Turkey Prophet Muhammad Cartoon Controversy | Leman Magazine | तुर्किये में पैगंबर के कथित कार्टून पर विवाद: मिसाइलों की बारिश के बीच मूसा से हाथ मिलाते दिखाया, कार्टूनिस्ट समेत 4 गिरफ्तार

Actionpunjab
7 Min Read


अंकारा16 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
तुर्किये के इस्तांबुल में कार्टून बनाने वाली मैगजीन के बाहर सोमवार रात पुलिस, प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करती हुई। - Dainik Bhaskar

तुर्किये के इस्तांबुल में कार्टून बनाने वाली मैगजीन के बाहर सोमवार रात पुलिस, प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करती हुई।

तुर्किये में पैगंबर मुहम्मद का कार्टून छपने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, लेमन मैगजीन ने 26 जून को एक कार्टून पब्लिश किया था, जिसमें पैगंबर मुहम्मद और पैगंबर मूसा जैसे दिखने वाले दो शख्स को आसमान से गिरती मिसाइलों के बीच हवा में हाथ मिलाते हुए दिखाया गया था। इस कार्टून के सामने आने के बाद पूरे तुर्किये में लोगों का गुस्सा भड़क गया।

गुस्साए लोगों ने इस्तांबुल में लेमन मैगजीन के ऑफिस के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वे ‘दांत के बदले दांत, खून के बदला खून’ के नारे लगा रहे थे। कुछ प्रदर्शनकारियों ने, जो एक इस्लामिक संगठन से जुड़े बताए जा रहे हैं, पत्रिका के दफ्तर पर पत्थरबाजी भी की।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कार्टून बनाने वाले कार्टूनिस्ट डोगन पहलवान को गिरफ्तार कल लिया है। इसके अलावा लेमन के चीफ एडिटर, मैनेजिंग एडिटर और ग्राफिक डिजाइनर की भी गिरफ्तारी हुई है।

लेमैन मैगजीन के बाहर प्रदर्शन करते लोग

सरकार बोली- यह फ्रीडम ऑफ स्पीच नहीं

घटना के बाद तुर्किये के गृहमंत्री अली येरलिकाया ने बयान जारी कर कहा कि यह प्रेस की आजादी या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है, बल्कि धार्मिक भावनाओं का अपमान है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।

तुर्किये के न्याय मंत्री यिलमाज टुंक ने कहा कि इस तरह के कार्टून धार्मिक भावनाओं और सामाजिक सौहार्द का अपमान करते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि कोई भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बहाना बनाकर किसी धर्म के प्रतीकों का अपमान नहीं कर सकता।

गृह मंत्री येरलिकाया ने कहा कि वे पैगंबर साहब का मजाक उड़ाने वाले इस शर्मनाक कार्टून की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतें हमारे धार्मिक भावनाओं का अपमान करती हैं। मुसलमानों के दिल को ठेस पहुंचाती हैं। ये काम लोगों को भड़काने वाले हैं, और जो ऐसा करने की कोशिश करेंगे, उन्हें कानून के सामने जवाब देना होगा।

उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया जिसमें कार्टूनिस्ट को हथकड़ी लगाकर सीढ़ियों पर ले जाया जा रहा है।

लेमैन मैगजीन ने सोशल मीडिया पर माफी मांगी

तुर्किये में धर्मनिरपेक्ष कानून लागू है, लेकिन वहां पर किसी के धार्मिक मूल्यों का सार्वजनिक रूप से अपमान करने पर एक साल तक की जेल हो सकती है। हालांकि विवाद बढ़ने पर लेमैन मैगजीन ने सोशल मीडिया पर माफी जारी की और कहा कि कार्टून का मकसद इस्लाम का अपमान करना नहीं था।

पत्रिका लेमन के एडिटर टुनके अकगुन ने कहा कि जिस कार्टून को लेकर विवाद हुआ है, उसे गलत तरीके से समझा गया है। उन्होंने साफ किया कि यह कार्टून पैगंबर मुहम्मद का कैरिकेचर नहीं है, बल्कि इसमें इजराइल की बमबारी में मारे गए एक मुस्लिम व्यक्ति को दिखाया गया है, जिसका नाम काल्पनिक तौर पर मुहम्मद रखा गया था।

अकगुन ने बताया कि दुनिया में 200 मिलियन से ज्यादा लोगों का नाम मुहम्मद है और कार्टून का मकसद कभी भी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। पत्रिका ने उन पाठकों से माफी मांगी है जो इस कार्टून से आहत हुए। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग जानबूझकर कार्टून का गलत मतलब निकालकर इसे विवादित बना रहे हैं।

अकगुन ने बताया कि इस कार्टून को लेकर हो रही प्रतिक्रिया चार्ली हेब्दो जैसी घटनाओं की याद दिला रही है, जब 2015 में पैगंबर का कार्टून छापने पर फ्रांस की इस पत्रिका पर हमला हुआ था और 12 लोगों की जान चली गई थी। उन्होंने जोर दिया कि लेमन कभी भी ऐसा जोखिम नहीं उठाएगी जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।

चार्ली हेब्दो कार्टून विवाद में 12 लोगों की जान गई थी

यह घटना लोगों को 2015 में पेरिस में हुए चार्ली हेब्दो हमले की याद दिला रही है, जब पैगंबर मुहम्मद के कार्टून को लेकर फ्रांस की चर्चित कार्टून मैगजीन के ऑफिस पर हमला हुआ था। इसमें संपादक समेत 12 लोगों की जान चली गई थी। कई लोग घायल भी हुए थे।

चार्ली हेब्दो लंबे समय से अपने विवादास्पद और तीखे राजनीतिक-धार्मिक कार्टूनों के लिए जाना जाता था। इस मैगजीन ने पैगंबर मुहम्मद के कार्टून कई बार छापे थे, जिन्हें मुसलमानों ने अपमानजनक और भड़काऊ माना। कट्टरपंथियों ने इसे इस्लाम का अपमान बताया और इसका बदला लेने के लिए मैगजीन पर हमला किया।

7 जनवरी 2015 को चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला हुआ था। इसमें 12 लोगों की जान चली गई थी। इनमें पत्रकार, कार्टूनिस्ट और पुलिसकर्मी शामिल थे।

7 जनवरी 2015 को चार्ली हेब्दो के ऑफिस पर हमला हुआ था। इसमें 12 लोगों की जान चली गई थी। इनमें पत्रकार, कार्टूनिस्ट और पुलिसकर्मी शामिल थे।

यह घटना यूरोप और पूरी दुनिया में इस्लामी कट्टरता, धार्मिक भावनाओं और अभिव्यक्ति की आजादी के बीच तनाव का प्रतीक बन गई। फ्रांस और कई यूरोपीय देशों में कट्टरपंथ के खिलाफ सख्त कानून लाए गए। फ्रांस में मुस्लिम समुदाय और बहुसंख्यक समाज के बीच भी खाई बढ़ी और इस्लामोफोबिया की बहस ने जोर पकड़ा।

……………………………………….

तुर्किये से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…

आज का एक्सप्लेनर:भारत ने दोस्त समझकर की तुर्किये की मदद, जंग में खुलकर पाकिस्तान के सपोर्ट में आया; बॉयकाट शुरू, ऐसे पड़ेगी चोट

6 फरवरी 2023 को तुर्किये में इस सदी का सबसे शक्तिशाली भूकंप आया, तो मदद के साथ सबसे पहले भारत के C-17 विमान पहुंचे थे। भारत ने नाम दिया- ऑपरेशन दोस्त। 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद भारत-पाक तनाव बढ़ा, तो उसी तुर्किये ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत के खिलाफ इस्तेमाल होने वाले ड्रोन्स और हथियार भेजे। पूरी खबर यहां पढ़ें…

खबरें और भी हैं…
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *