आरोपी शशांक शर्मा को जेल भेजने के दौरान
सोनीपत में उपायुक्त (DC) के पर्सनल असिस्टेंट (PA) शशांक को 20 जून को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद प्रशासन में भ्रष्टाचार की कई परतें खुलने लगी हैं।
.
शशांक के पास से मिला iPhone-14 जांच में बड़ा सुराग बन गया है। फोन की जांच में गूगल पे और फोन पे से किए गए कई संदिग्ध ट्रांजैक्शन सामने आए हैं। इन पैसों के लेन-देन को लेकर जांच एजेंसियां अब यह पता लगा रही हैं कि शशांक के पास आय से ज्यादा संपत्ति तो नहीं है, सरकारी अफसरों से उसका क्या रिश्ता है, और उसके बैंक खातों में कितना पैसा है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एक SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) बनाई गई है।
शशांक को दो दिन की रिमांड के बाद सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया। वकील ने तीन दिन और रिमांड मांगा, लेकिन कोर्ट ने नहीं माना। अब आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी।

सिलसिलेवार पढ़िए आरोपी शशांक का रिश्वतखोरी का खेल..
शशांक के आईफोन 14 में गूगल पे और फोन पे के माध्यम से कई वर्षों से किए गए संदिग्ध लेनदेन सामने आए हैं। ये लेनदेन सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों से जुड़े हुए हैं। आरोप है कि ये पैसे ट्रांसफर रुकवाने, पोस्टिंग दिलवाने और निजी कामों के बदले रिश्वत के रूप में लिए गए।
डीसी ऑफिस के कर्मचारियों द्वारा पैसे ट्रांसफर किए
- हरीश कुमार (सहायक) से 18 जून 2025 को ₹20 हजार
- अनूप सिंह (DITS ऑपरेटर) से कुल 2 लाख 19 हजार 330 रु
- प्रवीण कुमार (चालक) से 6 जून 2025 को ₹10 हजार
- अखिल (DITS ऑपरेटर) से ₹1लाख 30 हजार की ट्रांजैक्शन यू पीआई फोन पे से हुई है।
- दीपांशु (DITS ऑपरेटर) से ₹2 लाख 75 हजार फोन पे से ट्रांजैक्शन हुई।
- इनमें से अनूप सिंह और दीपांशु के ट्रांजैक्शन लगातार कई महीनों तक चलते रहे और एक-एक बार में ₹50 हजार और ₹1 लाख तक की रकम ट्रांसफर की गई।
- जांच में पता चला है कि आरोपी शशांक ने अपने निजी संपर्कों से भी कई बार मोटी रकम प्राप्त की।

निजी लोगों से लिए रुपए का हिसाब आया सामने
सरकारी कर्मचारियों के अलावा, आरोपी शशांक ने अपने निजी संपर्कों से भी कई बार मोटी रकम प्राप्त की। जांच एजेंसी मामले को लेकर पूरी पूछताछ कर रही है और सम्मिलित लोगों को भी जांच में शामिल कर आगे की कार्रवाई अमल में लेगी।
- आशीष धीमान (निजी मित्र) से ₹4 लाख 30 हजार
- मोहित धीमान (आशीष का छोटा भाई) से ₹50 हजार रुपए की ट्रांजैक्शन हुई है।
- विनय (अज्ञात प्राइवेट व्यक्ति) से 26 अक्टूबर 2024 को ₹55 हजार की ट्रांजैक्शन हुई।
- इन रकमों में से कई लेनदेन एक लाख रुपए तक के थे और कई बार एक ही व्यक्ति से बार-बार पैसा ट्रांसफर हुआ।

लेनदेन की होगी फोरेंसिक जांच, सभी को तलब किया जाएगा
पुलिस और जांच एजेंसियां अब बैंकिंग स्तर और ऐप स्तर पर इन ट्रांजैक्शन का फोरेंसिक जांच कर रही हैं। मोबाइल डेटा और बयानों के आधार पर सभी संबंधित सरकारी और निजी व्यक्तियों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
एसआईटी गठित, 76 लाख की ट्रांजैक्शन की जांच शुरू
जांच को गति देने के लिए एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) का गठन किया गया है। इसमें एक डीएसपी, एक इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर शामिल हैं। एसआईटी अब शशांक के मुख्य बैंक खाते की जांच कर रही है, जिसमें 2019 से 2024 के बीच ₹76 लाख की ट्रांजैक्शन हुई है। टीम यह पता लगा रही है कि यह पैसे किन लोगों ने, किस एवज में ट्रांसफर किए।

आरोपी शशांक को उसके घर लाया गया और जांच की गई
जांच के घेरे में आय से अधिक संपत्ति, गहनों की सूची भी बनी
शशांक ने साल 2012 में 28 हजार के मासिक वेतन पर सरकारी नौकरी शुरू की थी। अनुमानित सैलरी के अनुसार 2019 से 2024 तक उसकी आय करीब ₹25 लाख होनी चाहिए थी, जबकि उसके खाते में ₹76 लाख की ट्रांजैक्शन मिली है।
घर से डायमंड जड़ित ₹4 लाख का नेकलेस मिला है, जिसे उसने अपनी पत्नी को उपहार स्वरूप दिया था। यह जांच का विषय है कि यह संपत्ति रिश्वत की राशि से अर्जित की गई है या नहीं। घर पर छापेमारी के दौरान घर में काफी सोने-चांदी के गहने मिले हैं। जिनको कब्जे में तो नहीं लिया गया लेकिन लिस्टेड जरूर किया गया है।

आईटीआर नहीं भरी, पर करता था दूसरों की फाइलिंग
शशांक चार्टर्ड अकाउंटेंसी कर रहा है और वह डीसी कार्यालय के कर्मचारियों की आयकर रिटर्न ₹1500 से ₹2000 लेकर भरता था। मगर खुद की आईटीआर दाखिल नहीं की, जिससे संदेह और गहरा गया है।
जिन कर्मचारियों ने ट्रांजैक्शन की, उन्हें भेजा जाएगा नोटिस
सूत्रों के अनुसार, डीसी कार्यालय के सहायक हरीश कुमार, ऑपरेटर अनूप सिंह, चालक प्रवीण कुमार, ऑपरेटर अखिल और दीपांशु को नोटिस भेजे जाएंगे। उनके साथ ही आशीष धीमान, मोहित धीमान और विनय को भी नोटिस भेजा जाएगा।
सभी से पूछताछ कर ट्रांजैक्शन के पीछे की वजह जानी जाएगी। ट्रांजैक्शन में नाम सामने आने के बाद डीसी कार्यालय में हडकंप मचा हुआ है। जिसमें कुछ कर्मचारी छुट्टी पर चले गए तो एक कर्मचारी हॉस्पिटल में एडमिट हो गया हैं।

आरोपी डीसी के कैंप कार्यालय पर ही ज्यादातर बैठता था
एक ही सीट पर सालों से कार्यरत रहा, पोस्टिंग भी करता था तय
जानकारी के मुताबिक, शशांक लंबे समय से अलग-अलग डीसी के पर्सनल असिस्टेंट के रूप में कार्यरत रहा है। एडवोकेट युद्धवीर के अनुसार, शशांक ही तय करता था कि किस व्यक्ति को किस पद पर तैनात करना है, ताकि रिश्वत के खेल को सुचारु रूप से चलाया जा सके।

शशांक के पर्सनल खाते से साल 2019 से लेकर 2025 तक करीबन 75 लाख रुपए ट्रांजैक्शन हो रखी है
एडवोकेट युद्धवीर का बयान
एडवोकेट युद्धवीर का कहना है कि लंबे समय से एक ही सीट पर वह बैठा रहा है और वह डीसी पीए के तौर पर काम करता रहा है। भ्रष्टाचार की जड़े काफी फैली हुई है और इसमें काफी लोगों के नाम धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। शशांक के पर्सनल खाते से साल 2019 से लेकर 2025 तक करीबन 75 लाख रुपए ट्रांजैक्शन हो रखी है।
कई बड़े अधिकारियों के नाम भी उजागर होने की संभावना है।अगर सभी आरोप सिद्ध होते हैं तो इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं और कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई होना तय है।

एडवोकेट युद्धवीर
जानें क्या था शशांक की गिरफ्तारी का पूरा मामला
ACB के मुताबिक, DC का सहायक सोनीपत उपायुक्त कार्यालय में तैनात कर्मचारी जितेन्द्र को राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क के रूप में ट्रांसफर कराने के नाम पर रिश्वत मांग रहा था। आरोपी की पहचान शशांक शर्मा के रूप में हुई है।
5 लाख रुपए की डिमांड कर रहा था आरोपी
कार्रवाई पूरी होने के बाद टीम को लीड कर रहे रोहतक एसीबी के DSP सोमबीर ने बताया है कि डीसी ऑफिस में कार्यरत जितेंद्र कुमार ने शिकायत दी थी कि डीसी का पीए शशांक शर्मा राई तहसील में रजिस्ट्री क्लर्क लगवाने के नाम पर 5 लाख रुपए की डिमांड कर रहा था।

छापेमारी के दौरान शशांक के घर से कैश करीब 5 लाख 75 हजार रुपए बरामद हुआ था
डेढ़ लाख रुपए एडवांस ले चुका था
DSP ने बताया- आरोपी शशांक पीड़ित से डेढ़ लाख रुपए एडवांस ले चुका था। इसके बाद पीड़ित की शिकायत का संज्ञान लिया गया। शिकायतकर्ता को डिमांड की रकम लेकर पीए के पास भेजा गया था। वहां जब शिकायतकर्ता ने रकम पीए के हाथ में दी, उसके थोड़ी देर बाद ही टीम मौके पर पहुंच गई।
आरोपी को रंगेहाथों पकड़ा, कैश बरामद किया
ACB के DSP ने बताया कि शाशांक को रंगेहाथों पकड़ा गया है। जब उसके कैबिन की तलाशी ली गई तो अलमारी से 3 लाख 50 हजार रुपए बरामद किए गए। मौके से शशांक को हिरासत में ले लिया गया था।
घर से भी कैश बरामद
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद टीम शशांक के अशोक विहार गली नंबर-6 स्थित आवास पर पहुंच गई। टीम ने वहां भी तलाशी ली और पीए के घर से कैश और कुछ आभूषण मिले। कैश करीब 5 लाख 75 हजार रुपए है।