अलवर जिले के 50 साल के रामफूल वृद्धावस्था पेंशन उठा रहे थे, क्योंकि दस्तावेजों में जन्म साल 1974 के बजाय 1953 लिखवा दिया गया था।
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इसी तरह जयपुर के जमवारामगढ़ के 35 साल के हरजी लाल भी दस्तावेजों में गड़बड़ी कर वृद्धावस्था पेंशन उठा रहे थे।
ये तो सिर्फ 2 उदाहरण हैं। राजस्थान में 1 अप्रैल 2024 से लेकर 31 मई 2025 तक कम उम्र के बावजूद वृद्धावस्था पेंशन उठाने के ऐसे 99 हजार 677 केस सामने आ चुके हैं। जन आधार के माध्यम से भौतिक सत्यापन हुआ तो सामाजिक सुरक्षा पेंशन में फर्जीवाड़े की हकीकत सामने आई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने तत्काल ऐसे लोगों की पेंशन निरस्त कर दी है। जांच में 1.75 लाख ऐसे लोग भी सामने आए, जिनकी मौत के बाद भी उनके खातों में पेंशन जा रही थी।
पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन शुरू की तो बड़ी संख्या में अपात्र लोगों ने भी पेंशन के लिए आवेदन कर दिया। अधिकारियों ने भी भौतिक सत्यापन कराए बगैर जल्दबाजी में उनके पीपीओ जारी कर दिए। जब लोगों का भौतिक सत्यापन शुरू हुआ तो केस सामने आए। तमाम लोग ऐसे थे, जो पेंशन लेने के पात्र नहीं थे।
भौतिक सत्यापन में कई ऐसे लोग निकले जो सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त हुए और पेंशन का लाभ लेते हुए सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए भी आवेदन कर दिया।
कई लोगों की उम्र तय मापदंड से कम होने के बावजूद उन्होंने आवेदन कर दिए और पात्र बनकर पेंशन उठाते रहे। यह सब अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।

1 करोड़ रुपए से ज्यादा की रिकवरी करनी होगी राजस्थान में 55 वर्ष की महिला और 58 साल के पुरुष को पेंशन देने का प्रावधान है। वर्तमान में 1250 रुपए पेंशन दी जा रही है। जिन लोगों ने कम उम्र होने के बावजूद अधिक उम्र दिखाकर पेंशन उठाई तब 1150 रुपए पेंशन का भुगतान हुआ था। सरकार के सामने बड़ी चुनौती पेंशन रिकवरी की है। पूर्व में जिन अपात्र लोगों ने फर्जी तरीके से पेंशन उठाई थी, उनसे सरकार अभी तक फूटी कौड़ी तक रिकवर नहीं कर पाई है। अधिकारियों का कहना है कि कम उम्र दिखाकर पेंशन लेकर सरकार को एक करोड़ से ज्यादा की चपत लगाई गई है।
मुख्य सचिव के सामने उठा मुद्दा फर्जी तरीके से पेंशन उठाने का यह मामला हाल ही में मुख्य सचिव सुधांश पंत के सामने भी उठा। मुख्य सचिव ने वसूली के निर्देश दिए, लेकिन सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने वसूली में असमर्थता जता दी। अब बड़ा सवाल यह है कि फर्जी तरीके से उठाई गई पेंशन की वसूली कैसे हो? हालांकि, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत का कहना है कि वसूली की प्रक्रिया निरंतर जारी है। समय लग सकता है।


5 लाख अपात्र व्यक्तियों की पेंशन बंद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक अप्रैल 2024 से 31 मई 2025 तक प्रदेश में 5 लाख 66 हजार 155 अपात्र व्यक्तियों ने पेंशन उठा ली। इसमें सभी कैटेगिरी के लोग शामिल है। अधिकारियों के मुताबिक, फर्जीवाड़ा सामने आया तो तत्काल ऐसे लोगों की पेंशन बंद कर दी गई।
- 1 लाख 75 हजार 076 लोगों की मौत के बाद उनकी पेंशन बंद कर दी गई।
- 99 हजार 677 लोग कम उम्र के बावजूद वृद्धावस्था पेंशन उठा रहे थे।
- 78 हजार 947 लोगों ने पेंशन उठाई, जो दूसरे राज्यों में रह रहे हैं।
- 42 हजार 810 लोगों ने गलत तथ्यों के आधार पर जानकारी देकर पेंशन उठा ली।
- 22 हजार 159 ऐसे अपात्र व्यक्तियों ने पेंशन उठाई, जिनके परिवार के सदस्य सरकारी कर्मचारी हैं।
- 17 हजार 720 डुप्लीकेट पेंशन धारी हैं।
- 13 हजार 326 लोगों ने पेंशन उठा ली, जो आयकर के दायरे में आते हैं।
- 6 हजार 531 ऐसे लोगों ने पेंशन उठाई, जिनके माता-पिता, बेटा-बेटी सरकारी सेवा में हैं।
- 6 हजार 240 ने स्वेच्छा से पेंशन बंद करा दी।
- 1 हजार 410 ने दाेबारा शादी करने के बावजूद पेंशन उठा ली।
- 1 हजार 61 ने सरकारी नौकरी के बावजूद पेंशन उठा ली।
- 415 लोगों ने सरकारी पेंशन मिलने के बावजूद सामाजिक योजना की पेंशन उठाई।
