यूपी में समाजवादी पार्टी और भाजपा के शीर्ष नेताओं के बीच सोशल मीडिया जंग का अखाड़ा बनता जा रहा है। पहले डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक DNA के बहाने सपा पर हमलावर थे, जिसके जवाब में सपा के सोशल मीडिया सेल से आपत्तिजनक पोस्ट आने के बाद जंग और तीखी हो गई थी। अब
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पहले जानते हैं कि X पर केशव प्रसाद मौर्य ने क्या लिखा
“सपा मतलब ‘लठैतवाद’, कांग्रेस मतलब ‘छद्मवाद’ और भाजपा मतलब ‘प्रखर राष्ट्रवाद’।” केशव ने इस पोस्ट को पिन किया हुआ है। यानी यह पोस्ट उनके हैंडिल पर सबसे ऊपर दिख रहा है।

केशव मौर्य ने यह पोस्ट सुबह 8 बजकर 28 मिनट पर किया। इसके जवाब में अखिलेश यादव ने दोपहर 1 बजकर 49 मिनट पर पोस्ट कर लिखा…एक तो प्रधान बनाम मुख्य की प्रतिस्पर्धा है, दूसरी मुख्य बनाम उप की और तीसरी उप बनाम उप की। ये सब एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में भड़काऊ बयान दे रहे हैं।

पहले भी हो चुका है दोनों में टकराव
उत्तर प्रदेश की सियासत में अखिलेश यादव और केशव प्रसाद मौर्य के बीच यह कोई पहला टकराव नहीं है। इससे पहले भी कई बार दोनों नेता आमने-सामने आ चुके हैं। विधानसभा में भी दोनों नेताओं के बीच तू–तड़ाक भी हो चुकी है।
जातिगत जनगणना को लेकर दोनों नेताओं के बीच श्रेय लेने की होड़ सामने आई थी। अखिलेश ने दावा किया था कि यह उनकी पार्टी के दबाव का नतीजा है, जबकि मौर्य ने इसे भाजपा की उपलब्धि बताया था।
इसके अलावा, महाकुंभ के दौरान भी दोनों नेताओं के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी, जब अखिलेश ने संगम के जल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे, और मौर्य ने इसे “सनातन धर्म का अपमान” करार दिया था। अखिलेश इससे पहले केशव मौर्य को दिल्ली का प्यादा और दिल्ली के वाई-फाई का पासवर्ड भी कह चुके हैं जिसका जवाब मौर्य ने सपा को विलुप्त होने की कगार पर बताकर दिया था। केशव समय समय पर समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी पार्टी कह कर भी संबोधित करते रहे हैं।
पाठक और सपा में डीएनए को लेकर हुआ था विवाद
सपा की मीडिया सेल ने बीते शुक्रवार रात 8:44 बजे एक पोस्ट किया था। इसमें ब्रजेश पाठक पर निशाना साधते हुए उनके ‘DNA’ पर तंज कसा। लिखा- ब्रजेश पाठक का खुद का डीएनए सोनागाछी और जीबी रोड का है। उन्हें खुद नहीं पता कि उनका असली डीएनए क्या है, कहां का है और किसका है।
इस पर ब्रजेश पाठक भड़क गए। उन्होंने अखिलेश से सवाल पूछा। अखिलेश जी, ये आपकी पार्टी की भाषा है? किसी के दिवंगत माता-पिता के लिए शब्दों का ये चयन है? क्या डिंपल जी इस स्त्री विरोधी और पतित मानसिकता को स्वीकार करेंगी? सोचिएगा।
इस मामले में फिर अखिलेश यादव की एंट्री हुई। अखिलेश ने डिप्टी सीएम पाठक को नसीहत दी। जवाब में पाठक ने भी पलटवार किया। उन्होंने कहा कि सपा को समाजवाद पढ़ना चाहिए। अगर किताबें न हो तो मैं भेज दूं।
सीएम योगी ने भी सवाल उठाए
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के DNA से शुरू हुए विवाद में अब सीएम योगी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव आमने-सामने आ गए हैं। योगी ने सोमवार को बिना नाम लिए अखिलेश यादव को नसीहत दी, तो सपा प्रमुख ने शायरी से जवाब दिया।
सीएम ने कहा- सपा से अच्छे व्यवहार की उम्मीद करना बेकार है, लेकिन सभ्य समाज उनके अभद्र और अश्लील बयानों को बर्दाश्त नहीं कर सकता। सपा के शीर्ष नेतृत्व को अपने सोशल मीडिया हैंडल की समीक्षा करनी चाहिए।
इसके जवाब में अखिलेश यादव ने 3 घंटे के अंदर X पर 3 पोस्ट की। पहली पोस्ट में योगी का नाम लिए बगैर लिखा, वो ही ‘प्रवचन’ होता है असरदार, ख़ुद से होती है जिसकी शुरुआत। दूसरी पोस्ट ब्रजेश पाठक के लिए है। जिसमें लिखा, उर्दू की शायरी करके जो भाजपाई लोग अपने ही दल में जिसका अप्रत्यक्ष विरोध कर रहे हैं, उन्हें बुरा लग गया तो आप पर राजनीतिक बुलडोज़र चलते देर नहीं लगेगी। उनकी सियासी सेहत के लिए एक सलाह- उप रहे, चुप रहें।
पाठक के समर्थन में जगह-जगह होर्डिंग लगे

डीएनए विवाद को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के समर्थन में लखनऊ में जगह-जगह होर्डिंग लगाई गई है।