपीआर मुख्यालय को भेज दी है। स्वीकृति मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा। मार्ग पर दूधिया रोशनी कराने के लिए लाइटिंग की भी व्यवस्था की जाएगी।