मेहंदीपुर बालाजी दर्शन के लिए निकले एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई। दौसा में कलेक्ट्रेट चौराहे के पास RTO ऑफिस के सामने कैंटर में घुसने से तेज रफ्तार कार बुरी तरह डैमेज हो गई। आरोप है कि आरटीओ ने वसूली के लिए कैंटर को रुकवाया था। हादसे में मां,
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हादसे का शिकार हुए कार सवार लोगों को मेहंदीपुर बालाजी दर्शन के लिए जाना था, लेकिन वे रास्ता भटक गए और गफलत के चलते एक्सप्रेसवे के भाण्डारेज इंटरचेंज से बालाजी की तरफ जाने की बजाय जयपुर की ओर टर्न कर गए। दौसा पहुंचने पर रास्ते का पता चला तो यूटर्न कर बालाजी के लिए रवाना हुए। आरटीओ आफिस के पास एक्सीडेंट में सभी की मौत हो गई। वहीं हादसे के बाद शवों को लेने के लिए भाई-बहन के ताऊ आए थे। वे हॉस्पिटल में मॉर्च्युरी के बाहर गुमसुम बैठे रहे।
घटना शुक्रवार रात करीब 12 बजे जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर दौसा कलेक्ट्रेट के पास की है। जहां तेज रफ्तार कार हाईवे पर पहले से खड़े कैंटर में घुस गई। जिससे कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।

कोतवाली थाना इंचार्ज सुधीर उपाध्याय ने बताया कि मृतकों की पहचान रोहतक (हरियाणा) जिले के खेड़ी साध क्षेत्र निवासी प्रमिला देवी (40), उसकी बेटी साक्षी (16), बेटा दीपांशु (20) और राजबाला जाट (60) रिश्ते की दादी के रूप में हुई है। परिवार के एक साथ खत्म होने से मृतक दीपांशु के ताऊ भगवान सिंह किसी से बात भी नहीं कर पा रहे थे, वे हॉस्पिटल में मॉर्च्युरी के पास चुपचाप अकेले बैठे रहे।
दो दिन पहले बालाजी आने का बना प्लान
दीपांशु का दो दिन पहले ही मेहंदीपुर बालाजी आने का प्लान बना था। वह दोस्त की कार से बहन, मां और दादी को लेकर आ रहा था। रास्ता भटकने की वजह से परिवार हादसे का शिकार हो गया। बालाजी से मन्नत के लिए लेकर आए नारियल व झंडे उनकी कार में पड़े देख उनके साथ आए लोग आंसू नहीं रोक पाए।

तस्वीर दीपांशु के जन्मदिन की है। उसकी बहन साक्षी केक खिलाते हुए, पीछे बैठी और मां प्रमिला देवी।
पिता के बाद बेटा-बेटी व पत्नी की भी मौत
मृतक दीपांशु के पिता राजेंद्र प्राइवेट गाड़ी चलाते थे। जिनकी तीन महीने पहले बीमारी के चलते मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद परिवार के पालन-पोषण के लिए इकलौता बेटा दीपांशु रोहतक में ही प्राइवेट कंपनी में जॉब करने लगा था।

एक्सीडेंट में कार चकनाचूर हो गई।
आरटीओ ने रुकवा रखी थी कैंटर गाड़ी
रोहतक से ही दूसरी कार में सवार आनंद शर्मा ने बताया कि 3 गाडियों में सवार होकर करीब 15 लोग मेहंदीपुर बालाजी के लिए रवाना हुए थे। अलवर के पास रात 9 बजे दीपांशु से अंतिम बार बात होने पर उसने कहा था कि जाम में फंस गया हूं, तुम लोग चलो, हम पीछे आ रहे हैं। इसके बाद साथ की दोनों कार मेहंदीपुर बालाजी पहुंच गई। रात करीब 12 बजे एक्सीडेंट की सूचना के मिली। मौके पर पहुंचे तो चारों की मौत होने की जानकारी मिली। आसपास के लोगों से पता करने पर सामने आया कि आरटीओ ने कैंटर गाड़ी को हाईवे पर रुकवाया था, जिसके कारण हादसा हुआ है।
प्रशासन को एक्शन लेना चाहिए
मृतक राजाबाला के बेटे सुमित ने कहा कि अभी जो हुआ, वह तो हो गया, लेकिन भविष्य में ऐसी घटना फिर से नहीं हो, इसके लिए लोकल प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। रिपोर्ट देकर कार्रवाई की मांग करेंगे।
घटना को लेकर कोतवाली थाना इंचार्ज सुधीर उपाध्याय ने बताया कि मौके पर पहुंचे तो कैंटर में कार फंसी हुई थी और वहां कोई नहीं मिला। मामले की जांच की जा रही है, यदि कोई लापरवाही सामने आएगी तो कार्रवाई की जाएगी।

दौसा में सड़क हादसे में क्षतिग्रस्त हुई दीपांशु की कार की जांच करते पुलिस कर्मी।
कलेक्टर के निर्देश भी बेअसर
8 जनवरी 2025 को कलेक्ट्रेट में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में आरटीओ ने हाईवे पर वाहनों की चेकिंग के दौरान हादसों का मामला उठाया था। जिस पर कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने बैठक में मौजूद डीटीओ संजीव भारद्वाज को चेतावनी देते हुए कहा था कि कलेक्ट्रेट के आसपास वाहनों की चेकिंग तत्काल प्रभाव से बंद की जाए। जिसके बाद कई दिन कलेक्टर की चेतावनी का असर रहा, लेकिन कुछ दिन बाद ही फिर वाहनों की चेकिंग की जाने लगी। शुक्रवार रात एक्सीडेंट में 4 लोगों की मौत के बाद कई सवाल खड़े हो गए हैं कि आरटीओ की व्यवस्था में सुधार कब आएगा।
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जयपुर-आगरा हाईवे पर खड़े कैंटर में पीछे से कार जा घुसी। इस हादसे में कार सवार मां, बेटा-बेटी सहित 4 लोगों की मौत हो गई। दुर्घटना शुक्रवार की देर रात करीब सवा बारह बजे दौसा के कलेक्ट्रेट चौराहे के पास RTO ऑफिस के सामने हुई। आरोप है कि RTO टीम ने चेकिंग के कारण हाईवे किनारे कैंटर को रोका था, तभी हादसा हो गया। (पढ़े पूरी खबर)