सरकार के सबसे बड़े दफ्तर शासन सचिवालय की सुरक्षा में डिप्टी सीएम, मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों के दफ्तरों से ही सेंध लगाई जा रही है। सचिवालय में इनसे मिलने आने वाले लोगों को गेट पर फोन के जरिए ही प्रवेश दिलाया जा रहा है, जिनके पास न प्रवेश पत्र होता ह
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सरकार ने किसी डिप्टी सीएम मंत्री या अधिकारी का नाम तो नहीं लिया है, लेकिन अक्सर फोन पर दी जाने वाले इस अनुमति पर नाराजगी जरूर जाहिर की है। मंत्रियों एवं अफसरों के दफ्तरों में तैनात कार्मिकों को स्पष्ट हिदायत दी गई है। कार्मिक विभाग की ओर से एक कड़ा पत्र भी सुरक्ष्रा को ध्यान रखते हुए पिछले दिनों जारी किया गया है। जिसमें साफ कर दिया है कि कोई भी वाहन या व्यक्ति बिना प्रवेश पत्र के एंट्री नहीं करेगा।
उधर, प्रदेश की सबसे बड़ी पंचायत विधानसभा की आवासीय कॉलोनी की सुरक्षा से जुड़े मामले का भी खुलासा हुआ है। विधानसभा सचिवालय ने करीब एक दर्जन विधायकों को नोटिस जारी किया है, जिनके आवंटित आवास में दूसरे लोग रह रहे हैं। इसमें पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पार्टी नेता या विद्यार्थी रह रहे हैं। नोटिस के बावजूद हालात बदले नहीं है।
विधायकों की सुरक्षा पर सवाल
विधानसभा के प्रमुख सचिव भारत भूषण शर्मा ने एक विधायक को जारी नोटिस में लिखा कि विधायक आवास के संपदा अधिकारी ने अवगत करवाया है कि आपके राजकीय आवास में अन्य व्यक्ति या विद्यार्थी निवासरत है। आपके राजकीय आवास में सुरक्षा के दृष्टिकोण से अन्य व्यक्तियों का निवास उचित नहीं है। आपसे अपेक्षा की जाती है कि राजकीय आवास में अन्य व्यक्ति या विद्यार्थी निवास नहीं करेंगे। विधायक आवास परिसर की सुरक्षा को देखते हुए निवासरत अन्य व्यक्तियों से राजकीय आवास रिक्त करवाया जाना सुनिश्चित करेंगे। इसके अतिरिक्त आपके आवास में निवासरत अन्य व्यक्तियों के नाम एवं पता इस सचिवालय को दें।
सचिवालय – बिना पास के कार वालों की एंट्री से प्रशासन ने नाराजगी जताई कामिक विभाग के सचिव कृष्ण कांत पाठक ने एक परिपत्र जारी किया है जिसमें कहा है कि सचिवालय सुरक्षा की दृष्टि से अक्सर देखा गया है कि डिप्टी सीएम, मंत्री एवं उच्च अधिकारियों के कार्यालयों से मंत्री या उच्च अधिकारी से मिलने के लिए आने वाले आगंतुकों के वाहनों को वायरलैस सेट के माध्यम से ही प्रवेश की अनुमति प्रदान करने के लिए कहा जाता है।
इस प्रकार आगन्तुक एवं वाहन को वायरलैस के माध्यम से प्रवेश देेने की स्थिति में आगन्तुक बिना प्रवेश के ही सचिवालय में प्रवेश कर जाते हैं। जो सचिवालय की सुरक्षा की दृष्टि से उचित नहीं है। इसलिए, डिप्टी सीएम, मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों के दफ्तरों में तैनात अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि मंत्री या अधिकारी से मिलने आने वाले आगन्तुकों और उनके वाहनों के निर्धारित पास बनाएं।
